एफिल टावर के पास ट्रैक्टरों और घास के ढेर के साथ प्रदर्शन को दिखाती वायरल तस्वीर वास्तविक नहीं, बल्कि एआई क्रिएटेड है। लोग इस फोटो को असली समझ के गलत दावे से शेयर कर रहे हैं।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर फ्रांस में चल रहे किसानों के प्रदर्शन से जुड़ी एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें एफिल टावर के समाने घास की गठरियां और ट्रैक्टर दिखाई दे रहे हैं। कई यूजर्स इस तस्वीर को फ्रांस में चल रहे किसानों के संघर्ष की बताकर असली समझ के शेयर कर रहे हैं।
विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इस दावे को भ्रामक पाया। वायरल तस्वीर वास्तविक नहीं, बल्कि एआई क्रिएटेड (AI) है, जिसे यूजर्स सही समझकर शेयर कर रहे हैं।
सोशल मीडिया यूजर ‘Thakur Singh Sandhu Saab’ ने वायरल तस्वीर (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए पंजाबी में कैप्शन लिखा है। हिंदी अनुवाद: पंजाब के जट्ट कबिलिया ने दुनिया में रहने वाले अपने जट्ट कबिलिया को संघर्ष करने के तरीके सीखा दिए हैं। नहीं तो पहले सभ सरकार के खिलाफ एकता कर ही नहीं सके थे।
नीचे तस्वीर पेरिस (फ्रांस) के जट्ट कबिलिया की है जो अपने हकों की मांग के लिए किए जा संघर्ष की है।
कई अन्य यूजर्स ने इस तस्वीर को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।
वायरल तस्वीर की पड़ताल के लिए हमने गूगल रिवर्स इमेज का इस्तेमाल किया। इस दौरान हमें वायरल तस्वीर कई जगह मिली। फ़ोर्ब्स की वेबसाइट पर 4 फरवरी 2024 को तस्वीर से जुड़ी खबर मिली। दी गई जानकारी के मुताबिक, सोशल मीडिया पर शेयर की जा रही तस्वीर AI टूल से बनाई गई है।
सर्च के दौरान हमें एक्स यूजर Russian Market नाम के हैंडल पर भी वायरल तस्वीर मिली। 3 फरवरी 2024 को शेयर की गई तस्वीर में भी इसे एआई क्रिएटेड बताया गया है।
हर जगह फोटो का क्रेडिट ifonly.ai को दिया गया है,जो एआई इमेज को शेयर करती है। ifonly के इंस्टाग्राम पर हमें कई सारी एआई इमेज शेयर की हुई मिली।
ifonly.ai के बारे में सर्च करने पर पता चला कि, इसके आर्ट डायरेक्टर का नाम विन्सेंट समदजा (Vincent Smadja) है। विन्सेंट ने (आर्काइव लिंक) अपने लिंक्डइन अकाउंट से इस तस्वीर को लेकर एक पोस्ट शेयर की है। जिसमें उन्होंने लिखा है, “यह तस्वीर एआई टूल से तैयार गई है। इसे शेयर करते समय यह ज़रूर बताए की इसे एआई द्वारा तैयार किया गया है।”
जांच में आगे हमने इस तस्वीर को एआई की मदद से बनी तस्वीरों को चेक करने वाले टूल की मदद से चेक किया। isitai के मुताबिक, इस तस्वीर के एआई से बने होने की संभावना करीब 66.22 फीसदी है।
तस्वीर को लेकर हमने एआई एक्सपर्ट अमर सिन्हा से संपर्क किया। उन्होंने बताया, यह तस्वीर एआई निर्मित है। एआई से बनी तस्वीर देखने में बिल्कुल असली लगती है, लेकिन इसमें कुछ खामियां होती हैं, जिनसे इसकी सच्चाई पता चल सकती है।
एआई से जुड़ी अन्य फैक्ट चेक रिपोर्ट्स विश्वास न्यूज की वेबसाइट पर पढ़ी जा सकती है।
अंत में हमने पोस्ट को शेयर करने वाले यूजर के अकाउंट को स्कैन किया। हमने पाया कि यूजर को 4 हजार से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं। यूजर ने प्रोफाइल पर खुद को दुबई का रहने वाला बताया हुआ है।
निष्कर्ष: एफिल टावर के पास ट्रैक्टरों और घास के ढेर के साथ प्रदर्शन को दिखाती वायरल तस्वीर वास्तविक नहीं, बल्कि एआई क्रिएटेड है। लोग इस फोटो को असली समझ के गलत दावे से शेयर कर रहे हैं।
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