Fact Check : पश्चिम बंगाल में बच्चा चोरी की अफवाह के कारण महिला पर कुछ लोगों ने हमला कर दिया था, वीडियो सांप्रदायिक दावे से वायरल  

पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में जून में बच्चा चोरी की अफवाह पर कुछ लोगों ने महिला पर हमला बोल दिया था। उस घटना के वीडियो को गलत सांप्रदायिक रंग देकर शेयर किया जा रहा है। 

Fact Check : पश्चिम बंगाल में बच्चा चोरी की अफवाह के कारण महिला पर कुछ लोगों ने हमला कर दिया था, वीडियो सांप्रदायिक दावे से वायरल  

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। पश्चिम बंगाल के नाम से एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें कई लोगों को एक महिला पर हमला करते हुए देखा जा सकता है। इस दौरान वहां पुलिस भी मौजूद दिख रही है। पुलिस वाहन को भी नुकसान पहुंचा है। कुछ यूजर्स इस वीडियो को शेयर कर दावा कर रहे हैं कि वेस्ट बंगाल में मुस्लिम लोग पुलिस के सामने हिंदू महिला को पीट रहे हैं।

विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में पाया कि वीडियो में दिख रही महिला मुस्लिम है। इसे गलत सांप्रदायिक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है। जून में महिला पर बच्चा चोरी के शक में हमला किया गया था। इस मामले में पुलिस ने कुछ हमलावरों को गिरफ्तार भी किया था।  

क्या है वायरल पोस्ट

विश्‍वास न्‍यूज के टिपलाइन नंबर +91 9599299372 पर यूजर्स ने इस पोस्ट को भेजकर इसकी सच्चाई बताने का अनुरोध किया।

फेसबुक यूजर Vipin Kulkarni ने 4 सितंबर को वीडियो को पोस्ट (आर्काइव लिंक) करते हुए लिखा,

पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की पुलिस के सामने ही शरिया कानून के तहत एक हिंदू महिला को —- सजा दे रहे है। देखिये पुलिस केसे तमाशबीन बनी हुई है….

कहा गये सविधान, मानवाधिकार की दुहाई देने वाले कांगेस, सपा, ऐसी स्थिति पूरे देश में लागू करना चाहते है। बड़े शर्म की बात है कि कुछ हिंदू इनको समर्थन करते है।”

पड़ताल

वायरल वीडियो को देखने पर हमें गाड़ी पर बारासात पुलिस लिखा दिखा। गाड़ी का नंबर भी पश्चिम बंगाल लिखा हुआ है।

इस आधार पर हमने कीवर्ड से गूगल पर सर्च किया। 19 जून को इससे संबंधित खबर को टीवी 9 बांग्ला के यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया गया है। इसमें वायरल वीडियो के हिस्से को देखा जा सकता है। इसमें जानकारी दी गई है कि बच्चे के अपहरण की अफवाह के कारण लोगों ने महिला पर हमला बोल दिया। पुलिस ने इस मामले में कुछ लोगों को गिरफ्तार किया है।

कोलकाता टीवी के यूट्यूब चैनल पर भी 19 जून को इससे संबंधित वीडियो न्यूज को अपलोड किया गया है। इसमें पुलिस अधिकारी कह रहा है कि बारासात थाना क्षेत्र में सोशल मीडिया पर बच्चा चोरी की अफवाह उड़ी थी। इसको लेकर अभिभावकों में डर पैदा हो गया। इसके बाद दो मामले हुए हैं। स्कूल के बाहर बच्चों का इंतजार कर रहे अभिभावकों ने महिला पर हमला बोल दिया। इस दौरान उन्होंने पुलिस के काम में भी रुकावट डाली। इस केस में कुछ लोगों को गिरफ्तार किया गया है। अभी और लोगों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा।  

22 जुलाई को बरसत पुलिस की ओर से पोस्ट कर जानकारी दी गई है कि भीड़ द्वारा एक महिला की पिटाई का पुराना वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किया जा रहा है। अफवाह फैलाने वाली यह घटना एक महीने पहले बारासात पुलिस थाना क्षेत्र में हुई थी। इसमें तीन मामले दर्ज किए गए थे और 14 लोगों को गिरफ्तार किया गया था।

इस बारे में हमने बारासात पुलिस थाने के प्रभारी मैनक बनर्जी से संपर्क किया। उनका कहना है कि जून में बच्चा चोरी की अफवाह के कारण कुछ लोगों ने महिला पर हमला कर दिया था। इसमें कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है। महिला हिंदू नहीं थी।

वीडियो को सांप्रदायिक दावे के साथ शेयर करने वाले फेसबुक यूजर की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया। इंदौर में रहने वाले यूजर एक विचारधारा से प्रभावित हैं।

निष्कर्ष: पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में जून में बच्चा चोरी की अफवाह पर कुछ लोगों ने महिला पर हमला बोल दिया था। उस घटना के वीडियो को गलत सांप्रदायिक रंग देकर शेयर किया जा रहा है। 

Misleading
Symbols that define nature of fake news
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