Fact Check : पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की अंतिम अरदास के वीडियो को हालिया किसान आंदोलन का बताकर किया जा रहा शेयर

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि सिद्धू मूसेवाला की अंतिम अरदास के वीडियो को हालिया किसान आंदोलन से जोड़कर भ्रामक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है। वायरल वीडियो पुराना है, इसका हाल-फिलहाल से कोई संबंध नहीं है।

Fact Check : पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की अंतिम अरदास के वीडियो को हालिया किसान आंदोलन का बताकर किया जा रहा शेयर

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। सोशल मीडिया पर हालिया चल रहे किसान आंदोलन को लेकर कई दावे वायरल किए जा रहे हैं। अब इसी से जोड़ते हुए एक वीडियो वायरल किया जा रहा है, जिसमें एक सिख युवक को एक मुस्लिम व्यक्ति को पगड़ी पहनाते हुए देखा जा सकता है। कुछ यूजर्स इस वीडियो को हालिया किसान आंदोलन से जोड़कर शेयर कर रहे हैं।

विश्वास न्यूज की जांच में वायरल दावा भ्रामक निकला। असल में वायरल वीडियो साल 2022 का है, जब दिवंगत पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की अंतिम अरदास पर ‘दस्तार लंगर’ लगाया गया था। वायरल वीडियो का हालिया किसान आंदोलन से कोई संबंध नहीं है। पुराने वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।

क्या है वायरल पोस्ट?

विश्‍वास न्‍यूज के टिपलाइन नंबर +91 95992 99372 पर यूजर ने इस पोस्ट को भेजकर इसकी सच्चाई बताने का आग्रह किया। इसमें लिखा है,” Kisan Andolan, reality.*

आप खुद इस वीडियो के माध्यम से देखे की कैसे मुसलमानो को नकली सरदार बनाकर नकली किसान तैयार किये जा रहें है

*यह ही है किसान आंदोलन का असली सच नकली किसान…”

फेसबुक यूजर Shyam Sundar Sharma (श्याम सुंदर शर्मा) (आर्काइव लिंक) ने 18 फरवरी को वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा है, “Kisan Andolan, reality.* आप खुद इस वीडियो के माध्यम से देखे की कैसे मुसलमानो को नकली सरदार बनाकर नकली किसान तैयार किये जा रहें है और सरदारों को बदनाम किया जा रहा है…

*यह ही है किसान आंदोलन का असली सच नकली किसान…”

फेसबुक पर कुछ अन्य यूजर्स ने भी इस वीडियो को समान दावे के साथ शेयर किया है।

पड़ताल

हमने वायरल वीडियो को ध्यान से देखा। पगड़ी पहन रहे व्यक्ति के पीछे लगे पोस्टर में ‘सरदारियां ट्रस्ट पंजाब’ लिखा हुआ नजर आया। हमने Sardarian Trust Punjab के सोशल मीडिया हैंडल पर इस वीडियो को सर्च किया। हमें 12 जून 2022 को ‘सरदारियां ट्रस्ट पंजाब’ के फेसबुक पेज पर वीडियो से जुड़ी पोस्ट मिली। पोस्ट के कैप्शन में लिखा गया था, “मूसेवाला की अंतिम अरदास ‘सरदारियाँ ट्रस्ट ने लगाया दस्तारों का लंगर, मुसलमान और हिंदू भाई कहते हमें भी दस्तार सजानी है।”

सर्च के दौरान हमें ‘सरदारियां ट्रस्ट पंजाब’ के इंस्टाग्राम अकाउंट पर भी यह वीडियो मिला। 10 जून 2022 को अपलोड वीडियो के साथ दी गई जानकारी के अनुसार, वीडियो सिद्धू मूसेवाला की अंतिम अरदास पर लगाए गए दस्तारों के लंगर का है।

कई फेसबुक यूजर ने इस वीडियो को शेयर किया है। 

पहले भी एक बार यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किया गया था। उस समय इसे जंतर-मंतर पर हुए पहलवानों के प्रदर्शन का बताकर शेयर किया गया था। उस समय भी विश्वास न्यूज ने इस वीडियो की जांच की थी। वीडियो के बारे में जानने के लिए उस समय हमने सिद्धू मूसेवाला की मौत से जुड़ी खबरों को कवर करने वाले पंजाबी जागरण मानसा के रिपोर्टर हरकृष्ण शर्मा से संपर्क किया था। उन्होंने हमें बताया था, “वीडियो सिद्धू मूसेवाला की अंतिम अरदास के समय लगाए गए दस्तार लंगर का है।” फैक्ट चेक रिपोर्ट को यहां पढ़ें।

वायरल वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले फेसबुक यूजर श्याम सुंदर शर्मा के 733 मित्र हैं। यूजर ने खुद को इंदौर का रहने वाला बताया है।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि सिद्धू मूसेवाला की अंतिम अरदास के वीडियो को हालिया किसान आंदोलन से जोड़कर भ्रामक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है। वायरल वीडियो पुराना है, इसका हाल-फिलहाल से कोई संबंध नहीं है।

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