Fact Check : वायरल तस्‍वीर का नाग वासुकी मंदिर से नहीं है कोई संबंध, फोटो कर्नाटक की है

विश्‍वास न्‍यूज की जांच में पता चला कि कर्नाटक की तस्‍वीर को प्रयाग के नाग वासुकी मंदिर के नाम से वायरल की जा रही है। वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुई।

नई दिल्‍ली (Vishvas News)। सोशल मीडिया में एक तस्‍वीर वायरल हो रही है। इसे लेकर दावा किया जा रहा है कि यह तस्‍वीर प्रयाग के नाग वासुकी मंदिर की है।पोस्‍ट को सच मानकर इसे वायरल किया जा रहा है।

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की। हमारी जांच में पता चला कि कर्नाटक की तस्‍वीर को कुछ लोग प्रयाग के नाम पर वायरल कर रहे हैं। तस्‍वीर का नाग वासुकी मंदिर से कोई संबंध नहीं है। जांच में वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुई।

क्‍या हो रहा है वायरल

ट्विटर हैंडल Sonika Sharma (@sonikasdutta) ने एक तस्‍वीर को अपलोड करते हुए दावा किया यह कलाकृति प्रयाग के नागवासुकी मंदिर में है। अंग्रेजी में पूरा क्‍लेम लिखा गया : ‘This is not a tree. It is carved in stone. No one knows who is the sculptor. This is in Naga Vasuki temple, Prayag. We always feel proud about Tajmahal, ignoring vast cultural heritage which remained unnoticed even today.’

वायरल पोस्‍ट का ट्विटर और आकाईव वर्जन यहां देखें।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने सबसे पहले वायरल तस्‍वीर को गूगल रिवर्स इमेज में अपलोड करके सर्च किया। हमें यह तस्‍वीर एक वेबसाइट पर मिली। फोटो को लेकर कैप्‍शन में बताया गया कि तस्‍वीर कर्नाटक के उत्‍सव रॉक गार्डन की है। ओरिजनल तस्‍वीर को आप यहां देख सकते हैं।

पड़ताल के अगले चरण में हम उत्‍सव रॉक गार्डन की वेबसाइट पर गए। वहां हमें गैलरी में वैसी ही तस्‍वीर मिली, जो वायरल रही है। इसमें बताया गया कि यह ARTISTIC BANYAN TREE है। तस्‍वीर को आप यहां देख सकते हैं।

अधिक सच जानने के लिए हमने प्रयागराज के श्रीधर्म ज्ञानोपदेश संस्कृत महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य से संपर्क किया। ज्योतिर्विद आचार्य देवेंद्र प्रसाद त्रिपाठी ने हमें मंदिर के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि नाग वासुकी मंदिर में ऐसा कोई वृक्ष नहीं है। न ही ऐसी कलाकृति बनाई गई है। पूरे प्रयागराज में ऐसी कोई कलाकृति व वृक्ष नहीं है।

अंत में हमने फर्जी पोस्‍ट करने वाली यूजर की जांच की। हमें पता चला कि सोनिका शर्मा नाम के इस ट्विटर हैंडल को जनवरी 2017 में बनाया गया था। इसे 17 हजार से ज्‍यादा लोग फॉलो करते हैं। यूजर जम्‍मू व कश्‍मीर में रहती है।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की जांच में पता चला कि कर्नाटक की तस्‍वीर को प्रयाग के नाग वासुकी मंदिर के नाम से वायरल की जा रही है। वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुई।

False
Symbols that define nature of fake news
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