नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। फेसबुक पर एक पोस्ट वायरल हो रही है। इसमें दावा किया जा रहा है बुरहानपुर सरकारी अस्पताल की डॉक्टर उमा वर्मा मुसलमानों के बच्चों को डिलीवरी के समय जानबूझ कर मार रही हैं। वहीं, कोई गैर मुस्लिम जाता है तो उसकी जान बचा लेती हैं। वायरल पोस्ट में एक वीडियो अपलोड किया गया है, जिसमें कुछ मुस्लिम डॉक्टर वर्मा को घेरकर रखे हुए हैं और उन पर गुस्सा निकाल रहे हैं।
विश्वास टीम की पड़ताल में पता चला कि वायरल पोस्ट में जो दावा किया गया है, वह फर्जी है। 27 सितंबर 2019 को मध्य प्रदेश के बुरहानपुर के सरकारी अस्पताल में एक गर्भवती महिला को मरा हुआ बच्चा पैदा हुआ था। जिसके बाद परिजनों ने खूब हंगामा किया था। उसी घटना का वीडियो अब गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।
मोहम्मद मेराज गुडडू ने MIM NEWS JHARKHAND नाम के फेसबुक ग्रुप पर 29 सितंबर को शाम 5:52 बजे एक वीडियो अपलोड करते हुए दावा किया : ”बुरहानपुर सरकारी अस्पताल की वर्मा मैडम जानबुझ कर के मुस्लिम समाज के बच्चो को डिलीवरी के समय जान से मार रही है अब तक 107 बच्चो को मार चुकी है और यदि कोई गैर मुस्लिम व्यक्ति जाता है तो उसके बच्चो को बचा लेती है, ऐसे खुनी अपराधी डॉक्टर को सजा देना बहुत जरुरी है इसकी ये हरकत आज सबके सामने आ गई आप सब से हमारी गुजारिश है कि इस डॉक्टर की हरकत पूरे भारत मे पता चलनी चाहिए आप लोग से जितना हो सके इस विडियो को ज्यादा से ज्यादा श्येर करें।”
इस वीडियो को अब तक 1700 बार शेयर किया जा चुका है।
विश्वास न्यूज ने सबसे पहले वायरल वीडियो को InVID टूल में अपलोड करके कई वीडियो ग्रैब निकाले। इसके बाद इन्हें गूगल रिवर्स इमेज में सर्च किया, लेकिन हमें कुछ खास नहीं मिला। इसके बाद हमने ‘बुरहानपुर सरकारी अस्पताल में बच्चे की मौत’ कीवर्ड टाइप करके सर्च किया। हमें कुछ अखबारों की न्यूज वेबसाइट पर इससे संबंधित खबरें मिलीं ।
हमें बुरहानपुर से प्रकाशित दैनिक भास्कर की वेबसाइट पर एक खबर मिली। 28 सितंबर 2019 को पब्लिश इस खबर में इस्तेमाल की गई तस्वीर में वही लोग दिखे, जो वायरल वीडियो में दिख रहे थे। खबर के अनुसार, ”जिला अस्पताल में प्रसूता के ऑपरेशन के दौरान नवजात की मौत हो गई। इस पर प्रसूता के परिजन का गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने डॉ. उमा वर्मा पर इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया।”
इसके बाद हमने बुरहानपुर से प्रकाशित होने वाले अखबारों के ईपेपर को खंगालना शुरू किया। हमें आखिरकार पत्रिका अखबार के बुरहानपुर संस्करण में एक खबर मिली। 28 सितंबर को प्रकाशित खबर के अनुसार, जिला अस्पताल में प्रसूता को मरा हुआ बच्चा पैदा होने पर परिजनों ने हंगामा कर दिया। गांधी कॉलोनी लालबाग की निवासी फरहत को जिला अस्पताल में भर्ती किया गया था। परिजनों का कहना है कि डॉक्टर उमा वर्मा ने पैसे लेकर प्रसव कराया तो मरा हुआ बच्चा पैदा हुआ। घटना 27 सितंबर 2019 की है। खबर में उमा वर्मा का पक्ष भी प्रकाशित किया। उमा वर्मा के अनुसार, ”जांच में नवजात की धड़कन सुनाई नहीं दे रही थी। सोनोग्राफी कराई। इसमें साढ़े तीन किलो का मृत बच्चा पाया। स्थिति देखते हुए ऑपरेशन किया।…”
खबर की तह में जाने के लिए विश्वास न्यूज ने इस पूरे मामले को मीडिया में उठाने वाले स्थानीय समाजसेवी और पीड़िता के पड़ोसी मोहम्मद हाफिज से हमने संपर्क किया। उन्होंने बताया कि डॉक्टर की लापरवाही के कारण ही बच्चे की मौत हुई थी, क्योंकि एक दिन पहले डॉक्टर ने कहा था कि बच्चा गर्भ में एकदम सही है। अगले दिन उन्होंने बताया कि बच्चे की मौत हो गई है। इसके बाद अस्पताल में काफी बवाल हुआ। इसमें कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं था। 107 बच्चों के मारने वाली बात पूरी तरह फर्जी है।
पड़ताल के अगले चरण में जिला अस्पताल के सीएमएचओ डॉ. विक्रम सिंह वर्मा से संपर्क किया। उन्होंने बताया कि 27 सितंबर को कुछ लोगों ने जरूर अस्पताल में हंगामा किया था, क्योंकि एक मरीज को मरा हुआ बच्चा पैदा हुआ था।
अंत में विश्वास न्यूज ने फेसबुक यूजर मोहम्मद मेराज गुड्डू के अकाउंट की सोशल स्कैनिंग की। हमें पता लगा कि यह अकाउंट झारखंड के गुमला से संचालित होता है। फेसबुक की प्रोफाइल में मेराज ने खुद को AIMIM का झारखंड प्रभारी बताया हुआ है। इस अकाउंट को मार्च 2016 में बनाया गया था। इसे 1324 लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष : विश्वास न्यूज की पड़ताल में मुस्लिम बच्चों को मारने वाली पोस्ट फर्जी साबित हुई। अस्पताल में हुए बवाल के वीडियो को गलत संदर्भ के साथ वायरल किया जा रहा है।
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