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Fact Check: मिस्र के पिरामिड के निर्माण की तस्वीरों के साथ वायरल इमेज वास्तविक नहीं, AI क्रिएटेड हैं

मिस्र के पिरामिडों के निर्माण की आधिकारिक तस्वीरों के साथ वायरल इमेज वास्तविक निर्माण की नहीं, बल्कि एआई टूल की मदद से बनाई गईं तस्वीरें हैं।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर वायरल कुछ तस्वीरों के साथ दावा किया जा रहा है कि ये मिस्र में बनी पिरामिड के निर्माण की आधिकारिक तस्वीरें हैं, जिसका निर्माण 2600 ईसा पूर्व किया गया था।

विशअवास न्यूज ने अपनी जांच में इस पोस्ट को भ्रामक पाया और इसके साथ इस्तेमाल की गई तस्वीरें निर्माण की वास्तविक तस्वीरें नहीं, बल्कि एआई क्रिएटेड हैं। विश्वास न्यूज की वेबसाइट पर एआई टूल की मदद से बनाए गए ऐसे अन्य वायरल तस्वीरों की फैक्ट चेक रिपोर्ट्स को एआई चेक सेक्शन में पढ़ा जा सकता है।

क्या है वायरल?

सोशल मीडिया यूजर ‘Mostafa M. Elgazzar’ ने वायरल तस्वीर (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, “Official photos taken during the construction of the Great Pyramids in Egypt, 2600 BC J.C.
IT WAS NOT ALIENS.”

सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर कई अन्य यूजर्स ने इन तस्वीरों को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।

https://twitter.com/ronin19217435/status/1727508991503204551

पड़ताल

वायरल पोस्ट में चार तस्वीरों का इस्तेमाल किया गया है और इन तस्वीरों में नजर आ रहा विजुअल असामान्य नजर आ रहा है। रिवर्स इमेज सर्च में हमें इन तस्वीरों का कोई आधिकारिक स्रोत नहीं मिला। दूसरा वायरल तस्वीरों को 2600 ईसा पूर्व की तस्वीर बताया जा रहा है, जो तथ्यों से मेल नहीं खाता है।

फोटोग्राफी का आविष्कार 19वीं सदी में हुई थी, जबकि वायरल पोस्ट में ऐसा होने का दावा 2600 ईसा पूर्व में किया गया है। nationalgeographic.com की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के मुताबिक, गीजा के तीनों पिरामिडों का निर्माण 2550 से 2490 ईसा पूर्व के बीच किया गया था।

तस्वीरों में नजर आ रहा विजुअल बेहद साफ और असामान्य नजर आ रहा है, जो इसके एआई से बने होने की तरफ इशारा करता है। तीनों तस्वीरों को हमने एआई टूल की मदद से बनी तस्वीरों को चेक करने वाले टूल की मदद से चेक किया। तीनों ही तस्वीरों के एआई से बने होने की संभावना 99.9% निकली।

टूल से जांचने पर तस्वीरों के एआई से बने होने की संभावना 99 फीसदी से अधिक रही।

इस संभावना की पुष्टि के लिए हमने एक अन्य टूल की मदद से इन तस्वीरों के एआई से बने होने की संभावना को चेक किया और इसमें भी इन तस्वीरों के एआई से बने होने की पुष्टि हुई।

हमारी जांच से स्पष्ट है कि मिस्र में पिरामिड के निर्माण की जिन तस्वीरों को आधिकारिक तस्वीर बताकर शेयर किया जा रहा है, वह वास्तव में एआई क्रिएटेड तस्वीरें हैं।

वायरल तस्वीरों को लेकर हमने एआई और मशीन लर्निंग पर काम करने वाले विशेषज्ञ अभिजीत पराशर से संपर्क किया। उन्होंने पुष्टि करते हुए बताया कि ये तस्वीरें एआई टूल की मदद से बनाई गई हैं।

एआई टूल की मदद से बनाए गए अन्य प्रमुख वायरल दावों की जांच करती फैक्ट चेक रिपोर्ट्स को विश्वास न्यूज के एआई चेक सेक्शन में पढ़ा जा सकता है।

वायरल तस्वीर को भ्रामक दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर ने अपनी प्रोफाइल में स्वयं को मिस्र का रहने वाला बताया है।

निष्कर्ष: मिस्र के पिरामिडों के निर्माण की आधिकारिक तस्वीरों के साथ वायरल इमेज वास्तविक निर्माण की नहीं, बल्कि एआई टूल की मदद से बनाई गईं तस्वीरें हैं।

  • Claim Review : मिस्र के पिरामिड के निर्माण की आधिकारिक तस्वीरें।
  • Claimed By : FB User-Mostafa M. Elgazzar
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