Fact Check: पेड़ में से खून निकलने का दावा फर्जी, लाल तरल पदार्थ को बताया जा रहा खून

विश्वास टीम ने अपनी पड़ताल में वायरल दावे को फर्जी पाया। यह लाल रंग का तरल पदार्थ कोई खून नहीं है।

नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया पर धर्म से जोड़ रोज कुछ न कुछ वायरल होता रहता है। इसी तरह एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें एक पेड़ में से लाल रंग के पदार्थ को निकलते हुए देखा जा सकता है। दावा किया जा रहा है कि पंजाब के गुरुद्वारा श्री बेरी साहिब सुल्तानपुर लोधी की पवित्र बेरी में से खून निकल रहा है।

विश्वास टीम ने अपनी पड़ताल में वायरल दावे को फर्जी पाया। यह लाल रंग का तरल पदार्थ कोई खून नहीं है।

क्या हो रहा है वायरल?

Salonika Guptaनाम की फेसबुक प्रोफाइल ने इस वीडियो को अपलोड करते हुए लिखा: “अगर कोई बताता तो शायद यकीन नही होता , लेकिन वीडियो देख कर हैरानी हो रही है कि प्रभु की ये कैसी लीला है, कपूरथला ज़िले में पड़ते सुल्तानपुर लोधी जिसे गुरु नानक नगरी के नाम से भी जाना जाता है वहां गुरुद्वारा श्री बेर साहिब में एक बेरी के पेड़ से खून टपक रहा है , ये कैसी अनहोनी की तरफ इशारा है समझ नही आ रहा।।’

वायरल पोस्ट का आर्काइव्ड लिंक

पड़ताल

पड़ताल की शुरुआत करते हुए हमने सबसे पहले कीवर्ड सर्च का सहारा लिया और इस मामले से जुडी खबरों को सर्च करना शुरू किया। हमें इस मामले को लेकर पंजाब की कई मीडिया हॉउस की खबरें मिली जिन्होंने इस वायरल दावे को अफवाह और फर्जी बताया। News 18 और Sukharbh TV की वीडियो रिपोर्ट आप क्लिक कर देख सकते हैं।

अब हमने इस मामले को लेकर गुरुद्वारा श्री बेरी साहिब के मैनेजर जरनैल सिंह से बात की। उन्होंने हमें बताया, “वायरल हो रहा दावा सिर्फ अफवाह है। यह तरल पदार्थ लगभग हर साल गर्मियों के मौसम में निकलता है। वीडियो में निकल रहा लाल तरल पदार्थ खून बिल्कुल नहीं है।”

“I.T Wing शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी” नाम के फेसबुक पेज द्वारा भी इस दावे को लेकर गुरुद्वारा श्री बेरी साहिब के मैनेजर जरनैल सिंह का बयान शेयर किया गया है।

अब हमने इस मामले को लेकर दिल्ली यूनिवर्सिटी के बॉटनी डिपार्टमेंट के हेड प्रोफेसर के एस राव से बात की। उन्होंने हमें बताया, “जिस वीडियो की आप बात कर रहे हो उसमें पेड़ में से खून नहीं निकल रहा है। यह तरल पदार्थ गोंद जैसा पदार्थ होता है जो हर पेड़ में से निकलता है।”

प्रोफेसर राव ने हमें बताया, “पुराने ज़माने के पेड़ों में से लाल रंग का पदार्थ निकला करता था जिसको बार्क कहा जाता है। हो सकता है कि पेड़ को पानी देने वाला रूट जिसको सैप (SAP) बोलते हैं उसके कारण यह पदार्थ बाहर आ गया हो। हालांकि, यह पदार्थ खून नहीं है। वायरल दावा फर्जी है।

इस वीडियो को कई यूज़र शेयर कर रहे हैं और इन्हीं में से एक है Salonika Gupta नाम की फेसबुक प्रोफ़ाइल। यह अकाउंट 2016 में बनाया गया था।

निष्कर्ष: विश्वास टीम ने अपनी पड़ताल में वायरल दावे को फर्जी पाया। यह लाल रंग का तरल पदार्थ कोई खून नहीं है।

False
Symbols that define nature of fake news
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