Fact Check: सिगरेट पीती सोनिया गांधी की वायरल तस्वीर FAKE है, जिसे AI टूल से बनाया गया है

सिगरेट पीती सोनिया गांधी की वायरल हो रही तस्वीर फेक है, जिसे एआई टूल की मदद से क्रिएट किया गया है। एआई संचालित फेस स्वैपिंग टूल की मदद से एक अन्य महिला की 2012 में खींची गई तस्वीर को एडिट कर उसमें सोनिया गांधी के चेहरे को जोड़ दिया गया है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर राज्यसभा सांसद और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की एक तस्वीर वायरल हो रही है। वायरल तस्वीर में उन्हें कथित तौर पर सिगरेट पीते हुए देखा जा सकता है। दावा किया जा रहा है कि यह तस्वीर उनकी युवावस्था की है।

विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इस तस्वीर को फेक पाया, जिसे एआई की मदद से तैयार किया गया है। एक सामान्य महिला की तस्वीर को फेस स्वैपिंग टूल की मदद से बदलकर इस तस्वीर को क्रिएट किया गया है।

क्या है वायरल?

विश्‍वास न्‍यूज के टिपलाइन नंबर +91 9599299372 पर यूजर ने इस पोस्ट को भेजकर इसकी सच्चाई बताने का अनुरोध किया है। सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर भी कई अन्य यूजर्स ने इस तस्वीर को सोनिया गांधी का बताते हुए शेयर किया है।

एक्स प्लेटफॉर्म पर कई यूजर्स (आर्काइव लिंक) ने इस तस्वीर को समान दावे के साथ शेयर किया है।

https://twitter.com/bhagwakrantee/status/1812024500072153529

पड़ताल

वायरल तस्वीर में सोनिया गांधी को कथित तौर पर सिगरेट पीते हुए देखा जा सकता है। सार्वजनिक जीवन में सोनिया गांधी की ऐसी कोई तस्वीर उपलब्ध नहीं है, जो इसकी विश्वसनीयता पर संदेह पैदा करता है। इसलिए हमने इसे एआई टूल की मदद से चेक किया।

एआई जेनरेटेड तस्वीरों की जांच करने वाले टूल hivemoderation.com पर हमने इस तस्वीर को चेक किया। जांच के नतीजे में इस तस्वीर के एआई की मदद से बने होने की संभावना 99.9 फीसदी आई।

वायरल तस्वीर के एआई से बने होने की संभावना करीब 100 फीसदी है।

वायरल तस्वीर में बाईं तरफ निचली जगह पर remaker लिखा हुआ नजर आ रहा है। गूगल सर्च में हमने पाया कि यह रिमेकर वास्तव में एआई फेस स्वैपिंग ऑनाइन टूल है और इस वेबसाइट पर हमें ऐसी कई  तस्वीर मिली, जिसे इस टूल की मदद से बनाया गया है और ये तस्वीरें वायरल तस्वीर से मिलती-जुलती है।

सर्च में हमें ऑरिजिनल तस्वीर टंबलर.कॉम की वेबसाइट (आर्काइव लिंक) पर लगी मिली, जिसे 2012 में फरजाद सफरजारी ने खींची थी। इसी तस्वीर को रिमेकर टूल की मदद से बदलकर सोनिया गांधी की तस्वीर बना दी गई है। दोनों तस्वीरों के बीच के अंतर को नीचे दर्शाए गए कोलाज में साफ-साफ देखा  जा सकता है।

वायरल तस्वीर को लेकर हमने एआई और मशीन लर्निंग पर काम करने वाले विशेषज्ञ अभिजीत पराशर से संपर्क किया। उन्होंने पुष्टि करते हुए बताया, “आम तौर पर ऐसी तस्वीर फेस स्वैपिंग जैसी टूल की मदद से रिक्रिएट की जाती हैं और अगर उन तस्वीरों को एडिट न किया गया हो तो ऐसे टूल की मदद से बनी तस्वीरों में संबंधित टूल के वाटरमार्क को देखा जा सकता है, जैसा कि सोनिया गांधी वाली वायरल तस्वीर में नजर आ रही है।”

विश्वास न्यूज के एआई चेक सेक्शन में ऐसे अन्य डीपफेक वीडियो की फैक्ट चेक रिपोर्ट्स को पढ़ा जा सकता है। साथ ही लोकसभा चुनाव 24 से संबंधित अन्य भ्रामक व फेक दावों की जांच करती फैक्ट चेक रिपोर्ट्स को विश्वास न्यूज के चुनावी सेक्शन में पढ़ा जा सकता है।

वायरल तस्वीर को फेक दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर को फेसबुक पर करीब पांच हजार से अधिक लोग फॉलो करते हैं और इस प्रोफाइल से विचारधारा विशेष से प्रेरित सामग्री शेयर की जाती है।

निष्कर्ष: सिगरेट पीती सोनिया गांधी की वायरल हो रही तस्वीर फेक है, जिसे एआई टूल की मदद से क्रिएट किया गया है। एआई संचालित फेस स्वैपिंग टूल की मदद से एक अन्य महिला की 2012 में खींची गई तस्वीर को एडिट कर उसमें सोनिया गांधी के चेहरे को जोड़ दिया गया है।

False
Symbols that define nature of fake news
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