Fact Check: बाइक पर खाटू श्याम का स्टिकर लगाने पर चालान होने का यह वीडियो राजस्थान नहीं, उत्तर प्रदेश का है

बाइक पर लगे धार्मिक स्टिकर को लेकर ट्रैफिक पुलिसकर्मी और बाइक सवार के बीच हो रही बहस का वायरल वीडियो राजस्थान का नहीं है, बल्कि उत्तर प्रदेश के लखीमपुर का है। वीडियो को राजस्थान का बताकर गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।

नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया पर एक वीडियो खूब वायरल किया जा रहा है। जिसमें एक ट्रैफिक पुलिसकर्मी और एक बाइक सवार व्यक्ति बहस करते हुए नज़र आ रहे हैं। वीडियो में ट्रैफिक पुलिसकर्मी को बाइक पर लगे धार्मिक स्टीकर को लेकर चालान काटने की बात करते हुए देखा जा सकता है। वहीं, बाइक सवार यह कह रहा है कि उसका चालान काट दिया जाए, पर वो स्टिकर नहीं हटाएगा। अब कुछ यूजर्स इस वीडियो को शेयर कर दावा कर रहे हैं कि यह घटना राजस्थान में हुई है।

विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इस दावे को भ्रामक पाया। वायरल वीडियो का राजस्थान से कोई संबंध नहीं है। असल में यह घटना उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई थी। उसी वीडियो को अब राजस्थान का बताकर गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

सोशल मीडिया यूजर ‘Ahuja Ved’ ने 4 सितंबर को वायरल वीडियो (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, “राजस्थान के हालत* *खाटूश्यामजी का स्टीकर लगा है उस पर भी चालान कर रहे है* *मुस्लिम परस्त पार्टियों तुम्हें सेकुलर बनाकर तुम्हारा सब कुछ छीन लेंगे* *80 परसेंट बिखरे हुए हिंदुओं के वोट के लिए कोई पार्टी परेशान नहीं है* *20 परसेंट एकजुट मुस्लिम वोट के लिए सारी पार्टियां किसी भी हद तक जाने को तैयार है।”

कई अन्य यूजर्स ने इस वीडियो को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।

https://twitter.com/Yogi__1967/status/1698062144879935530

पड़ताल

वायरल वीडियो की पड़ताल के लिए हमने संबंधित कीवर्ड से गूगल पर सर्च किया। हमें ये वीडियो कई जगह अपलोड मिला। पर इस वीडियो को राजस्थान का नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी का बताया गया है। ‘शुभम् हिन्दू’ नाम के वेरिफाइड ट्विटर यूजर ने वीडियो को 31 अगस्त 2023 को शेयर किया है। वीडियो के साथ लिखा है, “स्टिकर लगाने से उत्तर प्रदेश पुलिस को तकलीफ है,लेकिन भारत में कोई सरकारी फॉर्म भरते समय धर्म और जाति प्रमाण पत्र मांगा जाता है,तो ये फालतू का दिखावा प्रशासन क्यू कर रहा हैं??”

https://twitter.com/Shubhamhindu01/status/1697151510692708766

वायरल वीडियो को लेकर राजस्थान पुलिस ने भी अपने वेरिफाइड ट्विटर हैंडल से एक ट्वीट किया था। 4 सितंबर 2023 को वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा गया है, “#FakeNews Alert :

सोशल मीडिया पर एक वीडियो हो रहा है वायरल।

इस वीडियो को #राजस्थान का बताया जा रहा है,

जबकि यह बात सरासर झूठ है।

भ्रामक जानकारी वाले इस वीडियो को फॉरवर्ड ना करें।”

https://twitter.com/PoliceRajasthan/status/1698533010088624334

जांच को आगे बढ़ाते हुए हमने वीडियो को लेकर फेसबुक पर सर्च किया। हमें यह वीडियो मयंक शकुन अवस्थी नाम के फेसबुक यूजर द्वारा शेयर किया हुआ मिला। 26 अगस्त 2023 को वीडियो शेयर करते हुए मयंक शकुन अवस्थी ने बताया है कि वीडियो उन्हीं का है और यह घटना लखीमपुर में हुई थी। वीडियो के साथ लिखा गया है,“लखीमपुर में ये किस तरह का आदेश है की गाड़ी पर ओम,खाटू श्याम लिखा होने पर हम सबकी गाडी का चालान करेंगे, गाड़ी की फोटो ले ली पर मैंने फोटो नही हटाया।  दिन भर फर्राटे भरते हुए एसपी,डीएम,सीओ,विधायक,सांसद ,जिलाध्यक्ष,मंडल अध्यक्ष की गाड़ी पर से नाम हटाइए फिर आम आदमी से बात करिए , भगवान का स्टीकर मैने अपने हाथ से लगाया है और मैं अपने हाथ से नही हटा सकता। आप चालान करते रहे मैं महादेव का नाम लेकर भरता रहूंगा।” मयंक ने वीडियो के साथ आर टी ओ के संदेश की एक कॉपी भी शेयर की है।

मयंक शकुन अवस्थी ने वायरल वीडियो में दिख रहे ट्रैफिक पुलिसकर्मी के साथ 3 सितंबर 2023 को एक तस्वीर शेयर की है। तस्वीर को शेयर कर लिखा है, “आज निवास पर ट्रैफिक पुलिस के दिनेश सिंह जी मिलने आए। अच्छे व्यक्ति है शासन के आदेश को समझने में शायद गलती हुई और मेरा मानना है की गलतियां हमेशा व्यक्तियों से ही होती है। शायद समाज में ऐसा कोई नही होगा जिससे गलतियां ना हुई हो,मुझसे भी कई बार हुई है। आप सभी से निवेदन है की श्री दिनेश सिंह जी को वही सम्मान दे जैसे पहले देते थे। अपने ही भाई है वो भी।

जय हिंदुत्व

जय हिंदू जागरण मंच”

अधिक जानकारी हासिल करने के लिए हमने राजस्थान दैनिक जागरण के ब्यूरो चीफ नरेंद्र शर्मा से संपर्क किया। उन्होंने बताया वीडियो राजस्थान का नहीं है। उन्होंने भी यह वीडियो देखा है, पर इसका राजस्थान से कोई संबंध नहीं है।

सर्च के दौरान हमें कई खबरों में पता चला,”सीएम योगी आदित्यनाथ ने वाहनों पर जाति सूचक बोर्ड लगाकर चलने वालों पर कार्रवाई का निर्देश दिया है। जिसके बाद वाहनों पर जाति सूचक स्टीकर लगाकर चलने वालों के खिलाफ नोएडा पुलिस ने अभियान चलाकर कार्रवाई करते हुए वाहनों के चालान कर स्टीकरों को हटवा दिया है। वहीं, दैनिक जागरण में प्रकाशित खबर के अनुसार, मोटर वाहन नियम 1989 के तहत पंजीकरण नंबर प्लेट पर कोई भी स्टिकर लगाने के खिलाफ एक स्पष्ट नियम है, विभिन्न राज्यों में सरकार ने वाहन के बॉडी पर भी जाति और धर्म को दर्शाने वाले स्टीकर लगाने के खिलाफ आदेश जारी किए हैं।

पड़ताल के अंत में फेसबुक यूजर Ahuja Ved के अकाउंट की जांच की गई। पता चला कि यूजर के 2 हजार से ज्यादा फ्रेंड्स हैं। यूजर फरीदाबाद का रहने वाला है।

निष्कर्ष: बाइक पर लगे धार्मिक स्टिकर को लेकर ट्रैफिक पुलिसकर्मी और बाइक सवार के बीच हो रही बहस का वायरल वीडियो राजस्थान का नहीं है, बल्कि उत्तर प्रदेश के लखीमपुर का है। वीडियो को राजस्थान का बताकर गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।

Misleading
Symbols that define nature of fake news
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