Fact Check: पानी में तैरती लाशों की इन तस्वीरों का बिहार के बक्सर से नहीं है कोई संबंध

हमारी पड़ताल में यह साफ हुआ कि वायरल हो रही दोनों ही तस्वीरों का बक्सर से कोई संबंध नहीं है। यह दोनों ही तस्वीरें काफी पुरानी हैं।

नई दिल्‍ली (Vishvas News)। पिछले कुछ दिनों से बिहार व उत्तर प्रदेश के सीमाई जिलों में गंगा में शव तैरते हुए बरामद किए गए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, खबर लिखे जाने तक प्रशासन ने यह पुष्टि नहीं की थी कि यह शव कोरोना से मरे लोगों के हैं या नहीं। इसी बीच सोशल मीडिया पर दो तस्वीरें वायरल हो रही हैं, जिनमें पानी में कुछ शवों को तैरते देखा जा सकता है। इन तस्वीरों के साथ दावा किया जा रहा है कि यह बक्सर में गंगा में तैरते पाए गए शवों की है। विश्वास न्यूज ने पड़ताल में पाया कि वायरल तस्वीरों के साथ किया गया दावा झूठ है।

दरअसल वायरल तस्वीरों में से एक तस्वीर जिसमें शवों के साथ कौए और कुत्ते दिख रहे हैं, वह तस्वीर साल 2015 की है और उत्तर प्रदेश के उन्नाव में खींची गई थी। वहीं, दूसरी तस्वीर बांग्लादेश की है, जहां साल 2017 में म्यांमार से भागे रोहिंग्याओं की नाव पलटने के बाद शव पानी में तैरते मिले थे।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक यूजर Drx Pankaj Rajoriya ने यह तस्वीर शेयर करते हुए लिखा: अंधभक्तों तुम्हारा हिंदूराष्ट्र नया भारत तुम्हें ही मुबारक हमे नहीं चाहिए 😢😢😢😢 बेहद दुःखद एवं हृदयविदारक बक्सर में गंगा नदी मे बहती लाशों को देख मन दुखी हो गया बिहार कहता है ये लाशें उत्तरप्रदेश से बह कर आई हैं परन्तु उत्तरप्रदेश हो या बिहार दोनों ही जगह सरकार किसकी है? “सिस्टम”उन्हें सम्मान पुर्वक विदाई भी नहीं दे सका क्या इतनी सी भी संवेदना तुममें नहीं बची है? संवेदनहीन सरकार को एक क्षण सत्ता में बने रहने का कोई अधिकार नही है

पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है।

दूसरी तस्वीर Tripura Pradesh Youth Congress के वेरिफाइड ट्विटर हैंडल से पोस्ट की गई है। इस तस्वीर के साथ अंग्रेजी में लिखे कैप्शन का हिंदी अनुवाद है: अब गंगा मां में लाशें बिखरी हैं। इससे पता चलता है कि भारत में कोविड की स्थित कितनी भयावय हो गई है ओर नरेंद्र मोदी सरकार की नमामी गंगा कितनी सफल है। #GangaExposedModi

यह ट्वीट बाद में डिलीट कर दिया गया। ट्वीट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

विश्वास न्यूज ने वायरल वीडियो की पड़ताल के लिए सबसे पहले पहली तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज सर्च की मदद से ढूंढा। हमें यह तस्वीर गेट्टी इमेजेज में मिल गई। डिस्क्रिप्शन के अनुसार, यह तस्वीर 14 जनवरी 2015 को अपलोड की गई थी। तस्वीर के साथ मौजूद कैप्शन में लिखा गया है: उन्नाव में परियर के पास गंगा में तैरते शवों के पास 13 जनवरी को डॉग्स व कौवे जमा होते दिखे। पिछले दो दिनों में उत्तर प्रदेश के इसी इलाके से अब तक 100 से ज्यादा शव गंगा से निकाले जा चुके हैं। केंद्र ने जांच के लिए अधिकारियों की टीम भेजी है। कल 30 शव निकाले गए थे और आज 70 से ज्यादा शव निकाले गए हैं। (फोटो क्रेडिट अमित यादव/हिन्दुस्तान टाइम्स वाया गेट्टी इमेजेज)

हमें कई मीडिया रिपोर्ट्स भी मिलीं, जिसमें वायरल तस्वीर के अलावा और भी तस्वीरें देखी जा सकती हैं।

विश्वास न्यूज ने दैनिक जागरण के बक्सर ब्यूरो इंचार्ज कंचन किशोर से संपर्क किया। तस्वीर को देखने के बाद उन्होंने भी पुष्टि की कि यह ताजा तस्वीर नहीं है और इसक बक्सर से कोई संबंध नहीं है।

Tripura Pradesh Youth Congress के वेरिफाइड ट्विटर हैंडल से शेयर की गई तस्वीर को भी हमने गूगल रिवर्स इमेज सर्च की मदद से ढूंढा। हमें यह तस्वीर 31 अगस्त 2017 को पब्लिश हुई कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बांग्लादेश बॉर्डर गार्ड पुलिस ने नाफ नदी में तैरती हुई करीब 11 लाशें बरामद की थी। म्यांमार में हो रही हिंसा से बचकर भागे रोहिंग्याओं की नाव पलट गई थी, जिसके बाद यह शव बहकर बांग्लादेश की तरफ आ गए थे।

अब बारी थी फेसबुक पर पोस्ट को साझा करने वाले यूजर Drx Pankaj Rajoriya की प्रोफाइल को स्कैन करने का। प्रोफाइल को स्कैन करने पर हमने पाया कि यूजर मध्य प्रदेश के मुरैना का रहने वाला है।

निष्कर्ष: हमारी पड़ताल में यह साफ हुआ कि वायरल हो रही दोनों ही तस्वीरों का बक्सर से कोई संबंध नहीं है। यह दोनों ही तस्वीरें काफी पुरानी हैं।

False
Symbols that define nature of fake news
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