Fact Check: वृंदावन के हनुमान दास बाबा का करीब 10 साल पहले हो चुका है निधन, वायरल दावा भ्रामक

वृंदावन के हनुमानदास बाबा का नवंबर 2013 में निधन हो चुका है । हालांकि, उनकी उम्र के बारे में हम कोई पुष्टि नहीं करते हैं। सोशल मीडिया पर वायरल दावा भ्रामक है।

Fact Check: वृंदावन के हनुमान दास बाबा का करीब 10 साल पहले हो चुका है निधन, वायरल दावा भ्रामक

नई दिल्ली (विश्‍वास न्‍यूज)। सोशल मीडिया पर एक वृद्ध की तस्वीर शेयर की जा रही है। कुछ यूजर्स इस तस्वीर को शेयर कर दावा कर रहे हैं कि वायरल फोटो वृंदावन में रहने वाले 176 वर्षीय हनुमान दास बाबा की है, जो जीवित हैं।

विश्‍वास न्‍यूज ने अपनी जांच में पाया कि वृंदावन के हनुमान दास बाबा का करीब 10 साल पहले निधन हो चुका है । वायरल तस्वीर कई साल से इंटरनेट पर मौजूद है। हालांकि, उनकी उम्र के बारे में कोई प्रमाण नहीं मिल पाया, जिस कारण हम इस बारे में कोई पुष्टि नहीं करते हैं।

क्या है वायरल पोस्ट

फेसबुक यूजर ‘धीरज सिंह चौहान‘ (आर्काइव लिंक) ने 2 अक्टूबर को तस्वीर शेयर करते हुए लिखा,

176 वर्षीय हनुमान दास बाबा: वृन्दावन के जीवित संत।
वृंदावन के हनुमान दास बाबा, जो 1845 में पैदा हुए पृथ्वी पर सबसे
पुराने जीवित संतों में से एक हैं।

जायतु सनातन धर्म
जय श्री राम”

फेसबुक पर अन्य यूजर्स ने भी इस फोटो को समान दावे के साथ शेयर किया है।

पड़ताल

वायरल दावे की जांच के लिए हमने सबसे पहले तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज की मदद से सर्च किया। इंडिया डिवाइन नाम की वेबसाइट पर हमें 4 जुलाई 2014 को छपे आर्टिकल में यह तस्वीर मिली। इसमें लिखा है, “ये तस्वीरें वृंदावन के हनुमान दास बाबा की हैं, जो पृथ्वी पर सबसे पुराने जीवित संतों में से एक हो सकते हैं। एक बार मैंने इन बाबा से पूछा कि उनकी उम्र कितनी है? उन्होंने उत्तर दिया कि उन्हें अपनी उम्र याद नहीं है, लेकिन उन्हें याद है कि जब झांसी रानी ने अंग्रेजों से लड़ाई की थी, तब वह 12 वर्ष के थे। इससे आप उनकी उम्र का अंदाजा लगा सकते हैं। झांसी की रानी ने 1857 में अंग्रेजों से लड़ाई की थी, इसलिए उनकी उम्र लगभग 170 वर्ष होगी।” मतलब यह तस्वीर काफी साल से इंटरनेट पर मौजूद है। खबर में दावा किया गया कि उनकी उम्र 170 साल है।

दैनिक जागरण की वेबसाइट पर 19 मई 2013 को छपी खबर में लिखा है, “वृंदावन से हाथरस आए एक संत को देखने के लिए लोगों की भीड़ लग गई। संत के शिष्यों का दावा था कि उनकी उम्र 175 वर्ष है। रुई की मंडी स्थित मंदिर पर संत हनुमान दास ब्रह्माचारी को देखने के लिए काफी लोग आए। उनके शिष्य गुड्डू् दास ने बताया कि 12 वर्ष की आयु में हनुमान दास जी उत्तराखंड से वृंदावन आ गये थे और तभी से यहीं ब्रज भूमि में रम कर रह गए। वृंदावन गोपालखार परिक्रमा मार्ग स्थित गऊशाला उनको के निर्देशन में चल रही है। वह यहां उपचार के लिए आए हैं।”

26 नवंबर 2013 को दैनिक जागरण की वेबसाइट पर छपी खबर में लिखा है, “वृंदावन के हनुमानदास ब्रह्मचारी ब्रह्मलीन हो गए। निधन के बाद उनके अंतिम दर्शन के लिए अनुयायियों का तांता लगा रहा।”

इस बारे में मथुरा में दैनिक जागरण के ब्यूरो चीफ विनीत मिश्रा से संपर्क कर उनको वायरल तस्वीर भेजी। उनका कहना है, “वायरल फोटो हनुमान दास बाबा की है। नवंबर 2013 में उनका निधन होचुका है। उनकी उम्र के बारे में बस दावे किए गए हैं, लेकिन इसका कोई प्रमाण नहीं है।

इससे साफ होता है कि हनुमान दास बाबा का निधन करीब 10 साल पहले हो चुका है। हालांकि, विश्‍वास न्‍यूज स्वतंत्र रूप से उनकी उम्र के बारे में कोई पुष्टि नहीं करता है।

अंत में भ्रामक दावा शेयर करने वाले यूजर की प्रोफाइल को स्कैन किया। यूजर दिल्ली में रहते हैं और उनके करीब 5 हजार फॉलोअर्स हैं।

निष्कर्ष: वृंदावन के हनुमानदास बाबा का नवंबर 2013 में निधन हो चुका है । हालांकि, उनकी उम्र के बारे में हम कोई पुष्टि नहीं करते हैं। सोशल मीडिया पर वायरल दावा भ्रामक है।

Misleading
Symbols that define nature of fake news
पूरा सच जानें...

सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews.com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्‍यम से भी सूचना दे सकते हैं।

Related Posts
नवीनतम पोस्ट