Fact Check: बॉलीवुड के बहिष्कार का प्‍लेकार्ड पकड़े लड़की की वायरल तस्वीर एडिटेड है

विश्वास न्यूज़ की पड़ताल में वायरल पोस्ट को लेकर किया जा रहा दावा फर्जी निकला। वायरल तस्वीर एडिटेड है। असल तस्वीर 2012 की है, जब निर्भया कांड के बाद अमृतसर में प्रोटेस्ट हुआ था। फोटो का बॉलीवुड के बायकॉट से कोई संबंध नहीं है।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। सोशल मीडिया पर एक तस्वीर शेयर की जा रही है। जिसमें एक लड़की को बॉलीवुड बहिष्कार का एक प्‍लेकार्ड पकड़े हुए देखा जा सकता है। कुछ यूजर्स इस तस्वीर को शेयर कर दावा कर रहे हैं कि फोटो में लड़की ने लोगों से बॉलीवुड फिल्मों का बहिष्कार करने की अपील की है।

विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल तस्वीर एडिटेड निकली। तस्वीर 16 दिसंबर 2012 को निर्भया कांड के बाद पंजाब के अमृतसर में हुए एक प्रोटेस्ट की है। फोटो का बॉलीवुड के बायकॉट से कोई लेना-देना नहीं है। एडिटेड तस्वीर को गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।

क्‍या हो रहा है वायरल?

फेसबुक यूजर ‘Shashidhar G Mishra’ ने 24 अक्टूबर को पोस्ट को शेयर करते हुए लिखा है, “#जागो_हिंदुओं_जागो_एकजुट_हो_जाओ#bycott_all_bollywood_films”

वायरल तस्वीर पर लिखा हुआ है: भारतीय Bollywood मनोरंजन का नहीं इस्‍लाम और उर्दू के प्रचार का अड्डा है। इसलिए आपको हर मूवी में इस्‍लाम को महान और हर गाने में अली, मौला, खुदा यह शब्‍द सुनने को मिलते हैं boycott Bollywood.

पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

वायरल तस्वीर की पड़ताल के लिए हमने गूगल रिवर्स इमेज का इस्तेमाल किया। इस दौरान वायरल तस्वीर कई जगह अपलोड मिली। ‘न्यूयॉर्क डेली न्यूज’ की वेबसाइट पर 20 दिसंबर 2012 को प्रकाशित एक खबर में इस तस्‍वीर का इस्‍तेमाल किया गया था। तस्वीर के साथ दी गई जानकारी के मुताबिक,”20 दिसंबर को अमृतसर में एक विरोध प्रदर्शन के दौरान बलात्कार के खिलाफ नारे लगाते हुए भारतीय छात्र प्लेकार्ड लिए हुए।”

सर्च के दौरान वायरल तस्वीर ‘windsorstar .com’ की वेबसाइट पर प्रकाशित एक खबर में भी मिली। 1 अप्रैल 2013 को पब्लिश खबर में तस्वीर के साथ लिखे डिस्क्रिप्शन के अनुसार,अमृतसर में विरोध प्रदर्शन के दौरान तख्तियां लिए भारतीय छात्र। 20 दिसंबर 2012 को दिल्ली में  गैंगरेप की घटना के बाद अमृतसर में छात्रों ने प्रोटेस्ट किया। तस्वीर का क्रेडिट एएफपी फोटो/नरिंदर नानू/गेट्टी  इमेजेज) को दिया गया था। यहां लड़की के हाथ में दिख रहे पोस्‍टर में अंग्रेजी में लिखा हुआ है : Don’t tell me how to dress! Tell them not to Rape!! (मुझे मत बताओ कि कैसे कपड़े पहनने हैं! उनसे कहो कि बलात्कार न करें!!)

तस्वीर से जुड़ी अन्य खबरों को यहां पढ़ा जा सकता है। पहले भी यह पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी। उस समय हमने तस्वीर को खींचने वाले फोटोग्राफर नरिंदर नानू से संपर्क किया था। उन्होंने वायरल दावे का खंडन किया था। आप उस फैक्ट चेक स्टोरी को यहां पढ़ सकते हैं।

पड़ताल के अंत में फेसबुक यूजर Shashidhar G Mishra की सोशल स्‍कैनिंग की गई। पता चला कि यूजर मुंबई का रहने वाला है। फेसबुक पर यूजर को 4 हजार लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ की पड़ताल में वायरल पोस्ट को लेकर किया जा रहा दावा फर्जी निकला। वायरल तस्वीर एडिटेड है। असल तस्वीर 2012 की है, जब निर्भया कांड के बाद अमृतसर में प्रोटेस्ट हुआ था। फोटो का बॉलीवुड के बायकॉट से कोई संबंध नहीं है।

False
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