विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह वायरल तस्वीर साल 2013 की आयरलैंड के डबलिन की है। इस पुरानी तस्वीर को किर्गिस्तान मामले से जोड़कर भ्रामक संदर्भ के साथ फैलाया जा रहा है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है जिसको शेयर करते हुए यूजर्स दावा कर रहे हैं कि ये फोटो किर्गिस्तान की है, जहां पाकिस्तानी छात्रों को देश छोड़ने के लिए कहा जा रहा है।
विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह वायरल तस्वीर साल 2013 की आयरलैंड के डबलिन की है। इस पुरानी तस्वीर को किर्गिस्तान मामले से जोड़कर भ्रामक संदर्भ के साथ फैलाया जा रहा है।
एक्स यूजर ने वायरल पोस्ट को शेयर करते हुए लिखा, “किर्गिस्तान के स्थानीय लोगों का स्पष्ट संदेश है कि वे पाकिस्तानी छात्रों को अपने देश से बाहर चाहते हैं।”
पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखें।
अपनी पड़ताल शुरू करने के लिए हमने सबसे पहले वायरल तस्वीर को गूगल लेंस पर खोजा। सर्च में हमें यह तस्वीर एक वेरिफाइड एक्स हैंडल पर 23 अप्रैल 2023 को शेयर की हुई मिली।
आगे की पड़ताल में हमें यह तस्वीर 2013 के एक ब्लॉग में मिली। यहां दी गई जानकारी के मुताबिक, ‘डबलिन में पाकिस्तानियों के खिलाफ जातीय उत्पीड़न, भेदभाव और हिंसा नियंत्रण से बाहर हो गई है। पिछले हफ्ते, कुकस्टाउन इंडस्ट्रियल एस्टेट में एक हलाल स्टोर अलमाना फूड्स में रात भर तोड़फोड़ की गई। स्टोर की सफ़ेद दीवारों पर आपत्तिजनक शब्द दिखाई दे रहे हैं। इस खबर में हमें द जर्नल डॉट आईई का हवाला मिला।
इसके आधार पर हमने दी जर्नल डॉट आईई पर इस खबर को खोजा और हमें 12 नवंबर 2013 को प्रकाशित यह खबर मिली। यहां दी गई जानकारी के मुताबिक, इस महीने की शुरुआत में डबलिन में एक हलाल फूड स्टोर में हुई डकैती की जांच चल रही है। जांचकर्ताओं के अनुसार, लुटेरे अज्ञात मात्रा में सामान ले गए और तोड़फोड़ की। हालांकि,अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है, जांच जारी है।
अब तक की पड़ताल से यह साफ हो गया है कि वायरल फोटो पुरानी है। हालांकि, हमने किर्गिस्तान में भारतीय और पाकिस्तानी छात्रों पर हुए हमले की पुष्टि करने के लिए दैनिक जागरण में अंतरराष्ट्रीय मामलों को कवर करने वाले संवाददाता जेपी रंजन से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि किर्गिस्तान मामले में भारतीय छात्रों को भी निशाना बनाया जा रहा है। भारत ने किर्गिस्तान में अपने दूतावास तथा वहां के स्थानीय प्रशासन से छात्रों की सुरक्षा को लेकर बात की है।
ख़बरों के अनुसार, किर्गिस्तान के बिश्केक में अंतरराष्ट्रीय छात्रों के खिलाफ चल रही हिंसा के बीच भारत और पाकिस्तान के छात्रों सहित विदेशी छात्रों को स्थानीय लोगों से खतरों का सामना करना पड़ रहा है।
भ्रामक पोस्ट शेयर करने वाले यूजर एक्स की सोशल स्कैनिंग में हमने पाया कि यूजर को 844 लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह वायरल तस्वीर साल 2013 की आयरलैंड के डबलिन की है। इस पुरानी तस्वीर को किर्गिस्तान मामले से जोड़कर भ्रामक संदर्भ के साथ फैलाया जा रहा है।
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