Fact Check: वायरल पोस्ट भ्रामक, संत प्रह्लाद जानी का निधन 2020 में हुआ था

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल की जा रही पोस्ट भ्रामक है। गुजरात के संत प्रह्लाद जानी का निधन साल 2020 में हो चुका है। पुरानी खबर को नए तरीके से फैलाया जा रहा है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। संत प्रह्लाद जानी की तस्वीर को शेयर करते हुए सोशल मीडिया यूजर दावा कर रहे हैं कि उनका पिछले दिनों निधन हो गया है। इस पोस्ट को सोशल मीडिया के अलग- अलग प्लेटफॉर्म  पर वायरल किया जा रहा है।

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल की जा रही पोस्ट भ्रामक है। गुजरात के संत प्रह्लाद जानी का निधन साल 2020 में हो चुका है। पुरानी खबर को नए तरीके से फैलाया जा रहा है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक यूजर ने एक तस्‍वीर को शेयर करते हुए लिखा, “80 वर्षों से बिना भोजन और बिना एक बूंद पानी पीये ही जीवित रहने वाले। संत प्रहलाद जानी ब्रह्मलीन हो गए।”

पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखें।

पड़ताल

अपनी पड़ताल को शुरू करते हुए सबसे पहले हमने गूगल पर न्यूज सर्च किया। सर्च किये जाने पर हमें संत प्रह्लाद जानी के निधन से जुड़ी कई ख़बरें 2020 को पब्लिश हुई मिलीं। टाइम्स ऑफ़ इंडिया की 26 मई 2020 की खबर के मुताबिक, अपने जीवन के आठ दशकों तक बिना अन्न-जल के रहने का दावा करने वाले तपस्वी का मंगलवार सुबह बीमारी के कारण निधन हो गया। 91 वर्षीय प्रहलाद जानी भक्तों के बीच चुनरीवाले माताजी के नाम से जाने जाते थे। जानी के सेवक धर्मेंद्र पंचाल ने उनके निधन की पुष्टि की।

इकोनॉमिक  टाइम्स की वेबसाइट पर एक खबर में बताया गया कि गुजरात के अंबाजी में रहने वाले प्रह्लाद भाई जानी का निधन 90 वर्ष की आयु में हुआ। 70 सालों से उन्होंने खाना-पीना त्याग रखा था।

अपनी पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने वायरल की जा रही तस्वीर को सर्च किया। सर्च किये जाने पर हमें ‘जय अम्बे चुंडादिवाड़ा माताजी अम्बाजी’ नाम के फेसबुक पेज पर यह तस्‍वीर और भी कई तस्वीरों के साथ 29 मई 2020 को उपलोड हुई मिली।

सोशल मीडिया पर यह पोस्ट इससे पहले भी वायरल हो चुकी है और उस वक्त विश्वास न्यूज ने इस संबंध में दैनिक जागरण के गुजरात के स्‍टेट ब्‍यूरो शत्रुघ्न शर्मा से संपर्क किया था। उन्होंने बताया था कि संत प्रह्लाद जानी का वर्ष 2020 में ही निधन हो चुका है।

अब बारी थी भ्रामक पोस्ट को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर की सोशल स्कैनिंग करने की। हमने पाया कि यूजर के बायो के मुताबिक, वह ज्योतिष है ।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल की जा रही पोस्ट भ्रामक है। गुजरात के संत प्रह्लाद जानी का निधन साल 2020 में हो चुका है। पुरानी खबर को नए तरीके से फैलाया जा रहा है।

Misleading
Symbols that define nature of fake news
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