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Fact Check: WHO ने नहीं जारी की दूध में मिलावट के कारण देश में 2025 तक 87 फीसदी लोगों को कैंसर होने की चेतावनी

डब्ल्यूएचओ ने दूध और उससे बनने वाले प्रोडक्ट को लेकर भारत सरकार को कोई एडवाइजरी नहीं जारी की है। संगठन ने ऐसी कोई चेतावनी नहीं दी है कि दूध और उससे बने प्रोडक्ट में मिलावट के कारण 2025 तक देश में 87 फीसदी आबादी कैंसर का शिकार हो सकती है।

WHO, India,

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक खबर का स्क्रीनशॉट वायरल हो रहा है। इसमें लिखा है कि डब्ल्यूएचओ ने चेतावनी दी है कि दूध में मिलावट बंद नहीं हुई तो 2025 तक भारत में 87 फीसदी लोग कैंसर का शिकार होंगे।

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि सोशल मीडिया पर वायरल दावा भ्रामक है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन की वेबसाइट पर इस बारे में सफाई देते हुए बयान दिया गया कि दूध में मिलावट को लेकर संगठन ने ऐसी कोई चेतावनी जारी नहीं की है।

क्या है वायरल पोस्ट

फेसबुक यूजर Awani Pratap (आर्काइव लिंक) ने 13 फरवरी को स्क्रीनशॉट पोस्ट किया है। इसकी हेडिंग और सबहेड हैं,

दूध नहीं जहर पीता है इंडिया, उत्पादन 14 करोड़ लीटर लेकिन खपत 64 करोड़ लीटर
WHO की चेतावनी- बंद नहीं हुई मिलावट तो 87% भारतीयों को 2025 तक होगा कैंसर

पड़ताल

वायरल दावे की पड़ताल के लिए हमने सबसे पहले कीवर्ड से इस बारे में गूगल पर ओपन सर्च किया। दैनिक भास्कर (आर्काइव लिंक) में चार साल पहले यह खबर छपी है। इसके मुताबिक, देश में 68.7 फीसदी दूध और उससे बने उत्पाद मिलावटी हैं। एनिमल वेलफेयर बोर्ड के सदस्य मोहन सिंह अहलूवालिया का कहना है कि दूध से बने 89 प्रतिशत प्रोडक्ट में मिलावट होती है। 31 मार्च 2018 तक रोजाना दूध का उत्पादन 14.68 करोड़ लीटर था, जबकि प्रति व्यक्ति खपत 480 ग्राम रोजाना है। डब्ल्यूएचओ भी दूध में मिलावट को लेकर भारत सरकार के लिए चेतावनी जारी कर चुका है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि अगर मिलावट नहीं रुकी तो देश के करीब 87 फीसदी लोग 2025 तक कैंसर जैसी बीमारी के शिकार हो सकते हैं।

न्यूजनेशन (आर्काइव लिंक) की वेबसाइट पर भी 21 सितंबर 2018 को इस बारे में खबर छपी है। इसके अनुसार, डब्ल्यूएचओ ने एडवाइजरी जारी कर कहा है कि भारत में मिलावटी दूध के कारण कैंसर जैसी बीमारी हो सकती है। एनिमल वेलफेयर बोर्ड के सदस्य मोहन सिंह अहलूवालिया ने कहा है कि देश में बिकने वाला 68.7 प्रतिशत दूध और उससे बने प्रोडक्ट मिलावटी हैं। डब्ल्यूएचओ ने भी दूध में मिलावट को लेकर एडवाइजरी जारी कर कहा था कि अगर दूध और उससे बने प्रोडक्ट में मिलावट नहीं रुकी तो 2025 तक देश की करीब 87 प्रतिशत आबादी कैंसर जैसी घातक बीमारी की चपेट में आ सकती है।

इसके बाद हमने डब्ल्यूएचओ की वेबसाइट पर इस बारे में सर्च किया। संगठन की तरफ से एक बयान जारी किया गया है। इसमें लिखा है,

Contrary to reports in a section of media, WHO would like to state that it has not issued any advisory to the Government of India on the issue of adulteration of milk/milk products.

(मीडिया के एक वर्ग की रिपोर्टों के विपरीत WHO यह बताना चाहता है कि उसने दूध/दूध उत्पादों में मिलावट के मुद्दे पर भारत सरकार को कोई सलाह जारी नहीं की है।)

WHO

इस बारे में अधिक जानकारी के लिए हमने डब्ल्यूएचओ की साउथ-ईस्ट एशिया रीजन की कम्युनिकेशन ऑफिसर शमिला शर्मा से मेल के जरिए संपर्क किया। उनका कहना है, ‘डब्ल्यूएचओ ने ऐसी कोई एडवाइजरी नहीं जारी की है।

गलत जानकारी शेयर करने वाले फेसबुक यूजर Awani Pratap की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया। इसके मुताबिक, वह जामनगर में रहते हैं।

इससे पहले भी यह दावा वायरल हो चुका है। उस समय की फैक्ट चेक रिपोर्ट को यहां पढ़ा जा सकता है।

निष्कर्ष: डब्ल्यूएचओ ने दूध और उससे बनने वाले प्रोडक्ट को लेकर भारत सरकार को कोई एडवाइजरी नहीं जारी की है। संगठन ने ऐसी कोई चेतावनी नहीं दी है कि दूध और उससे बने प्रोडक्ट में मिलावट के कारण 2025 तक देश में 87 फीसदी आबादी कैंसर का शिकार हो सकती है।

  • Claim Review : डब्ल्यूएचओ ने चेतावनी दी है कि दूध में मिलावट बंद नहीं हुई तो 2025 तक भारत में 87 फीसदी लोग कैंसर का शिकार होंगे।
  • Claimed By : FB User- Awani Pratap
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