Fact Check: वायरल फोटो एक फिल्म का सीन है न कि किसी पादरी पर शेर का हमला

नई दिल्ली(विश्वास टीम)। आज कल सोशल मीडिया पर एक फोटो वायरल हो रहा है जिसमें एक शेर को एक आदमी पर झपटते देखा जा सकता है। फोटो के साथ कैप्शन लिखा है “चर्च के नेता ने शेर का सामना यह साबित करने के लिए किया कि भगवान उसे बचाएंगे।” पोस्ट में आगे लिखा है “एक चर्च के नेता ने यह साबित करने की कोशिश की कि प्रभु आगे बढ़ेंगे और उनके बचाव में आएंगे और उन्हें बचाएंगे और एक शेर के आगे कूद गया। योजना के अनुसार चीजें नहीं हुईं”। हमारी पड़ताल में हमने पाया कि यह तस्वीर एक फिल्म के सीन की है। तस्वीर के साथ किया जा रहा दावा गलत है।

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वायरल फोटो में एक शेर को एक आदमी पर झपटते देखा जा सकता है। फोटो के साथ कैप्शन लिखा है- “चर्च के नेता ने शेर का सामना यह साबित करने के लिए किया कि भगवान उसे बचाएंगे।” पोस्ट में आगे लिखा है “एक चर्च के नेता ने यह साबित करने की कोशिश की कि प्रभु आगे बढ़ेंगे और उनके बचाव में आएंगे और उन्हें बचाएंगे और एक शेर के आगे कूद गया। योजना के अनुसार चीजें नहीं हुईं”।

FACT CHECK

अपनी पड़ताल को शुरू करने के लिए हमने इस फोटो को ठीक से देखा। फोटो में मौजूद व्यक्ति के बेल्ट के साथ एक बन्दूक लगी है। यह व्यक्ति कोई फॉरेस्ट अफसर लग रहा है न कि कोई चर्च का पादरी।

हमने पड़ताल के लिए “A christian church leader tried to prove that the lord would step forward” कीवर्ड्स के साथ गूगल सर्च किया तो हमारे हाथ The Voyager Channel नाम की एक वेबसाइट की एक खबर लगी जिसकी हेडलाइन थी- “शेर ने अपने शावक को मारा और खा लिया।” इस खबर में वायरल तस्वीर का भी इस्तेमाल किया गया था। खबर में ज़िक्र था कि यह घटना साउथ अफ्रीका के Ingwelala Private Nature Reserve की है। इस खबर के अनुसार, शेर का शिकार बना व्यक्ति एक शिकारी था। खबर में कहीं भी चर्च नेता या पादरी का संज्ञान नहीं है।

हमने पुष्टि के लिए Ingwelala के रिज़र्व मैनेजर जॉन लेवेललयन से फ़ोन पर बात की जिन्होंने हमें बताया कि उन्होंने रिज़र्व में ऐसी किसी भी घटना का ज़िक्र नहीं सुना है। वायरल फोटो उनके रिज़र्व का नहीं है। हालांकि, उन्होंने कहा कि उनके रिज़र्व में 2017 में शेर द्वारा एक शिकारी का शिकार ज़रूर किया गया था पर उसके चर्च से सम्बंधित होने वाली बात गलत है।

हमने जाँच को आगे बढ़ाते हुए इस तस्वीर का स्क्रीनशॉट लिया और उसे गूगल रिवर्स इमेज पर सर्च किया। काफी खोजने के बाद हमारे हाथ एक वीडियो लगा। असल में यह वीडियो 1981 में यूरोप में रिलीज़ हुई फिल्म ‘रोर’ के ट्रेलर का है जिसे 2015 में अमेरिका में रिलीज़ किया गया था। नीचे दिए गए स्क्रीनकोट में आप खुद देख सकते हैं।यह वायरल फोटो इसी वीडियो से उठाया गया है।

इस पोस्ट को The Hypernationalist नाम के एक फेसबुक पेज द्वारा शेयर किया गया था। इस पेज के कुल 7,225 फ़ॉलोअर्स हैं।

निष्कर्ष: हमारी पड़ताल में हमने पाया कि यह तस्वीर एक फिल्म के सीन की है। इसका चर्च या पादरी से कोई लेना-देना नहीं है। तस्वीर के साथ किया जा रहा दावा गलत है।

पूरा सच जानें…

सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews।com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्‍यम से भी सूचना दे सकते हैं।

False
Symbols that define nature of fake news
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