Fact Check: बेटिंग ऐप को प्रोमोट करते हुए रवीश कुमार का यह वीडियो डीप फेक है

बेटिंग ऐप को प्रोमोट करते हुए टीवी पत्रकार रवीश कुमार का वायरल वीडियो डीप फेक है, जिसमें ऑडियो क्लोनिंग के जरिए उनकी आवाज को एक ऐप  के फेक प्रोमोशन से  जोड़ दिया गया है।

Fact Check: बेटिंग ऐप को प्रोमोट करते हुए रवीश कुमार का यह वीडियो डीप फेक है

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर टीवी पत्रकार रवीश कुमार का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें उन्हें एक बेटिंग ऐप को प्रोमोट करते हुए देखा और सुना जा सकता है। दावा किया जा रहा है कि उन्होंने एविएटर ऐप 1 विन नाम के ऐप को प्रोमोट करते हुए लोगों से  इसका इस्तेमाल करने की अपील की है, ताकि वे जैकपॉट जीत सकें।

विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में पाया कि बेटिंग या सट्टा ऐप को प्रोमोट करते हुए वायरल हुआ रवीश कुमार का यह वीडियो डीप फेक है, जिसे धोखाधड़ी की मंशा से क्रिएट किया गया है। कुछ दिनों पहले सचिन तेंदुलकर का ऐसा ही एक डीप फेक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें उन्हें गेमिंग  ऐप को प्रोमोट करते हुए देखा गया था।

क्या है वायरल?

विश्वास न्यूज के टिपलाइन नंबर +91 9599299372 पर कई यूजर्स ने इस वीडियो को भेज कर उसकी सच्चाई बताने का अनुरोध किया है।

विश्वास न्यूज के टिपलाइन पर भेजा गया क्लेम।

सोशल मीडिया यूजर ‘Aviator Play’ ने इस वीडियो (आर्काइव लिंक) को शेयर किया है, जिसमें रवीश कुमार को बेटिंग या सट्टा ऐप को प्रोमोट करते हुए देखा जा सकता है।

पड़ताल

वायरल वीडियो कुछ सेकेंड का है, जिसमें रवीश कुमार को एक बेटिंग  ऐप एविएटर ऐप 1विन को प्रोमोट करते हुए देखा जा सकता है। वीडियो क्लिप में एक ट्रक चालक के हवाले से इस ऐप  के जरिए करीब 800 मिलियन रुपये जीतने का दावा किया जा रहा है।

वायरल वीडियो क्लिप में रवीश कुमार ऑफिशियल यू-ट्यूब चैनल का जिक्र है।  हालांकि, सर्च में हमें ऐसा कोई वीडियो उनके आधिकारिक यू-ट्यूब चैनल पर नहीं मिला।

‘Ravish Kumar’फेसबुक पेज पर अगस्त 2023 को साझा किया हुआ एक पोस्ट मिला, जिसमें उन्होंने एक अन्य मामले में धोखाधड़ी का जिक्र करते हुए समान घटना का जिक्र किया है। उन्होंने लिखा है, “ये एक और फ्रॉड है जो मेरी तस्वीर का इस्तेमाल कर रहा है। बड़ी संख्या में दर्शकों और पाठकों ने इस तरह के लिंक और स्क्रीन शॉट भेजे हैं कि गेमिंग एप मेरा चेहरा लगाकर पैसा वसूल रहा है। आप सावधान रहे। मेरे नाम से कोई भी अपील करे, पैसा न दें।”

रवीश कुमार की फेसबुक प्रोफाइल से साझा किया गया पोस्ट।

वायरल वीडियो को लेकर हमने रवीश कुमार से संपर्क किया। उन्होंने पुष्टि करते हुए बताया, “यह उनका डीप फेक वीडियो है।”

कुछ दिनों पहले सचिन तेंदुलकर का एक ऐसा ही डीप फेक वीडियो वायरल हुआ था, जिसकी फैक्ट चेक रिपोर्ट को यहां देखा जा सकता है।

security.virginia.edu की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के मुताबिक, डीप फेक वास्तव में आर्टिफिशियल इमेज या वीडियो होता है, जिसे विशेष तरह की मशीन लर्निंग (“डीप”) की मदद से तैयार किया जाता है।

ऐसे वीडियो अल्गोरिद्म के इस्तेमाल के जरिए ऑरिजिनल वीडियो को बदल कर बनाए जाते हैं और इसे प्रमाणिक या विश्वसनीय दिखाने के लिए आम तौर पर इसमें मशहूर लोगों के चेहरे को जोड़ दिया जाता है। एआई टूल के सामने आने के बाद ऐसे वीडियो के निर्माण में तेजी आई है। विश्वास न्यूज के एआई चेक सेक्शन में ऐसे वायरल वीडियो की फैक्ट चेक रिपोर्ट्स को पढ़ा जा सकता है।

निष्कर्ष: बेटिंग ऐप को प्रोमोट करते हुए टीवी पत्रकार रवीश कुमार का वायरल वीडियो डीप फेक है, जिसमें ऑडियो क्लोनिंग के जरिए उनकी आवाज को एक ऐप  के फेक प्रोमोशन से  जोड़ दिया गया है।

False
Symbols that define nature of fake news
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