विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि ईरानी गिरोह के पोस्ट के नाम से वायरल दावा भ्रामक है। यह तस्वीर साल 2019 में कर्नाटक की मंगलूरु पुलिस ने जारी की थी, जिसे अब भ्रामक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक पोस्ट को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि यह ईरानी गैंग के लोगों की तस्वीरें हैं। यह तस्वीर दिल्ली पुलिस ने हाल ही में एक चेतावनी के साथ जारी की है। दिल्ली पुलिस ने चेतावनी दी है कि यह लोग कंबल विक्रेता बनकर लोगों के घर पर जाते हैं और लूटपाट करते हैं।
विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल दावा भ्रामक है। यह तस्वीर साल 2019 में कर्नाटक की मंगलुरु पुलिस ने जारी की थी और लोगों को चेतावनी दी थी कि इस गिरोह से बचकर रहें। इसी तस्वीर को अब भ्रामक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।
फेसबुक यूजर लाइव न्यूज़ हिमाचल टीवी ने वायरल तस्वीर को शेयर कर कैप्शन में लिखा है, “ये बीदर और गुलबर्गा के ईरानी लोग हैं जो चादर बेचने का नाटक कर रहे हैं, ये सभी गैंगस्टर हैं कृपया ध्यान दें। ऐसा कहा जाता है कि गिरोह के सदस्य दिन में कंबल विक्रेता बनकर लोगों से संपर्क करते हैं, घर का सर्वेक्षण करते हैं और फिर घर को लूट लेते हैं, इसलिए हर कोई इसे अपने संबंधित बीट समूहों के साथ साझा करता है…।” दिल्ली पुलिस
पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।
वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने फोटो को गूगल रिवर्स इमेज की मदद से सर्च किया। हमें वायरल तस्वीर मोहना वर्मा नामक एक फेसबुक अकाउंट पर मिली। फोटो को 30 जुलाई 2019 को अपलोड किया था। मौजूद जानकारी के मुताबिक, मंगलुरु पुलिस ने वायरल तस्वीर को जारी किया था।
प्राप्त जानकारी के आधार पर हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स की मदद से सर्च किया। हमें वायरल दावे से जुड़ी एक रिपोर्ट उदयवाणी की वेबसाइट पर मिली। रिपोर्ट को 29 जुलाई 2019 को प्रकाशित किया था। रिपोर्ट के अनुसार, कर्नाटक पुलिस ने एक चेतावनी के साथ वायरल तस्वीर को जारी किया था और लोगों से सतर्क रहने के लिए कहा था।
डायजी वर्ल्ड की वेबसाइट पर 29 जुलाई को प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने चेतावनी जारी करते हुए कहा था कि यह लोग ईरानी गिरोह के सदस्य हैं। ये सुबह कंबल बेचने के बहाने से घरों में घुसते हैं और पूरे घर की छानबीन कर लेते हैं। जब शाम हो जाती हैं तो अन्य सदस्य आकर घर में लूटपाट करते हैं। साथ ही पुलिस ने यह भी बताया था कि यह गिरोह कथित तौर पर चिकमंगलूर और वहां के आस-पास के जिलों में सक्रिय है।
विजय कर्नाटक की वेबसाइट पर हमें दावे से जुड़ी एक अन्य रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट को 30 जुलाई 2019 को कन्नड़ भाषा में प्रकाशित किया गया था। रिपोर्ट के अनुसार, उडुपी एसपी का ईरानी गिरोह को लेकर कहना था कि अभी तक ऐसी कोई केस रजिस्टार्ड नहीं किया गया है। साथ ही उन्होंने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है।
जांच के दौरान हमने पाया कि यह पोस्ट साल 2019 से कई राज्यों के नाम से वायरल है। साल 2019 में यह पोस्ट तेलंगाना के नाम से भी वायरल हुई थी। उस दौरान एक एक्स यूजर ने हैदराबाद पुलिस को टैग कर इसकी सच्चाई के बारे में पूछा था। तब पुलिस ने रिप्लाई करते हुए पोस्ट को फेक बताया था। हमें पड़ताल के समय दिल्ली पुलिस द्वारा जारी की गई ऐसी कोई चेतावनी नहीं मिली।
अधिक जानकारी के लिए हमने कर्नाटक के पत्रकार यासिर खान से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल तस्वीर करीब पांच साल से ज्यादा पुरानी है।
अंत मे हमने फोटो को भ्रामक दावे के साथ वायरल करने वाले यूजर के अकाउंट को स्कैन किया। हमने पाया कि यूजर को 30 हजार से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं। प्रोफाइल पर यूजर ने खुद को हिमाचल का रहने वाला बताया है।
निष्कर्ष : विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि ईरानी गिरोह के पोस्ट के नाम से वायरल दावा भ्रामक है। यह तस्वीर साल 2019 में कर्नाटक की मंगलुरु पुलिस ने जारी की थी, जिसे अब भ्रामक दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।
सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews.com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्यम से भी सूचना दे सकते हैं।