Fact Check : सरकारी स्‍कूल की वायरल तस्‍वीरें 2016 की, शिक्षक ने अपने पैसों से किया था स्‍कूल का कायाकल्‍प

उत्तर प्रदेश के सरकारी स्‍कूल की वायरल तस्‍वीरें छह साल पुरानी हैं। सम्‍भल जिले के एक सरकारी स्‍कूल के शिक्षक ने लाखों रुपए लगाकर स्‍कूल का कायाकल्‍प कर दिया। वर्ष 2010 से लेकर 2016 के बीच कपिल कुमार नाम के शिक्षक ने एक सरकारी स्‍कूल को हाईटेक स्‍कूल में तब्‍दील कर दिया।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। सोशल मीडिया पर यूपी के सम्‍भल जिले के एक सरकारी स्‍कूल की 4 तस्‍वीर वायरल हो रही है। इस हाईटेक स्‍कूल में साफ-सुथरे गलियारे, रंग-बिरंगी टेबल-कुर्सियां, दीवारों में अलग-अलग तरह के पोस्‍टर देखे जा सकते हैं। इन्‍हें वायरल करते हुए दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा जा रहा है। पिछले दिनों दिल्‍ली के सरकारी स्‍कूलों पर एक रिपोर्ट न्‍यूयार्क टाइम्‍स में छपी थी। विश्‍वास की पड़ताल में पता चला कि वायरल तस्‍वीरें 2016 की हैं। मतलब आज से 7 साल पहले की।

पड़ताल में पता चला कि स्‍कूल के शिक्षक कपिल कुमार ने अपने निजी पैसों से स्‍कूल का विकास किया। वर्ष 2010 से लेकर 2016 के बीच लाखों रुपए खर्च करके इस शिक्षक ने स्‍कूल का कायाकल्‍प किया।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर पुष्पेन्द्र ‘भीष्म सिंह’ धारीवाल ने 3 सितंबर को एक स्‍कूल की चार तस्‍वीरों को अपलोड करते हुए लिखा : ‘ये उत्तर प्रदेश के जनपद सम्भल का एक सरकारी स्कूल है अगर ये दिल्ली का सरकारी स्कूल होता तो अरविंद केजरीवाल अब तक अमेरिका के अखबारों में छपवा देता और पूरे भारत में इसे दिखाकर वोट मांगा जाता।’

फैक्ट चेक के उद्देश्य से पोस्ट के कंटेंट को यहां हूबहू लिखा गया है। इसे दूसरे यूजर्स भी अभी का मानकर वायरल कर रहे हैं।

पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की शुरुआत वायरल तस्‍वीरों को स्‍कैन से किया। हमें एक तस्‍वीर के ऊपर प्राथमिक विद्यालय, इटायला माफी, सम्‍भल लिखा हुआ नजर आया। इसके बाद वायरल तस्‍वीर को गूगल रिवर्स इमेज टूल में अपलोड करके सर्च करना शुरू किया। वायरल पोस्‍ट की चारों तस्‍वीरें वन इंडिया की वेबसाइट पर 19 अक्‍टूबर 2016 की तारीख को एक खबर में दिखीं।

इस खबर में बताया गया कि यह स्कूल उत्तर प्रदेश के सम्भल जिला स्थित इटायला माफी में है। खबर में बताया कि स्‍कूल के शिक्षक कपिल ने इस स्‍कूल को हाईटेक बनाने के लिए अपनी जेब से लाखों रुपए लगाए हैं।

यहां ध्‍यान देने वाली बात है कि वर्ष 2012 से लेकर 2017 तब सूबे में समाजवादी पार्टी की सरकार थी।

विश्‍वास न्‍यूज ने गूगल सर्च में इस स्‍कूल से जुड़ी खबरों को सर्च करना शुरू किया। हमें कई वेबसाइट पर इससे जुड़ी खबरें मिलीं। दैनिक जागरण की 2017 की एक खबर में बताया गया कि सम्‍भल के सरकारी स्‍कूल के प्रधानाचार्य कपिल मलिक को सम्‍मानित किया गया। उन्‍होंने अपनी लगन, मेहनत व निजी प्रयास से स्‍कूल का विकास किया।

जांच के अगले चरण में स्‍कूल के प्रधानाचार्य कपिल मलिक से बात की गई। उन्‍होंने बताया कि स्‍कूल की वायरल तस्‍वीरें काफी पुरानी हैं। उन्‍होंने अपने निजी पैसों से इस स्‍कूल का विकास किया है। इसमें करीब 20 लाख रुपए से ज्‍यादा का खर्च आया।

विश्‍वास न्‍यूज ने पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए दैनिक जागरण डिजिटल, सम्‍भल के प्रभारी राघवेंद्र शुक्‍ला से संपर्क किया। उन्‍होंने बताया कि वायरल तस्‍वीरें यूपी के सम्‍भल जिले की ही हैं। इस स्‍कूल का कायाकल्‍प यहां के शिक्षक कपिल कुमार ने अपने पैसों से वर्ष 2010 से 2016 के बीच किया था। स्‍कूल की बाउंड्री वॉल से लेकर सीसीटीवी के लिए कपिल कुमार ने अपनी जेब से ही पैसा खर्च किया है।

पड़ताल के अंत में भ्रामक पोस्‍ट करने वाले यूजर की जांच की गई। फेसबुक यूजर पुष्पेन्द्र ‘भीष्म सिंह’ धारीवाल यूपी के सम्‍भल के रहने वाले हैं। फिलहाल यूजर नोएडा में रहते हैं। यूजर को चार सौ से ज्‍यादा लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: उत्तर प्रदेश के सरकारी स्‍कूल की वायरल तस्‍वीरें छह साल पुरानी हैं। सम्‍भल जिले के एक सरकारी स्‍कूल के शिक्षक ने लाखों रुपए लगाकर स्‍कूल का कायाकल्‍प कर दिया। वर्ष 2010 से लेकर 2016 के बीच कपिल कुमार नाम के शिक्षक ने एक सरकारी स्‍कूल को हाईटेक स्‍कूल में तब्‍दील कर दिया।

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