विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल पोस्ट फर्जी निकली। गुजरात में पिछले साल एक आरपीएफ के जवान का रिश्वत लेते हुए वीडियो वायरल हुआ था। उसी वीडियो को अब कुछ लोग लॉकडाउन से जोड़कर वायरल कर रहे हैं।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। देशभर में लॉकडाउन में फंसे मजदूर सड़क और रेल की पटरियों का इस्तेमाल करते हुए अपने गांव की ओर लौट रहे हैं। इन सबके बीच सोशल मीडिया पर एक पुरानी घटना के वीडियो को अपलोड करते हुए कुछ लोग यह अफवाह फैला रहे हैं कि गुजरात में पुलिस रेलवे लाइन पर चलने वालों से पैसे वसूल रही है।
विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल पोस्ट फर्जी साबित हुई। 2019 में आरपीएफ के एक जवान ने सूरत में एक महिला से रिश्वत ली थी। इसका वीडियो वायरल होने के बाद उस जवान को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया था। अब वायरल वीडियो उसी घटना का है।
फेसबुक पेज Amethi Rae Bareli ki Kahani ने 12 मई को एक वीडियो को अपलोड करते हुए लिखा : ”गुजरात मॉडल कोरोना काल में 🏻 #रेलकीपटरीपरपैदल चलने वाले मजदूरों से हफ्ता वसूल रही है #गुजरातरेल्वेपुलिस”
इस वीडियो को पिछले कई दिनों से दूसरे यूजर्स भी विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल कर रहे हैं।
विश्वास न्यूज ने सबसे पहले वायरल वीडियो को ध्यान से देखा। इसमें एक जवान को एक महिला से पैसे लेते हुए देखा जा सकता है। हमें यह जानना था कि आखिर इस वीडियो के पीछे सच क्या है। इसके लिए हमने InVID टूल की मदद से कई वीडियो ग्रैब निकाले और इसे गूगल रिवर्स इमेज में सर्च करना शुरू किया।
हमें यह वीडियो ‘देश गुजरात’ (@DeshGujarat) के ट्विटर हैंडल पर मिला। 13 जुलाई 2019 को अपलोड इस वीडियो के बारे में बताया गया कि सूरत में महिला से रिश्वत लेने वाले आरपीएफ जवान को बर्खास्त कर दिया गया है। पूरा ट्वीट आप यहां देख सकते हैं।
पड़ताल के दौरान हमें मुंबई मिरर की वेबसाइट पर एक पुरानी खबर मिली। इस खबर में वायरल वीडियो का इस्तेमाल किया गया था। 18 जुलाई 2019 को पब्लिश खबर में बताया कि वेस्टर्न रेलवे के सूरत सेक्शन में कुछ महीने पुरानी घटना के वीडियो के आधार पर आरपीएफ के जवान को रिश्वत लेने के आरोप में बर्खास्त कर दिया गया।
पूरी खबर आप यहां पढ़ सकते हैं।
इसके बाद विश्वास न्यूज ने ‘देश गुजरात’ वेबसाइट के संपादक जपन पाठक से संपर्क किया। उन्होंने विश्वास न्यूज को बताया, ”वायरल वीडियो का लॉकडाउन से कोई संबंध नहीं है। वीडियो पिछले साल का है। सूरत में एक जवान ने एक महिला से रिश्वत ली थी। वीडियो वायरल होने के बाद एक्शन भी हुआ था। उस जवान को बर्खास्त कर दिया गया था।”
अंत में हमने फर्जी पोस्ट करने वाले फेसबुक पेज Amethi Rae Bareli ki Kahani की सोशल स्कैनिंग की। हमें पता चला कि इस पेज को 13 लाख से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं। पेज को 15 फरवरी 2014 को बनाया गया था।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल पोस्ट फर्जी निकली। गुजरात में पिछले साल एक आरपीएफ के जवान का रिश्वत लेते हुए वीडियो वायरल हुआ था। उसी वीडियो को अब कुछ लोग लॉकडाउन से जोड़कर वायरल कर रहे हैं।
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