Fact Check: वाराणसी में नरेंद्र मोदी को हराने के लिए EVM में हेरफेर का दावा फेक, वायरल वीडियो 2022 का है
उत्तर प्रदेश की वाराणसी लोकसभा सीट से नरेंद्र मोदी को हराए जाने के लिए ईवीएम में हेराफेरी का दावा फेक है और इसके साथ वायरल हो रहा वीडियो 2022 की पुरानी और असंबंधित चुनावी प्रक्रिया का है।
- By: Abhishek Parashar
- Published: Jun 25, 2024 at 05:51 PM
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसे लेकर दावा किया जा रहा कि वाराणसी लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) उम्मीदवार नरेंद्र मोदी को हराने के लिए कांग्रेस ने कथित रूप से इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के साथ हेराफेरी करने की कोशिश की। वायरल वीडियो में कुछ लोगों को वीवीपैट की पर्चियों को निकालते हुए देखा जा सकता है।
विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इस दावे को गलत पाया। वायरल वीडियो में वीवीपैट से पर्चियों को निकाला जा रहा है, न कि इसे चुराया जा रहा है। यह पूरी प्रक्रिया चुनाव आयोग के स्थापित दिशानिर्देशों के मुताबिक है। निर्वाचन आयोग के निर्देशों के मुताबिक, वीवीपैट पर्चियों को मशीन से निकालकर काले लिफाफे में सुरक्षित रखकर उसे सील कर दिया जाता है, ताकि वीवीपैट का इस्तेमाल अगले चुनाव में किया जा सके। साथ ही यह वीडियो 2022 का है, जिसे 2024 के लोकसभा चुनाव से जोड़कर शेयर किया जा रहा है।
क्या है वायरल?
सोशल मीडिया यूजर ‘mundantre’ ने वायरल वीडियो (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, “सबको पता था वोट में कुछ तो गड़बड़ हुई है, मोदी जी को बड़े से बड़ा एक्शन लेना चाहिए।”
पड़ताल
यह पहली बार नहीं है, जब यह वीडियो सोशल मीडिया पर ईवीएम में हेराफेरी के दावे से वायरल हुआ हो। चुनाव के दौरान यह वीडियो पहले चरण के मतदान के बाद नतीजों को प्रभावित करने के दावे से वायरल हुआ था, जिसकी फैक्ट चेक रिपोर्ट को यहां पढ़ा जा सकता है।
वास्तव में यह वीडियो ईवीएम से वीवीपैट को निकाले जाने का था, न कि उसे नष्ट या चुराए जाने का, जो चुनाव आयोग के स्थापित दिशानिर्देशों के मुताबिक है। निर्वाचन आयोग के निर्देशों के मुताबिक, वीवीपैट पर्चियों को मशीन से निकालकर काले लिफाफे में सुरक्षित रखकर उसे सील कर दिया जाता है, ताकि वीवीपैट का इस्तेमाल अगले चुनाव में किया जा सके। वायरल वीडियो में यह देखा जा सकता है कि पूरी प्रक्रिया को कैमरे में रिकॉर्ड किया जा रहा है और वीवीपैट पर्चियों को काले रंग के लिफाफे में रखा जा रहा है।
एक एक्स यूजर ने 13 दिसंबर 2022 को इस वीडियो को ट्वीट करते हुए इसे गुजरात के भावनगर विधानसभा चुनाव में हुई हेराफेरी का बताया था, जिस पर भावनगर के कलेक्टर और जिला मजिस्ट्रेट के ट्विटर हैंडल से जवाब (आर्काइव लिंक) देते हुए बताया गया था, “ईसीआई (चुनाव आयोग) के दिशानिर्देशों के मुताबिक, मतगणना के बाद वीवीपैट पर्चियों को वीवीपैट से निकालकर उन्हें काले रंग के लिफाफे में रखकर उसे सील कर दिया जाता है, ताकि वीवीपैट का इस्तेमाल अगले चुनाव में किया जा सके। इस पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराई जाती है और इसकी एक कॉपी स्ट्रॉन्ग रूम में,जबकि दूसरी संबंधित डीईओ के पास रखी जाती है।”
इससे पहले हमने चुनाव आयोग की तत्कालीन प्रवक्ता शेफाली शरण से संपर्क किया था और उन्होंने बताया था कि वायरल वीडियो पुरानी घटना से संबंधित है और इसमें जो कुछ भी दिख रहा है, वह ईसीआई के स्थापित मानकों के मुताबिक है।
चुनाव के दौरान ईवीएम से संबंधित अन्य फैक्ट चेक रिपोर्ट्स को यहां पढ़ा जा सकता है। गौरतलब है कि नरेंद्र मोदी वाराणसी लोकसभा सीट से बीजेपी के उम्मीदवार थे और वह इस सीट से समाजवादी पार्टी (सपा) प्रत्याशी अजय राय को करीब डेढ़ लाख मतों से हराने में सफल रहे। हालांकि, उनकी जीत का मार्जिन 2014-2019 के मुकाबले कम रहा।
उत्तर प्रदेश में बीजेपी को इस बार मात्र 33 सीटों पर जीत मिली, वहीं समाजवादी पार्टी को 37 और कांग्रेस को छह सीटों पर जीत मिली।
वायरल पोस्ट को शेयर करने वाले यूजर को इंस्टाग्राम पर करीब साढ़े तीन हजार लोग फॉलो करते हैं। चुनाव से संबंधित अन्य भ्रामक व फेक दावों की जांच करती फैक्ट चेक रिपोर्ट को विश्वास न्यूज के चुनावी सेक्शन में पढ़ा जा सकता है।
निष्कर्ष: उत्तर प्रदेश की वाराणसी लोकसभा सीट से नरेंद्र मोदी को हराए जाने के लिए ईवीएम में हेराफेरी का दावा फेक है और इसके साथ वायरल हो रहा वीडियो 2022 की पुरानी और असंबंधित चुनावी प्रक्रिया का है।
- Claim Review : वाराणसी में नरेंद्र मोदी को हराने के लिए कांग्रेस ने ईवीएम में हेर-फेर कराया।
- Claimed By : Insta User-mundantre
- Fact Check : झूठ
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