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Fact Check: गुजरात में गरबा कर रहे लोगों पर पथराव करने वाले आरोपियों को सरेआम पीटने का वीडियो दो साल पुराना

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि गरबा कर रहे लोगों पर पथराव करने के वायरल वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा भ्रामक है। वायरल दावा गलत है। असल में वायरल वीडियो करीब दो साल पहले हुई घटना का है। जब साल 2022 में कुछ लोगों ने गरबा कर रहे लोगों पर पथराव किया था। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आरोपियों को सरेआम सबके सामने पीटा था। 

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि गुजरात के खेड़ा में गरबा कर रही कुछ औरतों पर एक समूह ने मस्जिद से पथराव किया। इस घटना के सामने आने के बाद पुलिस ने उपद्रवियों को सबके सामने खंभे से बांधकर पीटा था।

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल दावा भ्रामक है। असल में वायरल वीडियो करीब दो साल पहले हुई घटना का है। जब साल 2022 में कुछ लोगों ने गरबा कर रहे लोगों पर पथराव किया था। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आरोपियों को सरेआम सबके सामने पीटा था। 

क्या हो रहा है वायरल  ?

फेसबुक यूजर ‘रेश्मा शेख’ ने 11 अक्टूबर 2024 को वायरल वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “ये गुजरात में खेड़ा नाम की जगह है. गरबा नृत्य कर रही महिलाओं के एक समूह पर मस्जिद से पथराव किया गया, जिसमें कुछ महिलाएं घायल हो गईं। इस घटना पर प्रतिक्रिया करते हुए, पुलिस ने उपद्रवियों को *शरिया कानून के अनुसार* वही सलूक दिया जो सऊदी अरब में दिया जाता है। गुजरात, केरल आंध्र कर्नाटक तेलंगाना या बंगाल जैसा नहीं है कि आप जैसा चाहें वैसा व्यवहार करें! अब देखना यही है कि और कितनों के पिछवाड़े *लाल* होते हैं।”

पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।

पड़ताल 

वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स की मदद से सर्च किया। हमें वीडियो से जुड़ी रिपोर्ट जनसत्ता की वेबसाइट पर मिली। रिपोर्ट को 5 अक्टूबर 2022 को प्रकाशित किया गया था। रिपोर्ट के अनुसार, खेड़ा जिले के उधेला गांव में गरबा कर रहे लोगों पर करीब 150 लोगों की भीड़ ने पथराव किया था। शिकायत मिलने पर पुलिस वहां पहुंची और कार्रवाई करते हुए 43 लोगों की पहचान की। 

हमें इस घटना से जुड़ी एक रिपोर्ट गुजराती दैनिक जागरण की वेबसाइट पर 4 अक्टूबर 2022 को प्रकाशित मिली। रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने 10 आरोपियों को हिरासत में लिया था। पुलिस ने पब्लिक में उन्हें खंभे से बांधकर सबके सामने मारा था और माफी मंगवाई थी। जिसके बाद ये वीडियो वायरल हो गया था। 

जांच के दौरान हमें दावे से जुड़ी एक वीडियो रिपोर्ट इंडिया टुडे के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर मिली। वीडियो को 4 अक्टूबर 2022 को अपलोड किया गया था। मौजूद जानकारी के मुताबिक, इस पथराव में करीब छह लोग घायल हुए थे। घटना के बाद गांव में पुलिस को तैनात किया गया था और उनमें से कुछ की पहचान कर सबके सामने खंभे से बांधकर पीटा था।

आजतक की वेबसाइट पर 6 अक्टूबर 2022 को प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद लोगों ने पुलिस की इस हरकत की आलोचना की थी और मामला कोर्ट में पहुंच गया था। कोर्ट ने सुनवाई करते हुए अहमदाबाद रेंज आईजी वी. चंद्रशेखर को इसकी जांच करने के आदेश दिए थे। 

4 अक्टूबर 2023 को प्रकाशित नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, “पुलिस ने इस मामले को लेकर कोर्ट में कहा था कि शांति बनाए रखने के लिए ऐसा करना जरूरी थी और उन्होंने पीड़ितों को मुआवजे देने की पेशकश की थी।”

अधिक जानकारी के लिए हमने गुजराती जागरण के एसोसिएट एडिटर जीवन कर्पूरिया से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि यह मामला हाल-फिलहाल में हुई किसी घटना का नहीं है। यह वीडियो करीब दो साल पहले खेड़ा जिले के एक गांव में हुई घटना का है। 

अंत में हमने वीडियो को भ्रामक दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर के अकाउंट को स्कैन किया। हमने पाया कि यूजर को आठ हजार से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं। यूजर एक विचारधारा से जुड़ी पोस्ट को शेयर करते हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि गरबा कर रहे लोगों पर पथराव करने के वायरल वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा भ्रामक है। वायरल दावा गलत है। असल में वायरल वीडियो करीब दो साल पहले हुई घटना का है। जब साल 2022 में कुछ लोगों ने गरबा कर रहे लोगों पर पथराव किया था। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आरोपियों को सरेआम सबके सामने पीटा था। 

  • Claim Review : गुजरात के खेड़ा में गरबा कर रही महिलाओं पर पथराव करने वाले उपद्रवियों को पुलिस ने सबके सामने पीटा।
  • Claimed By : FB User रेश्मा शेख
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