नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया पर आजकल एक तस्वीर वायरल हो रही है जिसमें बाबा रामदेव की एक तस्वीर के साथ टेक्स्ट लिखा है कि कतर में पतंजलि के सभी प्रोडक्ट बैन कर दिए गए हैं। हमारी पड़ताल में हमने पाया कि पतंजलि प्रोडक्ट्स के कतर में बैन होने की खबर भ्रामक है। कतर सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने पतंजलि प्रोडक्ट्स का हलाल सर्टिफिकेट मांगा था और प्रोडक्ट्स को बैन किया था। पतंजलि ने पहले से ही जारी सर्टिफिकेट को पेश किया था और पतांजलि के स्पोकेसपर्सन का केहना है कि इसके बाद यह बैन उठ गया। यह बैन केमिकल्स की वजह से नहीं बल्कि हलाल सर्टिरटिफिकेटे के लिए लगा था। वायरल पोस्ट भ्रामक है।
CLAIM
वायरल पोस्ट में क्लेम किया जा रहा है, “कतर में पतंजलि के सभी प्रोडक्ट बैन, नेचुरल बताकर खतरनाक केमिकल बेच रहे हैं रामदेव।” इस पोस्ट को पारस सोलंकी नाम के व्यक्ति ने Rajkotians ROX ( Rangilu Rajkot ) नाम के पेज पर शेयर किया था।
FACT CHECK
पड़ताल शुरू करने के लिए हमने सबसे पहले लिखे गए कथन को ठीक से पढ़ा। पोस्ट में 2 क्लेम किए गए थे।
1) कतर देश में पतंजलि के सभी प्रोडक्ट को बैन किया गया है।
2 ) पतंजलि प्रोडक्ट्स को बैन करने का कारण है- प्रोडक्ट्स में खतरनाक केमिकल्स का होना।
हमने इन दोनों संदर्भों को ध्यान में रखते हुए पड़ताल को शुरू किया। इस पोस्ट में सबसे पहले क्लेम किया गया है कि पतंजलि के सभी प्रोडक्ट को कतर में बैन कर दिया गया है। इस दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने सबसे पहले कुछ ऑनलाइन स्टोर्स पर ढूंढा कि क्या कतर में कोई भी पतंजलि का प्रोडक्ट मौजूद है या नहीं। इसी पड़ताल में हम एक इंटरनेशनल ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट Ubuy पर पहुंचे। सर्च बॉक्स में दिव्य पतंजलि लिखने पर हमारे सामने पतंजलि के कई प्रोडक्ट्स निकल कर आए जो कि दोहा में डिलीवरी के लिए अवेलेबल थे। साफ है कि पतंजलि के सभी प्रोडक्ट दोहा में या कतर में बैन नहीं हुए हैं।
इसके बाद हमने यह जानना चाहा कि आखिर पूरा माजरा क्या है। इस सिलसिले में हमारे हाथ न्यूज़ एजेंसी ANI की एक खबर लगी। इस खबर के अनुसार, पतंजलि के स्पोकेसपर्सन ने कहा की कतर के हेल्थ डिपार्टमेंट ने पतंजलि के कुछ प्रोडक्ट्स के लिए हलाल सर्टिफिकेट मांगा था। आपको बता दें कि इस्लाम में हलाल का मतलब होता है – जायज। हलाल शब्द विशेष रूप से इस्लामी आहार कानूनों और विशेष रूप से मांस से जुड़ा हुआ है। इसी सिलसिले में पतंजलि ने Jamiat Ulama-i-Hind Halal Trust द्वारा पतंजलि के प्रोडक्ट्स को माननीय मानते हुए जारी किया गया हलाल सर्टिफिकेट कतर हेल्थ डिपार्टमेंट को सौंपा था जिसके बाद पतंजलि प्रोडक्ट्स के इम्पोर्ट को अप्रूव कर दिया गया था. पड़ताल में पाए गए डॉक्युमेंट नीचे देखे जा सकते हैं। यह सभी डाक्यूमेंट्स पतंजलि द्वारा भी दिए गए थे। हालाँकि यहाँ कहीं भी क़तर का नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट नहीं है।
हमने अपनी पड़ताल में पाया कि 30 मई 2018 को कतर हेल्थ मिनिस्ट्री ने एक लिस्ट जारी की थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि यदि किसी भी खाने के पदार्थ को हलाल सर्टिफिकेशन नहीं मिला है तो उसे कतर में बैन कर दिया जाएगा। और इसी मद्देनज़र पतंजलि को हलाल सर्टिफिकेट न होने के कारण बैन किया गया है।
इसी सिलसिले में दोहा हेल्थ मिनिस्ट्री ने पतंजलि को एक नोटिफिकेशन इश्यू किया था जिसके जवाब में पतंजलि ने Jamiat Ulama-i-Hind Halal Trust द्वारा इश्यू किया गया एक हलाल रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट हेल्थ मिनिस्ट्री को सौंपा था। इस सर्टिफिकेट के अनुसार, पतंजलि के सभी प्रोडक्ट हलाल मानदंडों पर खरे उतरते हैं।
इसी सिलसिले में 1 अगस्त 2018 को कतर हेल्थ मिनिस्ट्री ने एक नोटिफिकेशन जारी किया था, जिसमें साफ लिखा है कि पतंजलि को हलाल सर्टिफिकेशन देना होगा अपने हर प्रोडक्ट के साथ. हालाँकि हमें क़तर द्वारा इशू किया गया नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट नहीं मिला।
ज्यादा पुष्टि के लिए हमने पतंजलि के स्पोक्सपर्सन एस के तिजारावाला से बात की, जिन्होंने हमें बताया कि उन्होंने पिछले साल 10 अक्टूबर 2018 को एक ट्वीट करके यह बात कही थी कि कतर में पतंजलि के प्रोडक्ट्स पर बैन उठा लिया है और इससे संबंधित सभी डॉक्युमेंट्स भी उन्होंने इस ट्वीट में शेयर किए थे। आप यह ट्वीट नीचे देख सकते हैं. हालाँकि हमें क़तर द्वारा इशू किया गया नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट नहीं मिला।
इस पोस्ट को पारस सोलंकी नाम के एक व्यक्ति ने Rajkotians ROX ( Rangilu Rajkot ) नाम की एक पेज पर शेयर किया था। इस पेज के लगभग 1,19,000 से ज़्यादा फॉलोअर्स हैं।
निष्कर्ष: हमारी पड़ताल में हमने पाया कि पतंजलि प्रोडक्ट्स के कतर में बैन होने की खबर भ्रामक है। कतर सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने पतंजलि प्रोडक्ट्स का हलाल सर्टिफिकेट मांगा था और प्रोडक्ट्स को बैन किया था। पतंजलि ने पहले से ही जारी सर्टिफिकेट को पेश किया था और पतांजलि के स्पोकेसपर्सन का केहना है कि इसके बाद यह बैन उठ गया। यह बैन केमिकल्स की वजह से नहीं बल्कि हलाल सर्टिरटिफिकेटे के लिए लगा था। वायरल पोस्ट भ्रामक है।
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