Fact Check : चार किडनियां उपलब्ध होने का फर्जी मैसेज फिर से वायरल

सड़क हादसे में दंपती की मौत के बाद चार किडनियां उपलब्ध होने वाला मैसेज फेक है। मैसेज में दिया गया पहला नंबर मेरठ के एक डॉक्टर का है, जो खुद इसको झूठा बता चुके हैं।

Fact Check : चार किडनियां उपलब्ध होने का फर्जी मैसेज फिर से वायरल

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म पर एक मैसेज वायरल हो रहा है। इसमें दावा किया जा रहा है कि एक हादसे में दंपती की मृत्यु होने के बाद डॉक्टरों ने उनको ब्रेन डेड घोषित कर दिया। अब उनका परिवार किडनियां दान करना चाहता है। इसके साथ में तीन फोन नंबर भी दिए गए हैं। यूजर्स इस मैसेज को फॉरवर्ड करने की अपील कर रहे हैं।

विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में पाया कि चार किडनियां उपलब्ध होने वाला यह मैसेज फर्जी है। इसमें दिए तीन नंबरों में से पहले नंबर पर बेल जा रही है, लेकिन फोन नहीं उठ रहा। दूसरा नंबर आउट ऑफ सर्विस है, जबकि तीसरा मौजूद नहीं है।

क्या है वायरल पोस्ट

फेसबुक यूजर Surendra Kumar (आर्काइव लिंक) ने 30 दिसंबर को लिखा,

“प्रिय दोस्तो!
खास बात यह है कि उपयोग के लिये 4 किडनी उपलब्ध हैं।
कल एक दुर्घटना में एक दम्पति की मृत्यु हो जाने के कारण डॉक्टर ने उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया है। पुरुष B+ हैं और उनकी पत्नी O+ हैं। उनका परिवार मानवता के लिए उनकी किडनी दान करना चाहता है। कृपया प्रसारित करें।
9837285283 पर संपर्क करें
9581544124
8977775312
किसी दूसरे ग्रुप में फॉरवर्ड करें, हो सकता है किसी की मदद हो जाए।
मंगलम”

फेसबुक पर कुछ अन्य यूजर्स ने इस पोस्ट को शेयर किया है।

पड़ताल

वायरल दावे की जांच के लिए हमने सबसे पहले मैसेज में दिए गए तीनों नंबरों पर फोन किया। पहले नंबर 9837285283 पर कॉल किया, लेकिन फोन नहीं उठा। दूसरा नंबर 9581544124 आउट ऑफ सर्विस मिला, जबकि तीसरा नंबर 8977775312 मौजूद नहीं है।

इसके बाद हमने कीवर्ड से इस बारे में गूगल पर सर्च किया। 1 नवंबर 2021 को तेलंगाना टुडे में इससे संबंधित खबर छपी है। इसमें लिखा है कि सोशल मीडिया पर एक सूचना शेयर की जा रही है। इसमें दावा किया जा रहा है कि दंपती की सड़क हादसे में मृत्यु के बाद चार किडनियां उपलब्ध हैं। इसके साथ में दो कॉन्टैक्ट नंबर भी दिए गए हैं। यह मैसेज एक शरारत के अलावा कुछ भी नहीं है। अंग प्रत्यारोपण की जानकारी को वाट्सऐप या अन्य किसी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर नहीं दिया जा सकता है। पहले नंबर पर कॉल करने पर कोई कॉल रिसीव नहीं करता, जबकि दूसरा नंबर सक्रिय नहीं है। 2017 में भी सोशल मीडिया पर इस तरह का मैसेज शयर किया जा चुका है। पुलिस पहले भी यह स्पष्ट कर चुकी है कि यह एक स्कैम है।

3 अप्रैल 2018 को द हिंदू में छपी खबर के अनुसार, “किडनी उपलब्ध होने का फर्जी मैसेज वायरल होने के बाद मेरठ के नेफ्रोलॉजिस्ट संदीप कुमार गर्ग का फोन पिछले साल सितंबर से लगातार बज रहा है। सब उनसे पूछ रहे हैं कि क्या किडनी उपलब्ध है। मैसेज में दंपती की चार किडनियां उपलब्ध होने की बात की गई है। डॉ. गर्ग का कहना है कि कुछ दिन में उनके पास 500 से अधिक मिस्ड कॉल आ चुकी हैं। मैसेज में उनका नंबर है। उनको नहीं पता यह नंबर किसने दिया है। उन्होंने मेरठ के मेडिकल कॉलेज पुलिस स्टेशन में लिखित शिकायत दी है। नेशनल ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गनाइजेशन (NOTTO) के अधिकारियों ने भी वायरल मैसेज के बारे में पूछताछ करने के लिए डॉ. गर्ग को फोन किया था। NOTTO के डायरेक्टर डॉ. विमल भंडारी ने कहा कि ऐसी सूचनाएं अक्सर अफवाह साबित होती हैं।”

इससे पहले जब यह मैसेज वायरल हुआ था, तब विश्वास न्यूज ने मेरठ के स्थानीय पत्रकार केपी त्रिपाठी से बात की थी। उन्होंने कहा था कि इससे पहले भी कई बार यह मैसेज वायरल हो चुका है। उस पर एक नंबर मेरठ के डॉ. संदीप गर्ग का है। डॉ. संदीप भी इस मैसेज को फर्जी बता चुके हैं।

फेक पोस्ट शेयर करने वाले फेसबुक यूजर देहरादून में रहते हैं और उनके करीब पांच हजार फ्रेंड्स हैं।

निष्कर्ष: सड़क हादसे में दंपती की मौत के बाद चार किडनियां उपलब्ध होने वाला मैसेज फेक है। मैसेज में दिया गया पहला नंबर मेरठ के एक डॉक्टर का है, जो खुद इसको झूठा बता चुके हैं।

False
Symbols that define nature of fake news
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