Fact Check : डॉक्टर का लिबास पहने माइक्रोस्कोप देखते पीएम मोदी की वायरल तस्वीर AI निर्मित हैं

विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में पीएम मोदी की तस्वीर को लेकर किया जा रहा दावा गलत पाया और इसके साथ वायरल हो रही तस्वीर डीप फेक साबित हुईं, जिसे डिजिटल टूल्स की मदद से तैयार किया गया है। स्पष्ट शब्दों में कहें तो माइक्रोस्कोप में देखते पीएम मोदी की ये तस्वीरें सिंथेटिक मीडिया है, जो डीप फेक की श्रेणी में आती हैं। वायरल तस्वीर को एआई के जरिए बनाया गया है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। डॉक्टर का लिबास पहने माइक्रोस्कोप में देखते हुए पीएम मोदी की एक तस्वीर तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। तस्वीर को सच समझकर लोग शेयर करते हुए तंज कसते हुए कह रहे हैं कि पीएम मोदी को इस बात की जानकारी नहीं है कि माइक्रोस्कोप में किस तरह से देखा जाता है।

विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इस दावे को गलत पाया और इसके साथ वायरल हो रही तस्वीर डीप फेक साबित हुईं, जिसे डिजिटल टूल्स की मदद से तैयार किया गया है। स्पष्ट शब्दों में कहें तो माइक्रोस्कोप में देखते पीएम मोदी की ये तस्वीरें सिंथेटिक मीडिया है, जो डीप फेक की श्रेणी में आती हैं। वायरल तस्वीर को एआई के जरिए बनाया गया है।

क्या हो रहा है वायरल ?

ट्विटर यूजर सुरेश कुमार लुथरा ने 10 अप्रैल 2023 को वायरल तस्वीर को शेयर किया है। यूजर ने तस्वीर को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “देश के मतदाता और दुनिया देख रही है भारत के प्रधानमंत्री जी डॉक्टर के वेश में लेंस और आंख का मिलान नहीं  आंख कहां और लेंस कहां कौन सी जांच या रिसर्च। लेंस दोनों आंखों के बीच में आ रहा है। कोई विपक्षी पार्टी का इस तरह की जांच करते हुए दिखाया जाता 3 दिन तक न्यूज़ चैनल पूरी दुनिया में ढोल बजा देता।”

पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखा जा सकता है।

पड़ताल 

वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने फोटो को गूगल रिवर्स इमेज के जरिए सर्च किया। इस दौरान हमें दावे से जुड़ी एक रिपोर्ट जी न्यूज की वेबसाइट पर मिली। रिपोर्ट को 9 अप्रैल 2023 को प्रकाशित किया गया है। दी गई जानकारी के मुताबिक, पीएम मोदी की तस्वीर को एआई के जरिए तैयार किया गया है।

पड़ताल के दौरान हमें वायरल तस्वीर दैट विल बी फन नामक एक फेसबुक पेज पर 8 अप्रैल 2023 को शेयर हुई मिली। तस्वीर को गौर से देखने पर हमने पाया कि तस्वीर के ऊपर sahixd नामक एक लोगो लगा हुआ है। 

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने शाहिद के बारे में सर्च करना शुरू किया। इस दौरान हमें शाहिद की इंस्टाग्राम प्रोफाइल मिली। दी गई जानकारी के अनुसार, शाहिद डिजिटल क्रिएटर हैं और एआई की मदद से तस्वीरों को बनाते हैं। शाहिद ने अपने इंस्टाग्राम पर एआई के जरिए तैयार की गई गांधी जी और पीएम मोदी सहित कई अन्य लोगों की तस्वीरों को शेयर किया है।

विश्वास न्यूज को शाहिद की प्रोफाइल पर पीएम मोदी की वायरल तस्वीर सहित कई अन्य तस्वीरें मिली। तस्वीरों को शेयर करते हुए शाहिद ने कैप्शन में लिखा है, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से बनाई गई पीएम मोदी की दूसरे पेशों की तस्वीरें।  

अधिक जानकारी के लिए विश्वास न्यूज ने वायरल तस्वीर को क्रिएट करने वाले डिजिटल क्रिएटर शाहिद से संपर्क करने की कोशिश की है। रिप्लाई आने पर रिपोर्ट को अपडेट किया जाएगा।

तस्वीर को लेकर किए जा रहे दावे को लेकर हमने बीजेपी प्रवक्ता विजय सोनकर शास्त्री से बातचीत की। उन्होंने हमें बताया वायरल दावा गलत है। 

वायरल तस्वीर को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर सुरेश कुमार लुथरा को ट्विटर  पर 1,527  लोग फॉलो करते हैं और उन्होंने अपनी प्रोफाइल में स्वयं को राजस्थान निवासी बताया है। यूजर ट्विटर पर जुलाई 2016 से सक्रिय है।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में पीएम मोदी की तस्वीर को लेकर किया जा रहा दावा गलत पाया और इसके साथ वायरल हो रही तस्वीर डीप फेक साबित हुईं, जिसे डिजिटल टूल्स की मदद से तैयार किया गया है। स्पष्ट शब्दों में कहें तो माइक्रोस्कोप में देखते पीएम मोदी की ये तस्वीरें सिंथेटिक मीडिया है, जो डीप फेक की श्रेणी में आती हैं। वायरल तस्वीर को एआई के जरिए बनाया गया है।

False
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