Fact Check : रमजान के दौरान बांग्लादेश में हिंदू महिला को बस से उतारे जाने का दावा फेक, वीडियो स्क्रिप्टेड है

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि  हिंदू महिला को बुर्का न पहनने की वजह से बस से निकालने के वायरल वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। असल में यह वीडियो स्क्रिप्टेड है और इसे कलाकारों द्वारा बनाया गया है, जिसे लोग अब सांप्रदायिक दावे के साथ शेयर कर रहे हैं।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर बस कंडक्टर से बहस कर रही लड़की का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो को सांप्रदायिक रंग देकर दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो बांग्लादेश का है। जहां पर एक हिंदू महिला को बुर्का न पहनने की वजह से बस में नहीं चढ़ने दिया गया।

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। असल में यह वीडियो स्क्रिप्टेड है और इसे कलाकारों द्वारा बनाया गया है, जिसे लोग अब सांप्रदायिक दावे के साथ शेयर कर रहे हैं।

क्या हो रहा है वायरल ?

फेसबुक यूजर ने 16 मार्च 2024 को वायरल वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “बांग्लादेश में रमजान के महीने में हिंदू महिला को बस में नहीं चढ़ने दिया, बोला बिना बुर्का नहीं ले जायेंगे। और इधर भारत में मुस्लिमों पर होली का पानी फेंकने पे कुछ हिंदू छाती पीट पीट के रो रहे हैं, कि हाय री अन्याय कर दिया मासूमों के साथ।”

पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।

पड़ताल 

वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने वीडियो के कई कीफ्रेम निकाले और उन्हें गूगल रिवर्स इमेज के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें यह वीडियो कार्टन शो नामक एक पेज (आर्काइव लिंक) पर 14 मार्च 2024 को अपलोड हुआ मिला। बंगाली भाषा में कैप्शन में लिखा हुआ है, रमजान के दौरान बस हेल्पर के साथ क्या हो रहा है?

पेज को खंगालने पर हमने पाया कि यह पेज स्क्रिप्टेड वीडियो (आर्काइव लिंक) को अपलोड करता है। पेज को एक लाख से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं। पेज के डिस्क्रिप्शन पर वीडियो क्रिएटर लिखा हुआ है, जिसके बाद यह साफ होता है कि यह पेज एक डिजिटल कंटेंट क्रिएशन पेज है। इस पर मौजूद वीडियो स्क्रिप्टेड है और कलाकारों द्वारा बनाए गए हैं।

पेज पर मौजूद अन्य वीडियो को देखने पर हमने पाया कि वायरल वीडियो में बहस कर रहे लड़की और लड़के ने कई अन्य वीडियो में अलग-अलग तरह के किरदार निभाए हैं। दोनों ने 19 मार्च को पेज पर लाइव आकर लोगों से बातचीत भी की थी। अन्य वीडियो को आप यहां, यहां, यहां, यहां और यहां यहां देख सकते हैं। 

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने बांग्लादेश के फैक्ट चेकर मोहम्मद शेख जमाल से संपर्क किया। हमने वायरल वीडियो को उनके साथ शेयर किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल दावा गलत है। यह वीडियो स्क्रिप्टेड है। यह कुछ समय पहले बांग्लादेश में वायरल हुआ था। उस दौरान हमने इसकी जांच की थी और पाया था कि यह स्क्रिप्टेड है। पूरी रिपोर्ट को यहां पर पढ़ें।

अंत में हमने वीडियो को सांप्रदायिक दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर के अकाउंट को स्कैन किया। हमने पाया कि यूजर दिसंबर 2013 से फेसबुक पर सक्रिय है।

निष्कर्ष : विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि  हिंदू महिला को बुर्का न पहनने की वजह से बस से निकालने के वायरल वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। असल में यह वीडियो स्क्रिप्टेड है और इसे कलाकारों द्वारा बनाया गया है, जिसे लोग अब सांप्रदायिक दावे के साथ शेयर कर रहे हैं।

False
Symbols that define nature of fake news
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