हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के रोहडू के गवास में 38 वर्षों बाद आयोजित हुए महायज्ञ के वीडियो को पंजाब में ईवीएम के खिलाफ आयोजित विरोध प्रदर्शन का बताकर शेयर किया जा रहा है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। लोकसभा चुनाव 2024 के पहले चरण के चुनाव से पहले सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो को लेकर दावा किया जा रहा है कि यह पंजाब के अमृतसर में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के इस्तेमाल के विरोध को लेकर जलियांवाला बाग में हुए प्रदर्शन का है। दावा किया जा रहा है कि लोकसभा चुनाव से पहले पंजाब में ईवीएम के खिलाफ आंदोलन की शुरुआत हो चुकी है।
विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इसे गलत पाया। वायरल वीडियो हिमाचल प्रदेश में आयोजित एक धार्मिक उत्सव समारोह का है, जिसे फेक दावे के साथ ईवीएम विरोध प्रदर्शन का बताकर शेयर किया जा रहा है।
सोशल मीडिया यूजर ‘geeta_gavel_inc’ ने वायरल वीडियो (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, “पंजाब में जलियांवाला बाग के पास अंदर में EVM के खिलाफ बहुत बड़ा आंदोलन शुरू हो गया ईवीएम हटाओ देश बचाओ।”
कई अन्य यूजर्स ने इस वीडियो को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।
वायरल वीडियो के की-फ्रेम्स को रिवर्स इमेज सर्च करने पर यह वीडियो हमें एक फेसबुक यूजर की प्रोफाइल पर लगा मिला, जिसे उन्होंने “जय महासु” “गदारू महाराज” जैसे हैशटैग के साथ शेयर किया है। वीडियो में नजर आ रहे लोग हिमाचल प्रदेश में पहनी जाने वाली टोपियों में नजर आ रहे हैं।
संबंधित की-वर्ड्स के आधार पर न्यूज सर्च में मिलता-जुलता वीडियो यू-ट्यूब चैनल ‘Manta Vlogs Warrior’ पर मिला, जिसे गवास शांत महायज्ञ शिखा फेर का बताया गया है।
इसी आधार पर आगे सर्च करने पर यह वीडियो अमर उजाला के आधिकारिक यू-ट्यूब चैनल पर लगा मिला, जिसे दो महीने पहले अपलोड किया गया है।
दी गई जानकारी के मुताबिक, “यह हिमाचल प्रदेश के रोहडू के गवास गांव में 38 साल बाद हुए शांत महायज्ञ का है।” रिपोर्ट में बताया गया है, “हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले के रोहड़ू के गवास गांव में देवता गुडारू महाराज के सानिध्य में 38 साल बाद ऐतिहासिक देव अनुष्ठान शांत महायज्ञ गवास समारोह आयोजित किया गया, जिसमें तीन दिन तक चलने वाले इस ऐतिहासिक महायज्ञ में 12 से अधिक देवी-देवता और 20 हजार से अधिक देवलु एवं खूंद पहुंचे हैं।”
अतिरिक्त पुष्टि के लिए हमने दैनिक जागरण, शिमला के प्रभारी रोहित नागपाल से संपर्क किया। उन्होंने पुष्टि करते हुए बताया कि यह वीडियो रोहडू विधानसभा क्षेत्र का है, जहां आयोजित महायज्ञ में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू भी पहुंचे थे।
वायरल पोस्ट को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर को इंस्टाग्राम पर करीब एक हजार से अधिक लोग फॉलो करते हैं। चुनाव से संबंधित अन्य भ्रामक व फेक दावों की जांच करती फैक्ट चेक रिपोर्ट को विश्वास न्यूज के चुनावी सेक्शन में पढ़ा जा सकता है।
निष्कर्ष: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के रोहडू के गवास में 38 वर्षों बाद आयोजित हुए महायज्ञ के वीडियो को पंजाब में ईवीएम के खिलाफ आयोजित विरोध प्रदर्शन का बताकर शेयर किया जा रहा है।
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