Fact Check : ट्रांसलेटर को टोकते हुए अमित शाह का वायरल वीडियो 5 साल पुराना, कर्नाटक चुनाव से कोई संबंध नहीं

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि अमित शाह के  वायरल वीडियो का हालिया कर्नाटक चुनाव से कोई संबंध नहीं है। वायरल वीडियो साल 2018 का है। 

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। कर्नाटक में जल्द ही विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में सभी राजनीतिक दल ताबड़तोड़ रैलियां और जनसभाएं करने में लगे हुए हैं। सोशल मीडिया पर गृह मंत्री अमित शाह का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में वो अपने ट्रांसलेटर को गलत ट्रांसलेट करने पर टोकते हैं और आगे से गलत अनुवाद न करने के लिए कहते हुए नजर आ रहे हैं। इस वीडियो को यूजर्स हालिया कर्नाटक चुनाव से जोड़ते हुए शेयर कर रहे हैं।

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो का हालिया कर्नाटक चुनाव से कोई संबंध नहीं है। वायरल वीडियो साल 2018 का है। 

क्या हो रहा है वायरल ?

फेसबुक यूजर मोआज अली हैदर ने 30 अप्रैल 2023 को वायरल वीडियो को शेयर किया है। यूजर ने कैप्शन में लिखा है, “कर्नाटक में चुनाव प्रचार हमेशा मजेदार होता है। जाने कहां कहां से ले आते हैं! ये क्लिप देखिए और हंसते हंसते लोटपोट न हो जाएं तो कहिए। (3 लाख 55 हजार से ज्यादा लोग देख चुके हैं। कमाल है!”

पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखा जा सकता है।

पड़ताल 

वायरल वीडियो की सच्चाई जानने के लिए हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स से सर्च करना शुरू किया। इस दौरान हमें यह वीडियो टीवी9 कन्नड़ के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर मिला। वीडियो को 8 मई 2018 को अपलोड किया मिला। कैप्शन में दी गई जानकारी के मुताबिक, “नेलमंगला सभा में अमित शाह को अनुवाद को लेकर परेशानियों का सामना करना पड़ा। अनुवाद करने आई महिला ने किया गलत अनुवाद।”

अन्य वीडियो रिपोर्ट को यहां पर देखा जा सकता है।

प्राप्त जानकारी के आधार पर हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स से सर्च करना शुरू किया। इस दौरान हमें वायरल वीडियो से जुड़ी रिपोर्ट पंजाब केसरी की वेबसाइट पर 9 मई 2018 को प्रकाशित मिली। रिपोर्ट के अनुसार, “अमित शाह राज्य के नेलमंगला विधानसभा में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए ट्रांसलेटर पर ही नाराज हो गए।अमित शाह मंच से जनता को संबोधित कर रहे थे और वहीं, मंच पर खड़ी महिला ट्रांसलेटर उसे कन्नड़ में ट्रांसलेट कर रही थी। मंच से अमित शाह ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा, अरे राहुल बाबा आप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चैलेंज कर रहे हो। इसे कन्नड़ में ट्रांसलेट करते हुए ट्रांसलेटर ने नरेंद्र मोदी के साथ कन्नड़ में यशस्वी और विश्वगुरु जैसे विशेषणों का इस्तेमाल कर दिया। ये देख अमित शाह ने वहीं मंच पर अनुवादक को टोकते हुए कहा कि मैं जो बोल रहा हूं उसे ही अनुवाद करो, अपने मन से मत जोड़ो। मैंने कब विश्वगुरु कहा। ऐसा मत करो। यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।” 

अन्य न्यूज रिपोर्ट को यहां पर देखा जा सकता है।

अधिक जानकारी के लिए हमने कर्नाटक बीजेपी के प्रवक्ता प्रताप कुमार से संपर्क किया। उन्होंने वायरल दावे को भ्रामक बताया है। उन्होंने कहा वायरल वीडियो तकरीबन 5 साल पुराना है। वीडियो का हालिया चुनाव से कोई संबंध नहीं है। 

पड़ताल के अंत में हमने वीडियो को भ्रामक दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर के पेज को स्कैन किया। हमने पाया कि यूजर एक विचारधारा से प्रभावित है। यूजर को फेसबुक पर 74,657 लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि अमित शाह के  वायरल वीडियो का हालिया कर्नाटक चुनाव से कोई संबंध नहीं है। वायरल वीडियो साल 2018 का है। 

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