Fact Check: पैराग्लाइडिंग से उतरते ये हमास के आतंकी नहीं, मिस्र के वीडियो को इजरायल हमले से जोड़ कर किया जा रहा शेयर

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो मिस्र के मिलिट्री कॉलेज का है। इस वीडियो को इजरायल पर हुए आतंकी हमले से जोड़कर भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। इजरायल पर हुए आतंकी हमलों के बाद सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें कई लोगों को पैराग्लाइडिंग की मदद से नीचे उतरते हुए देखा जा सकता है। वीडियो शेयर करते हुए यूजर्स दावा कर रहे हैं कि ये इजरायल पर हमला करने वाले हमास के आतंकी हैं।

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो मिस्र के मिलिट्री कॉलेज का है। इस वीडियो को इजरायल पर हुए आतंकी हमले से जोड़कर भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।

वायरल पोस्ट में क्या है?

यूजर ने वायरल वीडियो शेयर करते हुए लिखा, ”यह कोई वीडियो गेम नहीं है, हमास मुजाहिदीन इजरायल में प्रवेश कर रहा है।”

पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखें।

पड़ताल

पड़ताल शुरू करने के लिए हमने सबसे पहले वीडियो को ध्यान से देखा। वायरल वीडियो में नजर आ रही इमारत पर हमें अरबी में “الكليا الحربية” लिखा हुआ नजर आया। साथ ही इस इमारत पर लगे एक झंडे को भी देखा जा सकता है।

 पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने गूगल पर “الكليا الحربية” सर्च किया। सर्च में मिस्र सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर इसी इमारत की तस्वीर मिली। यहां दी गई जानकारी के मुताबिक, यह मिस्र का सरकारी सैन्य कॉलेज है।

वायरल वीडियो की पुष्टि के लिए हमने मिस्र के फैक्ट चेकर मोहम्मद कसाब से संपर्क किया और उनके साथ वायरल वीडियो शेयर किया। उन्होंने पुष्टि करते हुए बताया कि वीडियो मिस्र के मिलिट्री कॉलेज का है। हालांकि, विश्वास न्यूज़ इस बात की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं करता है कि वायरल वीडियो किस मौके या कब का है, लेकिन ये साफ है कि इस वीडियो मिस्र का है।

न्यूज रिपोर्ट्स के मुताबिक, शनिवार सुबह गाजा से इजरायल पर 5000 रॉकेट दागे गए, जिसके बाद फिलिस्तीन और इजरायल के बीच युद्ध छिड़ गया है, जिसमें अब तक 1600 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। पूरी खबर यहां पढ़ी जा सकती है।

भ्रामक पोस्ट को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म  एक्स पर शेयर करने वाले यूजर की सोशल स्कैनिंग में हमने पाया कि यूजर के एक लाख से ज़्यादा से ज्यादा फॉलोअर्स हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो मिस्र के मिलिट्री कॉलेज का है। इस वीडियो को इजरायल पर हुए आतंकी हमले से जोड़कर भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।

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