अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी), भीम आर्मी और आरक्षण के खिलाफ नारेबाजी करते हुए लोगों का यह वीडियो हाल का नहीं, बल्कि 2019 का है, जिसे हालिया चुनावी संदर्भ में भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में लोगों की भीड़ को “भीम आर्मी मुर्दाबाद”, “आरक्षण हाय-हाय” जैसे नारेबाजी करते हुए देखा और सुना जा सकता है। वीडियो को शेयर किए जाने के समय से प्रतीत हो रहा है कि यह हाल-फिलहाल का है।
विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इसे भ्रामक पाया। वायरल वीडियो 2019 का है, जब बिहार के सिवान जिले में हिंदू युवा वाहिनी के नेता की पत्नी के समर्थकों ने इस तरह की नारेबाजी की थी। इसी पुराने वीडियो को हालिया चुनावी संदर्भ में भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।
सोशल मीडिया यूजर ‘मिर्ज़ा ऋषभ चौधरी’ ने वायरल वीडियो (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, “जिन SC ST को लगता है ना की हम तथाकथित अमृतकाल में हिंदू बन गये हैं वो ये देख ले तो उनका हिंदू बनने का भूत उतर जाएगा ये लोग अपने असंवैधानिक EWS आरक्षण को तो बड़े चाव से खा रहे हैं लेकिन SC ST के संवैधानिक आरक्षण को खत्म करने की माँग कर रहे हैं लेकिन फ़िर भी SC ST को कोई फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि वो तो हिंदू बनने में कावड़ यात्रा में फूल बरसाए जाने में रैलीयो में झंडा उठाने में और मोदी के नारे लगाने में खुश हैं उनका तो अनपढ़ भी तुम्हारे संवैधानिक आरक्षण को खत्म करने की माँग कर रहा है और SC ST केवल हिंदू बनने में खुश हैं.!”
कई अन्य यूजर्स ने इस वीडियो को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।
वायरल वीडियो करीब 40 सेकेंड का है, जिसमें भीड़ को “जय भवानी” “जय श्री राम”, “एससी एसटी मुर्दाबाद”, भीम आर्मी मुर्दाबाद” जैसे नारा लगाते हुए सुना और देखा जा सकता है। इन्हीं की-वर्ड से सर्च करने पर हमें न्यूज टुडे चैनल के फेसबुक पेज पर 22 अप्रैल 2019 को शेयर किया गया वीडियो मिला, जो वायरल वीडियो से मिलता है।
दी गई जानकारी के मुताबिक, “यह वीडियो एनडीए उम्मीदवार कविता सिंह (हिंदू युवा वाहिनी नेता अजय सिंह की पत्नी) के समर्थकों की तरफ से की गई नारेबाजी का है।”
नेशनल इंडिया न्यूज के वेरिफाइड यू-ट्यूब चैनल पर भी हमें यह वीडियो मिला, जिसे 22 अप्रैल 2019 को अपलोड किया गया है।
एक अन्य फेसबुक पेज पर भी हमें यह वीडियो मिला, जिसे 22 अप्रैल 2019 को शेयर किया गया है। दी गई जानकारी के मुताबिक, यह वीडियो सिवान लोकसभा से जेडीयू प्रत्याशी कविता सिंह के नामांकन में हुई कथित नारेबाजी का है।
हमारी जांच से स्पष्ट है कि वायरल हो रहा वीडियो हाल का नहीं, बल्कि 2019 का है, जिसे हालिया चुनावी संदर्भ में भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।
वायरल वीडियो को लेकर हमने हमारे सहयोगी दैनिक जागरण के सिवान के ब्यूरो चीफ कीर्ति सिंह से संपर्क किया। उन्होंने बताया कि यह वीडियो सिवान में हुई किसी घटना से संबंधित नहीं है। विश्वास न्यूज इस वीडियो के लोकेशन की पुष्टि नहीं करता है, लेकिन हम इस बात की पुष्टि करते हैं कि यह वीडियो 2019 से सोशल मीडिया पर मौजूद है।
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ समेत पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद भी चुनावी दुष्प्रचार के दावे शेयर हो रहे हैं। चुनावी दुष्प्रचार के दावों की पड़ताल करती फैक्ट चेक रिपोर्ट्स को विश्वास न्यूज के चुनावी चेक सेक्शन में पढ़ा जा सकता है।
वहीं, पांचों राज्यों के चुनावी नतीजों को चुनाव आयोग की वेबसाइट पर देखा जा सकता है। वायरल वीडियो को भ्रामक दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर को फेसबुक पर करीब नौ सौ लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष: अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी), भीम आर्मी और आरक्षण के खिलाफ नारेबाजी करते हुए लोगों का यह वीडियो हाल का नहीं, बल्कि 2019 का है, जिसे हालिया चुनावी संदर्भ में भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।
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