Fact Check : भाजपा को वोट न देने की शपथ दिलाए जाने का पुराना वीडियो भ्रामक दावे से वायरल

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो पुराना है। साल 2018 के इटारसी के वीडियो को अब कुछ लोग भ्रामक दावे के साथ शेयर कर रहे हैं।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में कुछ युवक और युवतियों को भाजपा के खिलाफ शपथ लेते हुए देखा जा सकता है। यूजर्स इस वीडियो को शेयर कर दावा कर रहे हैं कि सरकार से नाराज छात्रों ने बीजेपी को वोट ना देने की शपथ ली।

विश्‍वास न्‍यूज की जांच में दावा भ्रामक निकला। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो हालिया नहीं है, बल्कि साल 2018 का मध्य प्रदेश के इटारसी का है। जिसे अब हालिया बताकर शेयर किया जा रहा है। वीडियो का हाल-फिलहाल से कोई संबंध नहीं है।

क्‍या हो रहा है वायरल

इंस्टाग्राम यूजर vinodkumar_prajapat ने 18 अप्रैल 2024 को एक वीडियो को अपलोड करते हुए दावा किया,”देखी लोगों ने बीजेपी के साथ किस प्रकार का शपथ लिया व्यवहार करने के लिए। वेकेंसी ना देने के कारण सरकार से नाराज छात्रों ने BJP को वोट ना देने का शपथ लिया।”

पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखें।

पड़ताल

वायरल वीडियो की पड़ताल के लिए हमने संबंधित कीवर्ड से सर्च किया। हमें विऑन (WION ) के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर वीडियो अपलोड मिला। 29 जनवरी 2018 को अपलोड वीडियो में बताया गया है,वीडियो मध्य प्रदेश के इटारसी का है, जहां विजयलक्ष्मी इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट में छात्रों ने बीजेपी के खिलाफ शपथ ली।”

वीडियो से जुड़ी खबर हमें इंडिया टीवी पर भी मिली। 29 जनवरी 2018 को प्रकाशित खबर में बताया गया है, “यह वीडियो मध्य प्रदेश के इटारसी का है, जब 26 जनवरी को स्टूडेंट्स ने BJP को वोट न देने की शपथ ली थी।

पहले भी यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है। उस दौरान विश्वास न्यूज ने दावे की पड़ताल कर सच्चाई सामने रखी थी। हमने वीडियो को लेकर इटारसी से प्रकाशित नईदुनिया के ब्‍यूरो चीफ अरविंद शर्मा से संपर्क किया था। उन्होंने बताया,”वायरल वीडियो 26 जनवरी 2018 का है। उस वक्त इटारसी के एक संस्‍थान ने अपने छात्रों को भाजपा के खिलाफ शपथ दिलाई थी।” फैक्ट चेक रिपोर्ट को यहां पर पढ़ा जा सकता है।

अंत में हमने पोस्ट को शेयर करने वाले यूजर के अकाउंट को स्कैन किया। हमने पाया कि यूजर को इंस्टाग्राम पर 85 हजार से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो पुराना है। साल 2018 के इटारसी के वीडियो को अब कुछ लोग भ्रामक दावे के साथ शेयर कर रहे हैं।

Misleading
Symbols that define nature of fake news
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