Fact Check: 7 ब्रेन डैमेजिंग आदतों को लेकर WHO के नाम से वायरल हो रहा स्क्रीनशॉट फर्जी है

विश्वास न्यूज़ की जांच में डब्ल्यूएचओ के नाम से वायरल 7 ब्रेन डैमेजिंग आदतों का दावा करता स्क्रीनशॉट फर्जी निकला। स्क्रीनशॉट में बताई गई आदतों का ब्रेन डैमेज से सीधे-सीधे कोई संबंध नहीं है,लेकिन लंबे समय तक लापरवाही सीरियस हेल्थ प्रॉब्लम्स का कारण बन सकती है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज़)। सोशल मीडिया पर एक पेपर की कटिंग का स्क्रीनशॉट वायरल किया जा है। स्क्रीनशॉट में वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) के नाम से एक मैसेज शेयर किया जा रहा है, जिसमें दावा किया गया है कि WHO ने सात बड़ी ब्रेन डैमेजिंग आदतों के बारे में बताया है। वायरल स्क्रीनशॉट पर डब्ल्यूएचओ का लोगो भी लगा हुआ देखा जा सकता है। इसे आगे फॉरवर्ड करने को भी कहा गया है। यूजर्स इसे सच मानकर सोशल मीडिया पर शेयर कर रहे हैं। विश्वास न्यूज ने पड़ताल में पाया कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे स्क्रीनशॉट में किया जा रहा दावा गलत है। वायरल पोस्ट का WHO से कोई संबंध हीं है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन ने ऐसी कोई पोस्ट शेयर नहीं की है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक यूजर Samaira Ali ने 13 फरवरी को स्क्रीनशॉट को शेयर किया है। स्क्रीनशॉट में 7 बड़ी ब्रेन डैमेजिंग आदतों के बारे में बताते हुए लिखा है, कृपया इस मैसेज को पढ़ें और सबके साथ शेयर करें।

वायरल स्क्रीनशॉट में आगे लिखा है: दिमाग को नुकसान पहुंचाने वाली 7 सबसे बड़ी आदतें

मिसिंग ब्रेकफास्ट
देर से सोना
ज्यादा मीठा खाना
अधिक सोना खासकर सुबह के समय
टीवी या कंप्यूटर देखते हुए खाना
सोते समय कैप/स्कार्फ या सॉक्स पहन कर सोना
यूरिन रोकना

सोशल मीडिया पर कई अन्य यूजर्स इस स्क्रीनशॉट को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है। पोस्ट का आर्काइव वर्जन यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने संबंधित कीवर्ड से गूगल पर सर्च किया। इस दौरान हमने पाया कि यह पोस्ट कई सालों से सोशल मीडिया पर समान दावे के साथ वायरल है। इनमें से कई पोस्ट पर WHO का लोगो नहीं लगा हुआ है।

हमने डब्ल्यूएचओ के सोशल मीडिया हैंडल्स और वेबसाइट पर भी वायरल दावे के बारे में सर्च किया। हमें यहां भी वायरल दावे से जुड़ी कोई पोस्ट प्राप्त नहीं हुई।

हमने स्क्रीनशॉट में मौजूद दावों की एक-एक करके जांच शुरू की।

मिसिंग ब्रेकफास्ट

संबंधित कीवर्ड से सर्च करने पर हमें futurefit.co.uk की वेबसाइट पर प्रकाशित एक आर्टिकल मिला। जिसमें बताया गया है कि सुबह का नाश्ता मिस करने पर शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो सकती है। मेटाबॉलिज्म स्लो हो जाता है और भी कई परेशानियां हो सकती हैं। लेकिन रिपोर्ट में कहीं भी यह नहीं लिखा है कि ब्रेकफास्ट नहीं करने से ब्रेन डैमेज हो सकता है।

देर से सोना

healthline.com पर 15 दिसंबर 2021 को प्रकाशित आर्टिकल के अनुसार, नींद की कमी या आवश्यक सात से नौ घंटे से कम सोने से मानसिक क्षमता कम हो जाती है और इसका दीर्घकालिक प्रभाव पड़ता है।

ज्यादा मीठा खाना

ज्यादा मीठा खाने से होने वाले नुकसान को लेकर medicalnewstoday.com की वेबसाइट पर 30 जून 2020 को पब्लिश आर्टिकल में बताया गया कि ज्यादा मीठा खाने से दांतों में सड़न,मुहांसे,वजन बढ़ना और मोटापा,मधुमेह और हृदय रोग जैसी कई बीमारियां हो सकती हैं।

सोते समय कैप/स्कार्फ या सॉक्स पहन कर सोना

timesnowhindi.com पर 6 फरवरी 2021 को प्रकाशित आर्टिकल के अनुसार, मोजे पहनकर सोने से आप कई गंभीर बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं। ब्लड सर्कुलेशन में रुकावट और हार्ट पर बुरा प्रभाव पड़ता है।

यूरिन रोकना

medicalnewstoday.com पर 17 नवंबर 2021 में प्रकशित आर्टिकल में बताया गया है कि यूरिन रोकने से दर्द और संक्रमण जैसी बीमारियां हो सकती हैं।

हमने स्क्रीनशॉट में मौजूद दावों को लेकर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) की कोरोना नेशनल टास्क फोर्स के सह-अध्यक्ष डा.राजीव जयदेवन से संपर्क किया था । उन्होंने कहा, “यह एक फर्जी संदेश है।” ब्रेकफास्ट छोड़ने को लेकर उन्होंने बताया कि आमतौर पर सबुह के नाश्ता को छोड़ना स्ट्रोक से कोई संबंध नहीं रखता। सुबह भूखे रहने से काम करने की क्षमता प्रभावित होती है। डा. जयदेवन ने बताया था कि पर्याप्त नींद ना लेने से कई चिकित्सा समस्याएं बढ़ सकती हैं। अधिक मात्रा में चीनी खाने से मोटापा, इंसुलिन प्रतिरोध, फैटी लिवर, उच्च रक्तचाप, मधुमेह और हृदय रोग जैसी समस्याएं हो सकती है। टेलीविजन, सोशल मीडिया या बातचीत करते हुए भोजन करने से हम अत्यधिक कैलोरी का सेवन करते हैं।

वायरल दावे को लेकर हमने दिल्ली अपोलो के न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. पी एन रेंजेन से संपर्क किया। उन्होंने वायरल दावे को फर्जी बताया है। उन्होंने कहा कि इस तरह के मैसेज पर रोक लगानी चाहिए। ऐसे मैसेज लोगों को गुमराह करते हैं।

पहले भी यह पोस्ट समान दावे के साथ सोशल मीडिया पर वायरल हो चुकी है, जिसकी जांच विश्वास न्यूज ने की थी। उस समय हमने विश्व स्वास्थ्य संगठन दक्षिण-पूर्व एशिया की मीडिया को-ऑर्डिनेटर शमिला शर्मा के साथ वॉट्सऐप के जरिए संपर्क किया था। उन्होंने हमें बताया था कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा दावा फर्जी है। ऐसा कोई बयान नहीं दिया गया। आप हमारी पहले की पड़ताल को यहां पढ़ सकते हैं।

पड़ताल के अंत में फर्जी पोस्ट करने वाले यूजर की जांच की गई। फेसबुक यूजर समीरा अली बेंगलुरु की रहने वाली हैं। इनके 864 फ्रेंड हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ की जांच में डब्ल्यूएचओ के नाम से वायरल 7 ब्रेन डैमेजिंग आदतों का दावा करता स्क्रीनशॉट फर्जी निकला। स्क्रीनशॉट में बताई गई आदतों का ब्रेन डैमेज से सीधे-सीधे कोई संबंध नहीं है,लेकिन लंबे समय तक लापरवाही सीरियस हेल्थ प्रॉब्लम्स का कारण बन सकती है।

False
Symbols that define nature of fake news
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