इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के विरोध के दावे के साथ वायरल हो रहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का वीडियो क्लिप फेक और एडिटेड है। यह 2016 में उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में परिवर्तन रैली में दिए गए संबोधन का एक अंश है। वास्तव में उन्होंने इस रैली में ईवीएम को अपनाए जाने को लेकर देश के लोगों की तारीफ करते हुए उन देशों पर कटाक्ष किया था, जो अभी भी बैलेट पेपर का इस्तेमाल कर रहे हैं।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के बाद राजनीतिक दल 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर कमर कस रहे हैं। इसी संदर्भ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक वीडियो क्लिप वायरल हो रहा है, जिसे लेकर दावा किया जा रहा है कि अतीत में वह इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) का विरोध कर चुके हैं।
विश्वास न्यूज की जांच में यह दावा गलत निकला। वायरल हो रहा वीडियो क्लिप ऑल्टर्ड है, जिसे उसके संदर्भ से अलग कर फेक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है। ऑरिजिनल वीडियो में वह वास्तव में ईवीएम को अपनाए जाने को लेकर भारत के लोगों की तारीफ कर रहे हैं।
सोशल मीडिया यूजर ‘Yuva Desh’ ने वायरल वीडियो (आर्काइव लिंक) क्लिप को शेयर करते हुए लिखा है, “मोदी जी का EVM के विरोध का पुराना वीडियो, बड़ी मुश्किल से मिला!.”
सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर कई अन्य यूजर्स ने इस वीडियो क्लिप को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।
वायरल वीडियो क्लिप 23 सेकेंड का है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कहते हुए सुना जा सकता है, “……..भाइयों बहनों…अरे दुनिया के पढ़े-लिखे देश भी….जब चुनाव होता है न…तो बैलेट पेपर पर नाम पढ़ कर के भी ठप्पा मारते हैं आज भी। अमेरिका में भी….।”
स्पष्ट है कि वायरल वीडियो क्लिप एक अंश है, जिसे उसके संदर्भ के साथ सुने बिना उसके मतलब को नहीं समझा जा सकता है। वायरल वीडियो क्लिप में मंच पर “परिवर्तन” शब्द लिखा हुआ नजर आ रहा है। इसी आधार पर की-वर्ड सर्च में यह वीडियो नरेंद्र मोदी के आधिकारिक यू-ट्यूब चैनल पर मिला, जिसे तीन दिसंबर 2016 को लाइव किया गया था। दी गई जानकारी के मुताबिक, यह वीडियो उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की परिवर्तन रैली का है।
वीडियो को 55 मिनट के फ्रेम से देखने पर वायरल क्लिप का संदर्भ स्पष्ट हो जाता है। पीएम मोदी भारत में फिनटेक के व्यापक इस्तेमाल का जिक्र करते हुए देश के लोगों की तारीफ करते हैं। इसी संदर्भ में वह ईवीएम के इस्तेमाल का जिक्र करते हुए कहते हैं”…कुछ लोग कहते हैं हमारा देश गरीब है, लोग अनपढ़ हैं, लोगों को कुछ आता नहीं है। भाइयों और बहनों दुनिया के पढ़े-लिखे देश भी….जब चुनाव होता है न तो बैलेट पेपर पर नाम पढ़ करके ठप्पा मारते हैं आज भी….अमेरिका में भी। यह हिंदुस्तान है…जिसको आप अनपढ़ कहते हो, गरीब कहते हो, वह बटन दबाकर वोट देना जानता है।”
यानी पीएम मोदी वास्तव में ईवीएम को अपनाए जाने को लेकर भारत के लोगों की तारीफ कर रहे हैं, लेकिन उनके संबोधन के एक हिस्से को अलग कर ऐसे पेश किया गया है, जैसे वह ईवीएम का विरोध कर रहे हैं।
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के आधिकारिक यू-ट्यूब चैनल से भी उनके इस भाषण को तीन दिसंबर 2016 को लाइव स्ट्रीम किया गया है।
हमारी जांच से स्पष्ट है कि वायरल हो रहा वीडियो एडिटेड है, जिसे फेक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है। वायरल तस्वीर को लेकर हमने उत्तर प्रदेश बीजेपी के प्रवक्ता हरीशचंद्र श्रीवास्तव से संपर्क किया। वीडियो क्लिप को फेक बताते हुए उन्होंने कहा कि यह कुछ नहीं विधानसभा राज्यों में कांग्रेस की हार की बौखलाहट का नतीजा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कभी भी ईवीएम का विरोध नहीं किया।
ऑल्टर्ड वीडियो क्लिप को फेक दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर को फेसबुक पर करीब 18 लाख लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष: इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के विरोध के दावे के साथ वायरल हो रहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का वीडियो क्लिप फेक और एडिटेड है। यह 2016 में उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में परिवर्तन रैली में दिए गए संबोधन का एक अंश है। वास्तव में उन्होंने इस रैली में ईवीएम को अपनाए जाने को लेकर देश के लोगों की तारीफ करते हुए उन देशों पर कटाक्ष किया था, जो अभी भी बैलेट पेपर का इस्तेमाल कर रहे हैं।
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