Fact Check: खत्म हो चुका है संसद का विशेष सत्र, तीन नए राज्यों के गठन संबंधी विधेयक पर मुहर लगने का दावा मनगढ़ंत
संसद के विशेष सत्र में नए राज्यों के गठन संबंधी विधेयक को पेश किए जाने का दावा गलत है। केंद्र सरकार ने 18 सितंबर को संसद का विशेष सत्र बुलाया था, जो पांच दिनों के लिए था। इस दौरान संसद के दोनों सदनों ने महिला आरक्षण विधेयक को पारित किया। नए राज्यों के गठन संबंधी विधेयक को पेश किए जाने का दावा महज अफवाह है।
- By: Abhishek Parashar
- Published: Sep 27, 2023 at 03:34 PM
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया यूजर्स एक पोस्ट को शेयर कर दावा कर रहे हैं कि देश में तीन नए राज्यों का गठन होना है और संसद के विशेष सत्र में इससे संबंधित विधेयक पर मुहर लग सकती है।
विश्वास न्यूज की जांच में यह दावा गलत और मनगढ़ंत निकला। संसद का विशेष सत्र खत्म हो चुका है, जिसे 18-22 सितंबर के बीच आयोजित किया गया था। इस दौरान पहले दिन की कार्यवाही पुराने संसद भवन में हुई और दूसरे दिन से आगे की कार्यवाही नए संसद भवन में। इस विशेष सत्र के दौरान सरकार ने महिला आरक्षण बिल (‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’) को पेश किया, जो इस सत्र की विशेष उपलब्धि रही। वहीं, इसके साथ ही पुराने संसद भवन की जगह नए संसद में कार्यवाही की शुरुआत हुई। इस सत्र के दौरान ऐसा कोई बिल या विधेयक पेश नहीं किया गया, जिसमें नए राज्यों के गठन का जिक्र हो।
क्या है वायरल?
विश्वास न्यूज के वॉट्सऐप टिपलाइन नंबर +91 9599299372 पर यूजर ने इस पोस्ट को भेजकर इनकी सच्चाई बताने का अनुरोध किया है। 24 सितंबर को भेजे गए पोस्ट में यह दावा किया गया है, जिससे यह प्रतीत हो रहा है कि संसद का विशेष सत्र जारी है।
सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म भी कई अन्य यूजर्स ने इसे समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।
जांच
वायरल पोस्ट में संसद के विशेष सत्र में नए राज्यों के गठन संबंधी विधेयक को मंजूरी दिए जाने का जिक्र है। दावा किया गया है कि देश में तीन नए राज्य बनेंगे और इसके लिए जरूरी विधेयक पर इसी विशेष सत्र में मुहर लग सकती है।
केंद्र सरकार ने 18 से 22 सितंबर के बीच संसद का विशेष सत्र (17वीं लोकसभा के 13वें सत्र और राज्यसभा के 261वें सत्र) बुलाया था। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल से इस बारे में सूचना दी थी।
eparlib.nic.in की वेबसाइट पर हमें लोकसभा की तफ से 13 सितंबर को जारी बुलेटिन मिला, जिसमें इस सत्र के दौरान पेश किए जाने वाले विधेयकों (द एडवोकेट्स (अमेंडमेंट) बिल, 2023 और द प्रेस एंड रजिस्ट्रेशन ऑफ पीरियॉडिकल्स बिल, 2023) के बारे में जानकारी दी गई है।
इसमें राज्यसभा की तरफ से पास किए दो विधेयकों का जिक्र है, जिन्हें लोकसभा में पारित कराए जाने के लिए पेश किया जाना है। साथ ही दो अन्य विधेयकों (द पोस्ट ऑफिस बिल, 2023, द चीफ इलेक्शन कमिश्नर एंड अदर इलेक्शन कमिश्नर्स (अप्वाइंटमेंट , कंडीशन ऑफ सर्विस एंड टर्म्स ऑफ ऑफिस) बिल, 2023) का जिक्र है, जिसे राज्यसभा में पेश किया जा चुका है, जिसे राज्यसभा में पेश किया जा चुका है और उसे राज्यसभा से पारित करा कर लोकसभा में पेश किए जाने का जिक्र है।
न्यूज सर्च में हमें ऐसी कई रिपोर्ट्स मिली, जिसमें इन विधेयकों के अलावा कई अन्य विधेयकों (मसलन वन नेशन, वन इलेक्शन बिल, इंडिया का नाम बदलकर भारत किए जाने आदि) के साथ महिला आरक्षण बिल को पेश किए जाने की संभावना जताई गई थी।
रिपोर्ट के मुताबिक , केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने महिला आरक्षण बिल (‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’) को पेश किया, जिसमें लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिला प्रतिनिधियों को 33 फीसदी आरक्षण दिए जाने का प्रावधान है।
संसदीय कार्य मंत्रालय की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के मुताबिक, इस बिल (द कॉन्स्टीट्यूशन (128वां संसोधन) 2023) को 19 सितंबर को लोकसभा में पेश किया गया, जिसे 20 सितंबर को पारित भी कर दिया गया। साथ ही 21 सितंबर को इसे राज्यसभा से भी पारित कर दिया गया।
हमारी जांच से स्पष्ट है कि संसद के विशेष सत्र के दौरान केवल इसी विधेयक को पारित किया गया। संसद के दोनों सदनों से पारित होने के बाद इस विधेयक को राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा और उनकी मंजूरी मिलने के बाद यह कानून बन जाएगा।
वायरल दावे को लेकर हमने संसद को कवर करने वाले न्यूज एजेंसी पीटीआई-भाषा के संवाददाता दीपक रंजन से संपर्क किया। उन्होंने पुष्टि करते हुए बताया कि संसद के विशेष सत्र के दौरान नए राज्यों के गठन संबंधी किसी बिल को पेश नहीं किया गया। उन्होंने कहा इस दौरान महिला आरक्षण विधेयक को पेश किया गया और राज्यसभा से उसके पारित होने के बाद इस विशेष सत्र का समापन भी हो गया।
न्यूज सर्च में हमें ऐसी कई रिपोर्ट्स भी मिली, जिसमें संसद के विशेष सत्र को बुलाए जाने की घोषणा के बाद सोशल मीडिया ट्रेंड्स के आधार पर नए राज्यों के गठन संबंधी विधेयक को पेश किए जाने का अनुमान लगाया गया था।
हमारी जांच से स्पष्ट है कि नए राज्यों के गठन संबंधी विधेयक को पेश किए जाने का दावा महज अफवाह है। संसद के विशेष सत्र के दौरान केवल महिला आरक्षण विधेयक ही पारित हुआ और इस दौरान नए राज्यों के गठन संबंधी किसी विधेयक को पेश नहीं किया गया।
निष्कर्ष: संसद के विशेष सत्र में नए राज्यों के गठन संबंधी विधेयक को पेश किए जाने का दावा गलत है। केंद्र सरकार ने 18 सितंबर को संसद का विशेष सत्र बुलाया था, जो पांच दिनों के लिए था। इस दौरान संसद के दोनों सदनों ने महिला आरक्षण विधेयक को पारित किया। नए राज्यों के गठन संबंधी विधेयक को पेश किए जाने का दावा महज अफवाह है।
- Claim Review : संसद के विशेष सत्र में तीन राज्यों के गठन वाले बिल पर लग सकती है मुहर।
- Claimed By : Tipline User
- Fact Check : झूठ
पूरा सच जानें... किसी सूचना या अफवाह पर संदेह हो तो हमें बताएं
सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी मैसेज या अफवाह पर संदेह है जिसका असर समाज, देश और आप पर हो सकता है तो हमें बताएं। आप हमें नीचे दिए गए किसी भी माध्यम के जरिए जानकारी भेज सकते हैं...