Fact Check: कोरोना के एसिम्पटोमैटिक मरीजों से संक्रमण के बारे में दावा करने वाला ये वीडियो पुराना, WHO दे चुका है सफाई

WHO ने कहा है कि एसिम्पटोमैटिक लोगों से कोरोना वायरस का संक्रमण रेयर है। ऐसा नहीं कहा गया है कि एसिम्पटोमैटिक मरीज संक्रमण नहीं फैला सकते। WHO ने आगे सफाई भी दी है कि कोरोना वायरस के एसिम्टोमैटिक ट्रांसमिशन को लेकर पर्याप्त आंकड़े मौजूद नहीं हैं। WHO के  मुताबिक, इस संबंध में रिसर्च जारी है। वायरल पोस्ट का दावा भ्रामक है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में WHO हेल्थ इमरजेंसी प्रोग्राम की टेक्निकल लीड और संक्रामक महामारी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर मारिया वैन केरखोवे (Dr Maria Van Kerkhove) को देखा जा सकता है। इस वायरल वीडियो के कैप्शन में दावा किया जा रहा है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने यूटर्न लेते हुए कहा है कि एसिम्पटोमैटिक कोविड-19 मरीजों को आइसोलेशन या क्वारंटाइन करने की जरूरत नहीं, क्योंकि वे संक्रमण नहीं फैला सकते। विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल दावा भ्रामक निकला है।

क्या हो रहा है वायरल

आसिफ रहमान नाम के एक ट्विटर यूजर ने इस वीडियो को शेयर किया है। इस वीडियो के कैप्शन में लिखा है, ‘बड़ी खबर: अविश्वसनीय! एसिम्पटोमेटिक मरीजों को आइसोलेशन की जरूरत नहीं है… WHO ने लिया यू-टर्न। दुनिया की अर्थव्यवस्था को नष्ट करने के बाद पूरा यू-टर्न!!’ इस ट्वीट के आर्काइव्ड वर्जन को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।

पड़ताल

विश्वास न्यूज की पड़ताल में पता चला कि वायरल क्लिप 9 जून को हुई WHO की प्रेस ब्रीफिंग का हिस्सा है। उस दिन हुई पूरी प्रेस ब्रीफिंग को यहां नीचे देखा जा सकता है।

WHO हेल्थ इमरजेंसी प्रोग्राम की टेक्निकल लीड और संक्रामक महामारी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर मारिया वैन केरखोवे ने प्रेस ब्रीफिंग के दौरान कहा था, ‘हमारे पास देशों की ऐसी कई रिपोर्ट  हैं, जहां वे काफी विस्तार से कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग करते रहे हैं। वे एसिम्पटोमैटिक केसों को फॉलो कर रहे हैं। वे कॉन्टैक्ट्स को फॉलो कर रहे हैं और आगे उन्हें सेकेंडरी ट्रांसमिशन नहीं दिख रहा। ऐसा होना बहुत दुर्लभ है और ये अभी कहीं कुछ खास प्रकाशित नहीं हुआ है। हम लगातार इस डाटा को देख रहे हैं। हम ऐसे देशों से ज्यादा जानकारी जुटाने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि इस सवाल का सही जवाब दे सकें। ऐसा अभी भी दुर्लभ दिख रहा है कि एक एसिम्पटोमैटिक शख्स वास्तव में आगे संक्रमण फैलाता है।’

डॉक्टर मारिया वैन केरखोवे ने कहा था कि ट्रांसमिशन काफी दुर्लभ है, लेकिन उन्होंने ये नहीं कहा था कि एसिम्पटोमैटिक मरीज कोविड-19 का संक्रमण नहीं फैला सकते।

WHO ने बाद में एक लाइव क्वेश्चन-आंसर सेशन में इस दावे को लेकर स्पष्टीकरण दिया। डॉक्टर मारिया वैन केरखोवे ने कहा, ‘मैं प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक सवाल का जवाब दे रही थी। मैं WHO की पॉलिसी या इस तरह के बारे में कुछ नहीं कह रही थी। मैं बस यह समझाना चाह रही थी कि अबतक हमने क्या जाना है।’ उन्होंने आगे कहा, ‘इसी क्रम में मैंने ‘काफी दुर्लभ’ शब्द का इस्तेमाल किया और मुझे लगता है कि ऐसा समझना भ्रामक होगा कि वैश्विक तौर पर एसिम्पटोमैटिक ट्रांसमिशन दुर्लभ है। मैं एक छोटी स्टडी के संदर्भ में बोल रही थी।’

विश्वास न्यूज को आगे की पड़ताल में WHO का एक ट्वीट मिला, जिसमें भी सफाई पेश की गई है। इस ट्वीट में लिखा है, ‘फरवरी से ही हम कह रहे हैं कि एसिम्पटोमैटिक लोग कोरोना संक्रमण फैला सकते हैं, लेकिन इसके बारे में ज्यादा जानने के लिए हमें और रिसर्च की जरूरत है। यह रिसर्च जारी है।’ इस ट्वीट को नीचे देखा जा सकता है।

WHO की गाइडलाइंस के अनुसार, मौजूदा साक्ष्यों के मुताबिक, अधिकतर संक्रमण सिम्पटोमैटिक लोगों के नजदीकी संपर्क से होते हैं। हालांकि, ऐसे लोगों से भी संक्रमण का खतरा होता है, जो संक्रमित हो चुके हैं, लेकिन जिनमें लक्षण अभी नहीं दिख रहे।

विश्वास न्यूज ने WHO की टेक्निकल ऑफिसर से बात की। उन्होंने बताया कि एसिम्पटोमैटिक ट्रांसमिशन को रेयर बताने वाला वायरल वीडियो पुराना है। इसके बारे में स्पष्टीकरण दिया जा चुका है कि इसे लेकर रिसर्च अभी जारी है।

हमने वायरल वीडियो को ट्वीट करने वाले यूजर आसिफ रहमान के ट्विटर हैंडल की सोशल स्कैनिंग की। फैक्ट चेक किए जाने तक यूजर के 2874 फॉलोअर्स थे।

निष्कर्ष: WHO ने कहा है कि एसिम्पटोमैटिक लोगों से कोरोना वायरस का संक्रमण रेयर है। ऐसा नहीं कहा गया है कि एसिम्पटोमैटिक मरीज संक्रमण नहीं फैला सकते। WHO ने आगे सफाई भी दी है कि कोरोना वायरस के एसिम्टोमैटिक ट्रांसमिशन को लेकर पर्याप्त आंकड़े मौजूद नहीं हैं। WHO के  मुताबिक, इस संबंध में रिसर्च जारी है। वायरल पोस्ट का दावा भ्रामक है।

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