Fact Check : वैष्‍णो देवी में हाल में हुई भारी बारिश से नहीं है वायरल वीडियो का कोई संबंध

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वैष्‍णो देवी में बारिश के नाम पर वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुई। वायरल वीडियो का हाल में हुई भारिश से कोई संबंध नहीं है। वीडियो का पहला हिस्‍सा राजस्‍थान के अजमेर का है।

Fact Check : वैष्‍णो देवी में हाल में हुई भारी बारिश से नहीं है वायरल वीडियो का कोई संबंध

विश्‍वास न्‍यूज (नई दिल्‍ली)। सोशल मीडिया में वैष्‍णो देवी के नाम पर भारी बारिश एक वीडियो वायरल हो रहा है। 30 सेकेंड के इस वीडियो को दो अलग-अलग क्लिप के माध्‍यम से बनाया गया है। विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्‍ट फेक साबित हुई. वायरल वीडियो का पहला हिस्‍सा अजमेर में दो साल पहले आई बारिश का है, जबकि दूसरा हिस्‍सा दो साल से इंटरनेट पर उपलब्‍ध है। मतलब साफ है कि पुराने और असंबंधित वीडियो को अब हाल का ही बताकर वैष्‍णो देवी के नाम से वायरल किया जा रहा है।

क्‍या हो रहा है वायरल पोस्‍ट में

फेसबुक यूजर आशीष पांडेय ने 31 जुलाई को एक वीडियो को शेयर करते हुए लिखा : माँ वैष्णो देवी जम्मू में बारिश का कहर।

फेसबुक पोस्‍ट का आर्काइव्‍ड वर्जन यहां देखा जा सकता है। इस हाल का ही समझकर दूसरे यूजर्स भी वायरल कर रहे हैं। फेसबुक पेज आयुर्वेद की पाठशाला ने 2 अगस्‍त को इसी वीडियो को अपलोड करते हुए लिखा कि माता वैष्णो देवी में हुई झमा झमा बारिश ।।।जय करा शेरा वाली डा ।।बोल साचे दरबार की जय ।।जय माता दी।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने सबसे पहले वैष्‍णो देवी में बारिश के नाम से वायरल वीडियो को ध्‍यान से देखा। वीडियो में हमने गौर किया कि इसे दो अलग-अलग वीडियो को जोड़कर बनाया गया है। 1 से 17 सेकंड तक का वीडियो अलग है, जबकि 18 से 30 सेकंड तक का वीडियो हमें दूसरी जगह का नजर आया। इसलिए हमने इस पड़ताल को दो हिस्‍सों में करने का फैसला किया।

सबसे पहले हमने शुरुआती वीडियो की जांच की। इसे हमने InVID टूल में अपलोड करके कई वीडियो ग्रैब्‍स निकाले। फिर इन्‍हें गूगल रिवर्स इमेज टूल में अपलोड करके सर्च करना शुरू किया। यह वीडियो हमें कई यूट्यूब चैनल पर दो साल पहले अपलोड मिला। न्‍यूज नजर नाम के एक यूट्यूब चैनल ने 1 अगस्‍त 2019 को अपलोड करते हुए इसे अजमेर का बताया। वीडियो में बताया गया कि यह दरगाह बाजार का वीडियो है।

पड़ताल के दौरान हमें वायरल वीडियो भी दो साल पुराना मिला। Dream Creation Productions नाम के यूट्यूब चैनल ने इसे अपलोड किया था। इसे 3 अगस्‍त 2019 को अपलोड किया गया था। मतलब यह वीडियो कम से कम दो साल से वायरल है।

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए विश्‍वास न्‍यूज ने अजमेर में संपर्क किया। अजमेर शरीफ (Ajmer Sharif) के चिश्ती फाउंडेशन के अध्यक्ष हाजी सैयद सलमान चिश्ती ने विश्‍वास न्‍यूज से बातचीत में बताया कि वायरल वीडियो का शुरुआती हिस्‍सा अजमेर का है। पिछले साल तेज बारिश के कारण यह स्थिति देखने को मिली थी।

जांच के दौरान हमें पंजाब केसरी की वेबसाइट पर एक खबर मिली। 30 जुलाई को पब्लिश इस खबर में बताया गया कि भारी बारिश के बीच भी भक्‍तों का हौसला मजबूत है। इस खबर को यहां पढ़ा जा सकता है।

पड़ताल के अंत में हमने फर्जी पोस्‍ट करने वाले यूजर की जांच की। हमें पता चला कि फेसबुक यूजर आशीष पांडेय वाराणसी के रहने वाले हैं। एक राजनीतिक दल से जुड़े आशीष फेसबुक पर काफी सक्रिय हैं।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वैष्‍णो देवी में बारिश के नाम पर वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुई। वायरल वीडियो का हाल में हुई भारिश से कोई संबंध नहीं है। वीडियो का पहला हिस्‍सा राजस्‍थान के अजमेर का है।

False
Symbols that define nature of fake news
पूरा सच जानें...

सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews.com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्‍यम से भी सूचना दे सकते हैं।

Related Posts
नवीनतम पोस्ट