Fact Check : गंगा-यमुना के संगम के नाम पर वायरल वीडियो का प्रयागराज से नहीं है कोई संबंध

सोशल मीडिया पर प्रयागराज के संगम का बताकर वायरल हो रहा वीडियो फेक है। यह वीडियो यूपी के प्रयागराज का नहीं, बल्कि विदेश का है।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। अपने संगम के लिए ख्‍यात प्रयागराज के नाम पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। 15 सेकंड के इस वीडियो को सोशल मीडिया के विभिन्‍न प्‍लेटफॉर्म पर वायरल करते हुए दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो गंगा और यमुना नदी के संगम का है। इसमें दो रंगों के पानी को देखा जा सकता है। सोशल मीडिया यूजर्स दावा कर रहे हैं कि वीडियो में एक ओर गंगा नदी है तो दूसरी ओर यमुना नदी। विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुई। वायरल वीडियो का प्रयागराज के संगम से कोई संबंध नहीं है। यह वीडियो विदेश का है। विश्‍वास न्‍यूज स्‍वतंत्र रूप से इस बात की पुष्टि नहीं कर सकता है कि यह वीडियो विदेश में कहां का है, लेकिन यह कन्‍फर्म है कि इसका कोई भी संबंध प्रयागराज के संगम से नहीं है।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर मुकेश बंजारा ने 4 अगस्‍त को एक वीडियो को अपलोड करते हुए दावा किया : ‘गंगा यमुना नदी संगम प्रयागराज।’

फैक्ट चेक के उद्देश्य से पोस्ट के कंटेंट को यहां हूबहू लिखा गया है। इसे दूसरे यूजर्स भी अभी का मानकर वायरल कर रहे हैं। पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने जांच की शुरुआत ऑनलाइन वेरिफिकेशन टूल्‍स से की। सबसे पहले प्रयागराज के नाम से वायरल वीडियो के कई स्‍क्रीनशॉट निकाले गए। फिर इन्‍हें गूगल रिवर्स इमेज टूल की मदद से सर्च किया गया। वायरल वीडियो हमें अलग-अलग जगहों के नाम पर कई जगह मिले। 18 जून 2021 को एक यूट्यूब चैनल ने वायरल वीडियो को अपलोड करते हुए इसे लीबिया और इटली के बीच के भूमध्‍यसागर का बताया।

18 जून 2021 को एक वेबसाइट ने भी वीडियो को पोस्‍ट करते हुए इसे भूमध्‍यसागर का बताया।

सर्च के दौरान रेडिट डॉट कॉम पर एक वीडियो मिला। इसमें वायरल वीडियो को देखा जा सकता है। यहां इस वीडियो को ब्राजील का बताते हुए लिखा गया कि यहां अमेजन नदी तपाजोस नदी से मिलती है।

https://www.reddit.com/r/NatureIsFuckingLit/comments/owh1yh/when_the_amazon_river_meets_the_tapaj%C3%B3s_river_in/

वायरल वीडियो यूट्यूब पर भी मिला। अलग-अलग यूट्यूब चैनलों ने इस वीडियो को ब्राजील के नाम पर अपलोड किया। वर्ष 2021 में कई यूट्यूब चैनलों ने इसे पोस्‍ट किया था।

विश्‍वास न्‍यूज ने पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए प्रयागराज में संपर्क किया। गंगा प्रदूषण मुक्ति अभियान के अध्‍यक्ष स्वामी हरिचैतन्य ब्रह्मचारी ने वायरल वीडियो को देखकर बताया कि दो तरह के पानी के मिलन वाले दृश्य को प्रयागराज के संगम (गंगा-यमुना) के मिलन से जोड़ा जा रहा है। जो अनुचित है। ये संगम का दृश्य नहीं है। गंगा व यमुना के पानी का रंग ऐसा नही है।

जांच के अंत में फर्जी पोस्‍ट करने वाले यूजर की जांच की गई। यूजर के फेसबुक पर चार हजार से ज्‍यादा फ्रेंड हैं। फेसबुक यूजर मुकेश बंजारा मध्‍य प्रदेश के पन्‍ना के रहने वाले हैं।

निष्कर्ष: सोशल मीडिया पर प्रयागराज के संगम का बताकर वायरल हो रहा वीडियो फेक है। यह वीडियो यूपी के प्रयागराज का नहीं, बल्कि विदेश का है।

False
Symbols that define nature of fake news
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