COVID-19 का अर्थ ‘सर्टिफिकेट ऑफ आइडेंटिफिकेशन ऑफ वैक्सीनेशन विद आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस’ नहीं होता, वायरल पोस्ट फर्जी है।
नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रही है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि COVID-19 का अर्थ होता है ‘सर्टिफिकेट ऑफ आइडेंटिफिकेशन ऑफ वैक्सीनेशन विद आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस’। विश्वास न्यूज ने पड़ताल में पाया कि वायरल पोस्ट फर्जी है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के अनुसार COVID-19 में CO का अर्थ है कोरोना, VI का अर्थ है वायरस और D का अर्थ है डिजीज। पहले इसे 2019 नोवल कोरोनावायरस या 2019—nCoV नाम दिया गया था।
क्या है वायरल पोस्ट में?
ट्विटर पर वायरल इस पोस्ट में लिखा गया है: COVID-19 का अर्थ है ‘सर्टिफिकेट ऑफ आइडेंटिफिकेशन ऑफ वैक्सीनेशन विद आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस’।
पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है।
पड़ताल
विश्वास न्यूज ने जब पड़ताल की तो पाया कि वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) ने 11 फरवरी 2020 को घोषणा की थी कि COVID में CO का अर्थ कोरोना, VI का अर्थ वायरस और D का अर्थ डिजीज है। पहले इसका नाम 2019 नोवल कोरोनावायरस व 2019-nCoV भी रखा गया था।
हमने डब्ल्यूएचओ से वायरल दावे को लेकर संपर्क किया। डब्ल्यूएचओ के प्रवक्ता के अनुसार, COVID-19, सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (SARS) और कॉमन कोल्ड के वायरस फैमिली का ही वायरस है। इसमें CO का अर्थ कोरोना, VI का अर्थ वायरस और D का अर्थ डिजीज है। इसे पहले 2019 नोवल कोरोनावायरस व 2019-nCoV नाम भी दिए गए थे।
हमें पड़ताल में 11 फरवरी को हुई डब्ल्यूएचओ की प्रेस कॉन्फ्रेंस का वीडियो मिला, जिसमें डब्ल्यूएचओ के डायरेक्टर जनरल ने कोविड19 का अर्थ समझाया था।
ट्विटर पर यह पोस्ट “Right To Truth Media” नामक यूजर ने साझा की थी। जब हमने इस यूजर की प्रोफाइल को स्कैन किया तो पाया कि यूजर के 2200 से ज्यादा फॉलोअर्स हैं।
निष्कर्ष: COVID-19 का अर्थ ‘सर्टिफिकेट ऑफ आइडेंटिफिकेशन ऑफ वैक्सीनेशन विद आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस’ नहीं होता, वायरल पोस्ट फर्जी है।
सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews.com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्यम से भी सूचना दे सकते हैं।