Fact Check: यह प्राचीन मिस्र के दंत चिकित्सा कार्य की तस्वीर नहीं, वायरल पोस्ट भ्रामक है

विश्वास न्यूज ने पोस्ट की जांच की और वायरल दावे को भ्रामक पाया। पोस्ट में दिखाई गई तस्वीरें 1900 के दशक में एक इटैलियन डेंटिस्ट द्वारा बनाये गए मॉडल की हैं।

Fact Check: यह प्राचीन मिस्र के दंत चिकित्सा कार्य की तस्वीर नहीं, वायरल पोस्ट भ्रामक है

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज): सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक पोस्ट में सोने के तार से बंधे दांतों की तस्वीरें दिखाई दे रही हैं। पोस्ट के साथ दावा किया जा रहा है कि ये तस्वीरें 2000 ईसा पूर्व मिस्र के प्राचीन दंत चिकित्सा कार्य को दर्शाती हैं। विश्वास न्यूज ने पोस्ट की जांच की और वायरल दावे को भ्रामक पाया। पोस्ट में दिखाई गई तस्वीरें 1900 के दशक में एक इटैलियन डेंटिस्ट द्वारा बनाये गए मॉडल की हैं।

क्याई हो रहा है वायरल?

फेसबुक पर वायरल हो रहे पोस्ट में सोने के तार से बंधे दांतों की तस्वीरें दिखाई दे रही हैं। पोस्ट के साथ दावा किया जा रहा है: “2000 ईसा पूर्व से प्राचीन मिस्र के दंत चिकित्सा कार्य।”

पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

विश्वास न्यूज ने गूगल रिवर्स इमेज सर्च टूल का इस्तेमाल कर अपनी जांच शुरू की। हमें फोर्ब्स की वेबसाइट पर ‘टेन बोनहेडेड इंटरप्रिटेशन ऑफ एंशिएंट स्केलेटन’ शीर्षक वाले आर्टिकल में ये तस्वीरें मिलीं। आर्टिकल में खोपड़ी और कंकाल से जुड़े विभिन्न वायरल दावों को झूंठा बताया गया था। आर्टिकल के अनुसार, पोस्ट में दिखाए गए चित्र 20 वीं शताब्दी में एक इतालवी दंत चिकित्सक विन्सेन्ज़ो गुएरिनी द्वारा बनाए गए थे, जो माना जाता है कि एक मिस्र की ममी पर बनाया गया था।

आर्टिकल के अनुसार: “अनुवादित: यहां दिखाए गए मेम्बिबल में “उपचार” 20 वीं शताब्दी के मोड़ पर डॉ विन्सेन्ज़ो गुएरिनी द्वारा किया गया था, जिन्होंने ए हिस्ट्री ऑफ़ डेंटिस्ट्री लिखी थी और जिन्होंने प्राचीन दंत चिकित्सा उदाहरणों के मॉडल बनाए थे, जिन्हें उन्होंने अपनी यात्रा में देखा था। तो यह उदाहरण केवल 115 वर्ष पुराना है, 2000 वर्ष पुराना नहीं है और निश्चित रूप से मिस्र का नहीं है। क्या डॉ गुएरिनी ने वास्तव में इस तरह के दंत चिकित्सा उपकरण के साथ एक मिस्र की ममी को देखा था, यह अभी भी अज्ञात है, क्योंकि ऐसी ममी वर्तमान में मौजूद नहीं है।”

आर्टिकल में आगे कहा गया है कि मॉडल को बाल्टीमोर में मैरीलैंड विश्वविद्यालय में दंत चिकित्सा के राष्ट्रीय संग्रहालय में रखा गया था।

विश्वास न्यूज ने ईमेल के जरिए नेशनल म्यूजियम ऑफ डेंटिस्ट्री के क्यूरेटर डॉ. स्कॉट स्वैंक से संपर्क किया। उन्होंने कहा: “तस्वीर 1900 के आसपास विन्सेन्ज़ो गुएरिनी द्वारा बनाए गए मिस्र के ब्रिजवर्क के एक मॉडल की है।”

इस पोस्ट को फेसबुक पर डॉक्टर अर्जुन दासगुप्ता नाम के यूजर ने शेयर किया है। जब हमने पेज को स्कैन किया तो पाया कि फेसबुक पर यूजर के करीब 10 हजार फॉलोअर्स हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने पोस्ट की जांच की और वायरल दावे को भ्रामक पाया। पोस्ट में दिखाई गई तस्वीरें 1900 के दशक में एक इटैलियन डेंटिस्ट द्वारा बनाये गए मॉडल की हैं।

False
Symbols that define nature of fake news
पूरा सच जानें...

सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews.com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्‍यम से भी सूचना दे सकते हैं।

Related Posts
नवीनतम पोस्ट