विश्वास न्यूज़ की जांच में यह दावा गलत निकला। असल में यह कलाकृति एक डिजिटल आर्ट है। चीन में स्थित एक बुद्ध मंदिर को एडिट करके उसमें देवी की मूर्ति चिपकायी गयी है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज़)। सोशल मीडिया पर वायरल एक तस्वीर में हिन्दू देवी दुर्गा माँ की बहुत बड़ी मूर्ति देखी जा सकती है। तस्वीर में एक गुफानुमा जगह के अंदर बड़ी-सी दुर्गा माँ की तस्वीर है और सामने सीढ़ियां हैं। इन सीढ़ियों पर कुछ लोग भी खड़े हैं। पोस्ट के साथ दावा किया जा रहा है, “कर्नाटक में सड़क को चौड़ा करने के लिए एक मस्जिद को तोड़ा गया तो उन्हें यह मंदिर मिला।” विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह दावा गलत है। असल में यह कलाकृति एक डिजिटल आर्ट है।
क्या है वायरल पोस्ट में ?
वायरल पोस्ट के साथ दावा किया जा रहा है, “कर्नाटक के रायचूर में सड़क चौड़ी करने के लिए मस्जिद के एक हिस्से को तोड़ा गया और उसके अंदर भव्य मंदिर और विग्रह मिला| आप भारत की सभी पुरानी मस्जिदें तोड़ दीजिए आपको अंदर एक ऐतिहासिक पौराणिक मंदिर मिलेगा| इन मुगल आतताइयों ने ख़ाली स्थान पर नहीं बल्कि हमारे पवित्र मंदिर तोड़कर ही मसजिदें बनाई है|| -जेपी बाबा.”
इस पोस्ट के आर्काइव्ड लिंक को यहां देखा जा सकता है।
पड़ताल
पड़ताल शुरू करने के लिए हमने इस तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया। हमें shutterstock.com पर एक तस्वीर मिली, जो इस तस्वीर से मिलती-जुलती थी मगर इस तस्वीर में देवी की नहीं, गौतम बुद्ध की मूर्ति थी। तस्वीर के साथ लिखे डिस्क्रिप्शन के अनुसार, “लॉन्गमेन ग्रोटो की यह तस्वीर चीन के हेनान में लुओयांग स्थित फेंग्जियांग बौद्ध मंदिर की है।”
हमें बुद्ध की मूर्ति के साथ गुफा की यह तस्वीर chinadiscovery.com पर भी मिली। यहाँ मौजूद जानकारी के अनुसार भी यह लॉन्गमेन ग्रोटो (लॉन्गमेन गुफा) की है।
दोनों तस्वीरों में समानता नीचे देखी जा सकती है।
लॉन्गमेन ग्रोटो (लॉन्गमेन गुफाओं) के बारे में ज़्यादा जानकारी unesco.org की वेबसाइट पर पढ़ी जा सकती है।
हमने इस विषय में कर्नाटक के पुरातत्व, संग्रहालय और विरासत विभाग के आर्कियोलॉजिकल सहायक एन.एल.गौड़ा से संपर्क साधा। उन्होंने हमें बताया कि ऐसी कोई भव्य मूर्ति कर्नाटक में हाल-फिलहाल में नहीं मिली है।
वायरल तस्वीर को साझा करने वाले यूजर Ramkesh Vijay की सोशल स्कैनिंग से पता चला है कि यूजर के 2,062 फ़ॉलोअर्स हैं और वे झाँसी के रहने वाले हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ की जांच में यह दावा गलत निकला। असल में यह कलाकृति एक डिजिटल आर्ट है। चीन में स्थित एक बुद्ध मंदिर को एडिट करके उसमें देवी की मूर्ति चिपकायी गयी है।
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