Fact Check: जेल में बंद म्यांमार की नेता ‘आंग सान सू की’ की वायरल तस्वीर है फेक

विश्वास न्यूज की टीम ने अपने फैक्ट चेक में पाया कि सोशल मीडिया में जेल में बंद आंग सान सू की जिस तस्वीर को वायरल किया जा रहा उसे छेड़छाड़ कर तैयार किया गया है। ऑरिजनल तस्वीर में कोई और महिला है। इसलिये सोशल मीडिया में आंग सान सू की जेल में बंद वायरल पोस्ट फर्जी है।

Fact Check:  जेल में बंद म्यांमार की नेता ‘आंग सान सू की’ की वायरल तस्वीर है फेक

नई दिल्ली( विश्वास न्यूज): सोशल मीडिया पर एक फोटो लगातार शेयर किया जा रहा है जिसमें म्यांमार की पूर्व काउंसलर आंग सान सू की को सैन्य तख्तापलट के पांच महीने बाद जेल की कोठरी में सलाखों के पीछे बंद दिखाया जा रहा है। विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की पड़ताल की और पाया कि जेल में बंद आंग सान सू की की वायरल तस्वीर फर्जी है।

क्या है वायरल पोस्ट में ?

शरीफुल इस्लाम नाम के फेसबुक यूजर ने जेल की कोठरी में बंद आंग सान सू की तस्वीर को सोशल मीडिया में साझा किया है साथ में कैप्शन में लिखा है कि ‘सत्ता सदा के लिये नहीं रहता’। नयाबारी नया दृश्य नाम से फेसबुक यूजर ने भी आंग सान सू की इसी तस्वीर को इसी कैप्शन के साथ शेयर किया है।

वायरल पोस्ट का आर्काइव वर्जन यहां मौजूद है।

पड़ताल

विश्वास न्यूज ने इस वायरल पोस्ट में किये जा रहे दावे को लेकर अपनी जांच शुरु की। सबसे पहले हमने इस तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज टूल में अपलोड करके सर्च करना शुरू किया। तो हमें कई स्टोरी नजर आई, जिसमें तस्वीर भी लगी थी और उस तस्वीर में एक महिला हूबहू वैसे ही जेल की कोठरी में बंद दिखी लेकिन वो आंग सान सू नहीं बल्कि किसी और महिला की तस्वीर थी। ये स्टोरी इस कैप्शन के साथ साझा किया गया ‘नियांटिक में यॉर्क सुधार संस्थान में महिला कैदियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है कि वे अपने अतीत में की गई गलतियों से कैसे बचें।’

जिसका लिंक यहां मौजूद है।

हमें सर्च के दौरान एक और स्टोरी मिली जिसमें लिखा था कि अमेरिका में महिला कैदियों की आबादी तेजी से बढ़ी है इस स्टोरी में भी जो तस्वीर है उसमें कोई आंग सान सू की नहीं बल्कि किसी और महिला की है। जिसका लिंक नीचे यहां मौजूद है।

दोनों ही स्टोरी में तस्वीर के लिये वीकिमीडिया को क्रेडिट दिया गया था हमनें थोड़ा सर्च किया तो वीकिमीडिया पर ये तस्वीर मिली जिसे 12 जुलाई 2013 को पोस्ट किया गया था और कैप्शन में लिखा था ‘छोटी जेल की कोठरी में रहने वाली एक महिला कैदी। सेल में कैदी के लिए एक शौचालय और एक बिस्तर भी है। सेल को कैदी के आराम को देखते हुये डिज़ाइन किया गया है।’

लिंक यहां मौजूद है।

आगे और सर्च करने पर हमें आंग सान सू की और हिरासत में लिए गए पूर्व राष्ट्रपति विन मिंट की साथ में एक तस्वीर मिली। ये तस्वीर मई महीने में राजधानी नायपीडॉ में अदालत में उनकी पहली पेश के दौरान की है। जिसका लिंक यहां मौजूद है।

आंग सान सू की वायरल तस्वीर और ऑरिजनल तस्वीर को मिलाने पर साफ पता चलता है कि ऑरिजनल तस्वीर में कोई और महिला है और वो आंग सान सू की नहीं है। 

हमने और स्पष्टता के लिये मनोहर पारिकर रक्षा अध्ययन और विश्लेषण संस्थान में रिसर्चर और विदेश मामलों के जानकार संजीव कुमार श्रीवास्तव से बात की तो उन्होंने बताया कि म्यांमार में तख्तापलट के बाद आंग सान सू की को हाउस अरेस्ट जरुर किया गया था लेकिन उन्हें जेल में बंद नहीं किया गया इसलिये वायरल तस्वीर फेक है।

हमने शरीफुल इस्लाम के फेसबुक प्रोफाइल को स्कैन किया तो वे कहां के रहने वाले इसका जिक्र नहीं किया है।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की टीम ने अपने फैक्ट चेक में पाया कि सोशल मीडिया में जेल में बंद आंग सान सू की जिस तस्वीर को वायरल किया जा रहा उसे छेड़छाड़ कर तैयार किया गया है। ऑरिजनल तस्वीर में कोई और महिला है। इसलिये सोशल मीडिया में आंग सान सू की जेल में बंद वायरल पोस्ट फर्जी है।

False
Symbols that define nature of fake news
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