विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि रेलवे ट्रैक से छेड़छाड़ करने के वायरल वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। असल में रेलवे ट्रैक के साथ छेड़छाड़ रेल कर्मचारियों ने ही की थी। प्रमोशन और वायरल होने के लालच में उन्होंने यह साजिश रची थी, ताकि उनका वीडियो वायरल हो जाए और उन्हें इसके लिए प्रमोशन मिल सके। वायरल घटना में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है। रेलवे ने कार्रवाई करते हुए साजिश करने के आरोप में तीन लोगों सुभाष पोद्दार, मनीष मिस्त्री और शुभम जायसवाल को गिरफ्तार किया है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर रेलवे ट्रैक का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में कुछ लोग रेलवे ट्रैक के साथ की गई छेड़छाड़ को दिखाते हुए नजर आ रहे हैं। वीडियो को रेल जिहाद के नाम से शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि ट्रैक के साथ यह छेड़छाड़ मुस्लिम समुदाय ने की है।
विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल दावा गलत है। असल में रेलवे ट्रैक के साथ छेड़छाड़ रेल कर्मचारियों ने ही की थी। प्रमोशन और वायरल होने के लालच में उन्होंने यह साजिश रची थी,ताकि उनका वीडियो वायरल हो जाए और उन्हें हादसा टालने के लिए प्रमोशन मिल सके। वायरल घटना में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है। रेलवे ने कार्रवाई करते हुए साजिश करने के आरोप में तीन लोगों सुभाष पोद्दार, मनीष मिस्त्री और शुभम जायसवाल को गिरफ्तार किया है।
फेसबुक यूजर ‘Venu B Choudhary’ ने वायरल वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “आज सूरत में बहुत बड़े रेल जिहाद की कोशिश नाकाम हुई। किम रेलवे स्टेशन से कुछ दूर आगे रेलवे के कई फीश प्लेट और तमाम चाबियां खुली हुई मिली…. ट्रेन की आवाजाही रोक दी गई है। इस जगह पर दोनों तरफ बड़ी संख्या में विशेष समुदाय की आबादी है….। वर्तमान समय में पूरे देश के अंदर षड्यंत्र के तहत रेल दुर्घटना करवाया जा रहा है। हमें लगता है कि भारतीय रेल, रेल जिहाद का शिकार हो गया।”
पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।
वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने इनविड टूल की मदद से वीडियो के कई कीफ्रेम निकाले और उन्हें गूगल रिवर्स इमेज के जरिए सर्च किया। हमें दावे से जुड़ी एक रिपोर्ट मिड-डे की वेबसाइट पर मिली। रिपोर्ट को 21 सितंबर 2024 को प्रकाशित किया गया था। रिपोर्ट के अनुसार, वायरल वीडियो गुजरात के सूरत के कौसंबा-किम रेलवे स्टेशन का था।
प्राप्त जानकारी के आधार पर हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स की मदद से सर्च किया। हमें दावे से जुड़ी एक रिपोर्ट दैनिक जागरण की वेबसाइट पर मिली। रिपोर्ट को 24 सितंबर 2024 को प्रकाशित किया गया था। रिपोर्ट के अनुसार, कौसंबा-किम रेलवे स्टेशन के पास ट्रैक से छेड़छाड़ करने के मामले में रेलवे कर्मचारियों का ही हाथ पाया गया है। दरअसल, सूरत जिला पुलिस ने तीन ट्रैकमैन सुभाष पोद्दार, मनीष मिस्त्री और शुभम जायसवाल से पूछताछ की तो कि तीनों ने मिलकर यह साजिश रची थी, ताकि उन्हें हादसे को हटाने का श्रेय और प्रमोशन मिल सके। उन्होंने रेलवे ट्रैक के साथ छेड़छाड़ करने के बाद इसकी जानकारी प्रशासन को दी थी। तीनों को साजिश करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है।
पड़ताल के दौरान दौरान हमें दावे से जुड़ी एक पोस्ट न्यूज एजेंसी एएनआई के आधिकारिक एक्स अकाउंट पर मिली। पोस्ट को 23 सितंबर 2024 को शेयर किया गया था। पोस्ट में तीनों की गिरफ्तारी और सूरत ग्रामीण के एसपी हितेश जॉयसर की बाइट को शेयर किया गया है। एसपी हितेश को वीडियो में बताते हुए सुना जा सकता है कि इस साजिश को सुभाष पोद्दार, मनीष मिस्त्री और शुभम जायसवाल ने रचा था, ताकि वो इसका श्रेय ले सकें और वायरल हो सके। साथ ही उनको प्रमोशन मिल सके।
विश्वास न्यूज ने पड़ताल के अगले चरण में गुजराती जागरण, सूरत के रिपोर्टर मयूर ठाकुर से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल दावा गलत है। तीनों ही आरोपी हिंदू हैं और उन्होंने यह काम फेमस होने और प्रमोशन पाने के लिए किया था। वहां पर नाइट पैट्रोलिंग चल रही है, जो कि जल्द ही बंद होने वाली है। तीनों वहां पर रात में काम करते थे और दिन का उन्हें ऑफ मिलता था। वो चाहते थे कि यह बंद न हो और चले। इसलिए भी उन्होंने यह किया था। पुलिस ने जांच में पाया कि कॉल आने के कुछ समय पहले ही ट्रैक से एक अन्य ट्रेन गुजरी थी, जिसके गुजरने का समय और कॉल के बीच का अंतर काफी कम था। इसी आधार पर जब पुलिस ने जांच की तो पाया कि यह साजिश तीनों ने मिलकर की थी।
अंत में हमने वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर के अकाउंट को स्कैन किया। हमने पाया कि यूजर एक विचारधारा से जुड़ी पोस्ट को शेयर करता है।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि रेलवे ट्रैक से छेड़छाड़ करने के वायरल वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। असल में रेलवे ट्रैक के साथ छेड़छाड़ रेल कर्मचारियों ने ही की थी। प्रमोशन और वायरल होने के लालच में उन्होंने यह साजिश रची थी, ताकि उनका वीडियो वायरल हो जाए और उन्हें इसके लिए प्रमोशन मिल सके। वायरल घटना में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है। रेलवे ने कार्रवाई करते हुए साजिश करने के आरोप में तीन लोगों सुभाष पोद्दार, मनीष मिस्त्री और शुभम जायसवाल को गिरफ्तार किया है।
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