विश्वास न्यूज ने पाया कि युवतियों के साथ बदतमीजी करते युवकों का वायरल वीडियो हाल-फिलहाल में हुई घटना का नहीं, बल्कि साल 2017 में उत्तर प्रदेश में हुई घटना का है। यूपी के रामपुर में महिलाओं के साथ बदतमीजी की गई थी। मामला सामने आने के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के अंतर्गत पुलिस ने कार्रवाई की थी।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। तृणमूल कांग्रेस के नेता शाहजहां शेख पर आत्यचार का आरोप लगाते हुए संदेशखाली की महिलाएं विरोध प्रदर्शन कर रही हैं। इसी घटना से जोड़ते हुए सोशल मीडिया पर महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार करते हुए कुछ लोगों का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो को शेयर कर यूजर्स दावा कर रहे हैं कि यह पश्चिम बंगाल में हाल ही में हुई घटना का वीडियो है। वहां पर महिलाओं के साथ इस तरह से बदसलूकी की जाती है।
विश्वास न्यूज ने जब वायरल दावे की पड़ताल को तो पाया कि यह दावा भ्रामक है। वायरल वीडियो हाल-फिलहाल में हुई घटना का नहीं, बल्कि साल 2017 में उत्तर प्रदेश में हुई घटना का है। यूपी के रामपुर में महिलाओं के साथ बदतमीजी की गई थी। मामला सामने आने के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के अंतर्गत पुलिस ने कार्रवाई की थी।
एक्स यूजर ‘हम लोग We The People’ ने 14 फरवरी 2024 को वायरल वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “यह पश्चिम बंगाल में हमारी हिंदू महिलाओं की स्थिति है, जबकि प्रदेश की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी स्वयं एक महिला हैं हैं, यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। वोट-बैंक के लालच में अवैध रोहिंग्या और बांग्लादेशियों ने पश्चिम बंगाल को तबाह कर दिया है।”
पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।
वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स की मदद से सर्च करना शुरू किया। हमें दावे से जुड़ी रिपोर्ट द क्विंट की वेबसाइट पर मिली। रिपोर्ट को 28 मई 2017 को प्रकाशित किया गया था। रिपोर्ट में वायरल वीडियो मौजूद है। रिपोर्ट के अनुसार, यह मामला उत्तर प्रदेश के रामपुर का है, जहां पर गाड़ी में पेट्रोल खत्म होने पर अपनी बहनों को रास्ते में छोड़कर पेट्रोल लेने के लिए चला गया। इसके बाद वहां से गुजर रहे कुछ मनचलों ने लड़कियों के साथ बदतमीजी करनी शुरू कर दी और इसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर भी डाल दिया। मामला सामने आने के बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 14 लड़कों के खिलाफ मामला दर्ज किया और मुख्य आरोपी सहित दो लोगों को गिरफ्तार किया है।
जांच के समय हमें दावे से जुड़ी एक पोस्ट उत्तर प्रदेश पुलिस के फैक्ट चेक एक्स हैंडल पर मिली। 15 फरवरी 2022 को वायरल वीडियो के स्क्रीनशॉट को शेयर करते हुए कैप्शन में पुलिस ने जानकारी देते हुए लिखा है, रामपुर पुलिस के अनुसार घटना साल 2017 की है। तहरीर के आधार पर थाना टांडा पर अभियोग दर्ज कर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के अंतर्गत वैधानिक कार्यवाही की जा चुकी है। साथ ही फेक पोस्ट को न फैलाने की अपील भी की है।
रामपुर पुलिस के एक्स हैंडल को खंगालने पर हमें दावे से जुड़ी एक पोस्ट 14 फरवरी 2022 को अपलोड हुई मिली। रायपुर पुलिस ने स्पष्टीकरण देते हुए लिखा है, “वीडियो के सम्बन्ध में रामपुर पुलिस स्पष्ट करती है कि उक्त वीडियो के सम्बन्ध में तत्काल सुसंगत धाराओं में अभियोग पंजीकृत कर अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया तथा आरोपियों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही करते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) भी लगाया गया था।”
करीब एक साल पहले भी यह दावा सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है। उस दौरान विश्वास न्यूज ने इस वीडियो को लेकर दैनिक जागरण, रामपुर के ब्यूरो चीफ मुस्लेमीन से बातचीत की थी। उन्होंने हमें बताया था, वायरल वीडियो 28 मई 2017 को हुई घटना का है। उस समय वीडियो के वायरल होने के बाद पुलिस ने हरकत में आकर आरोपियों को खिलाफ कार्रवाई की थी।
पूरी रिपोर्ट को यहां पर पढ़ा जा सकता है।
आजतक की वेबसाइट पर प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में महिलाएं तृणमूल कांग्रेस के नेता शाहजहाँ शेख के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन कर रही हैं। महिलाओं ने शाहजहाँ शेख और उनके समर्थक पर आत्यचार और रेप के आरोप लगाए हैं। हालांकि, तृणमूल कांग्रेस ने इन सभी आरोपों को गलत बताया है। उनका कहना है कि अन्य राजनीतिक दल राज्य का माहौल खराब करने के लिए ये सब कर रहे हैं।
अंत में हमने वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर के अकाउंट को स्कैन किया। हमने पाया कि यूजर एक विचारधारा से जुड़ी पोस्ट को शेयर करता है। यूजर ने प्रोफाइल पर खुद को महाराष्ट्र का रहने वाला बताया है।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने पाया कि युवतियों के साथ बदतमीजी करते युवकों का वायरल वीडियो हाल-फिलहाल में हुई घटना का नहीं, बल्कि साल 2017 में उत्तर प्रदेश में हुई घटना का है। यूपी के रामपुर में महिलाओं के साथ बदतमीजी की गई थी। मामला सामने आने के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के अंतर्गत पुलिस ने कार्रवाई की थी।
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