Fact Check: रेत में फंसी बस को बाहर निकालते लोगों की यह तस्वीर वास्तविक नहीं, AI निर्मित है

विश्वास न्यूज ने जांच में पाया कि रेत में फंसी बस की वायरल तस्वीर असली नहीं है,बल्कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से बनाई गई है। कुछ लोग तस्वीर को असली समझ के शेयर कर रहे हैं।

Fact Check: रेत में फंसी बस को बाहर निकालते लोगों की यह तस्वीर वास्तविक नहीं, AI निर्मित है

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें रेत में फंसी एक बस को देखा जा सकता है। वहीं, कुछ लोगों को बस को बाहर निकालते देखा जा सकता है। अब कुछ यूजर्स इस तस्वीर को असली समझते हुए शेयर कर रहे हैं। दावा किया जा रहा है कि फोटो राजस्थान की है, जहां घूमने आए लोगों की बस रेत में फंस गई थी और वहां के स्थानीय लोग उनकी मदद कर रहे हैं।

विश्‍वास न्‍यूज ने जांच में पाया कि वायरल तस्वीर वास्तविक नहीं है, बल्कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल (AI) के इस्तेमाल से बनाई गई है। जिसे लोग असली समझ शेयर कर रहे हैं।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक यूजर ‘भोज राज गुजेर’ ने पोस्ट को शेयर दावा किया है,”#राजस्थान बड़े #मददगार होते हैं जिसका जीता-जागता उदाहरण राजस्थान में घुमाने के लिए आयें #लोगों कि बस फंस गया था तो वहां के #स्थानीय।लोगों के पास जो भी #संसाधन थे लेकर मदद के लिए पहुंच गए थे लेकिन यात्री ऐक भी #बस से नीचे नहीं उतरा इतराता रहा #पैसे दिए हैं बस फंस गई तो हम। क्या करें लेकिन राजस्थान के लोगों ने बड़ी #मस्क़त के बाद इन धोरों से बस को निकलने में #सफलता हासिल की कहना है यह ही तो हमारे राजस्थानी #भाईयों कि पहचान है साहब #जय राजस्थान”

पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखें।

पड़ताल

पड़ताल शुरू करते हुए सबसे पहले हमने तस्वीर को ध्यान से देखा। तस्वीर देखने से ही स्वाभाविक नजर नहीं आ रही है। फोटो में दिख रही बस के नंबर प्लेट पर कोई भी नंबर नहीं दिख रहा है और जो लोग बस के साथ दिखाई दे रहे हैं उनके हाथ-पैरों की बनावट अजीब है। वहीं, तस्वीर में दिख रहे ऊंट की 5 टांगे दिख रही हैं, जिससे फोटो के एआई से बने होने का संकेत मिलता है।

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने फोटो की एआई टूल की मदद से जांच की । हमने तस्वीर को एआई टूल हाइव मॉडरेशन पर अपलोड किया। इसमें वायरल तस्वीर के एआई से बने होने की संभावना 99.9 फीसदी निकली।

हमने तस्वीर को एक अन्य एआई टूल illuminarty.ai के जरिए सर्च किया। इसमें फोटो के एआई से बने होने की संभावना 99 फीसदी आई।

हमने तस्वीर को लेकर एआई एक्सपर्ट अंश मेहरा से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि तस्वीर एआई जेनरेटेड है। तस्वीर में साफ़ देखा जा सकता है कि बस को धक्का दे रहे लोगों के हाथ-पैरों में अंतर् है और ऊंट भी देखने पर अजीब लग रहे हैं, जिससे साफ़ पता चलता है कि तस्वीर असली नहीं है।

विश्वास न्यूज की वेबसाइट पर एआई निर्मित तस्वीरों और डीपफेक वीडियो की पड़ताल को डिटेल में यहां पढ़ा जा सकता है।

अंत में हमने फोटो को शेयर करने वाले यूजर के अकाउंट को स्कैन किया। यूजर ने खुद को भीलवाड़ा का रहने वाला बताया है। फेसबुक पर यूजर को करीब 6 हजार से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने जांच में पाया कि रेत में फंसी बस की वायरल तस्वीर असली नहीं है,बल्कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से बनाई गई है। कुछ लोग तस्वीर को असली समझ के शेयर कर रहे हैं।

False
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