Fact Check: ईस्ट तिमोर के वीडियो को एआईएमआईएम के ‘मुंबई चलो’ अभियान से जोड़कर किया जा रहा वायरल 

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि रैली के वायरल वीडियो का भारत से कोई संबंध नहीं है। असल में वायरल वीडियो ईस्ट तिमोर का है। जब पोप फ्रांसिस ईस्ट तिमोर में एक दौरे के लिए पहुंचे थे। इसी वीडियो अब सोशल मीडिया यूजर्स असदुद्दीन ओवैसी के मुंबई चलो रैली से जोड़कर शेयर कर रहे हैं।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक गाड़ी के काफिले के साथ रैली निकालते कुछ लोगों का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि यह मुंबई का है। जहां पर मुस्लिम समुदाय ने अपनी ताकत दिखाने के लिए इस रैली को निकाला था।

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल दावा गलत है। वायरल वीडियो का भारत से कोई संबंध नहीं है। असल में वायरल वीडियो ईस्ट तिमोर का है। जब पोप फ्रांसिस ईस्ट तिमोर में एक दौरे के लिए पहुंचे थे। इसी वीडियो को अब सोशल मीडिया यूजर्स ‘मुंबई चलो’ रैली से जोड़कर शेयर कर रहे हैं।

क्या हो रहा है वायरल ?

फेसबुक यूजर ‘राकेश सिंह भारतीय’ ने 23 सितंबर 2024 को वायरल वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “ये पाकिस्तान या बांग्लादेश नहीं है! ये इराक ईरान या अफगानिस्तान भी नहीं है! अपना मुंबई है.. जहाँ मुसलमान अपनी ताकत दिखाने के लिए सड़कों पे निकला है। सोते रहो हिन्दुओं।”

पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।

अन्य फेसबुक यूजर ‘अब्दुर्रहीम थानवी’ ने वायरल वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “मुंबई चलो नारे के साथ मेंबर ऑफ पार्लियामेंट सय्याद इम्तियाज जलील के लिए प्रोटेस्ट।”

पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।

पड़ताल 

वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने इनविड टूल की मदद से वीडियो के कई कीफ्रेम निकाले और उन्हें गूगल रिवर्स इमेज से शेयर किया। हमें वायरल वीडियो (आर्काइव लिंक) नाइजीरियन कैथोलिक्स नामक एक फेसबुक पेज पर मिला। वीडियो को 12 सितंबर 2024 को अपलोड किया गया था। मौजूद जानकारी के मुताबिक, वायरल वीडियो ईस्ट तिमोर देश का है।

हमें यह वीडियो इसी जानकारी के साथ मोरोक्को के एक्स अकाउंट पर भी मिला।

प्राप्त जानकारी के आधार पर हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स की मदद से सर्च किया। हमें दावे से जुड़ी एक वीडियो रिपोर्ट एसोसिएट प्रेस की आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर मिली। रिपोर्ट को 10 सितंबर 2024 को अपलोड किया गया था। रिपोर्ट के अनुसार, वायरल वीडियो पोप फ्रांसिस के ईस्ट तिमोर में किए गए एक दौरे का है। उन्हें देखने के लिए करीब 6 लाख लोग इकट्ठा हुए थे। पोप फ्रांसिस ने लोगों के साथ मिलकर मार्च भी निकाला था।

वायरल दावे से जुड़ी एक रिपोर्ट हमें आईरिश टाइम्स की वेबसाइट पर मिली। रिपोर्ट को 10 सितंबर 2024 को प्रकाशित किया गया था। रिपोर्ट में वायरल वीडियो से मिलती-जुलती तस्वीर मौजूद है। रिपोर्ट के मुताबिक, ईस्ट तिमोर की करीब आधी आबादी पोप फ्रांसिस को देखने के लिए पहुंची। करीब छह लाख लोग उनकी रैली में शामिल हुए।

अधिक जानकारी के लिए हमने मिड-डे के सीनियर रिपोर्टर समीउल्लाह खान से संपर्क किया।  उन्होंने हमें बताया कि वायरल दावा फेक है। यह वीडियो मुंबई की रैली का नहीं है। 

आजतक की वेबसाइट पर 23 सितंबर 2024 को प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) की महाराष्ट्र यूनिट के नेता इम्तियाज जलील  ने बीजेपी नेता नितेश राणे और हिंदू संत रामगिरि महाराज पर अल्पसंख्यकों के खिलाफ बयान देने के आरोप लगाए हैं। साथ ही दंगे भड़काने का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है। इसी मांग को लेकर उन्होंने ‘मुंबई चलो’ का आह्वान  किया था। 

अंत में हमने वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर ‘राकेश सिंह भारतीय’ के अकाउंट को स्कैन किया। हमने पाया कि यूजर एक विचारधारा से जुड़ी पोस्ट को शेयर करता है। यूजर ने प्रोफाइल पर खुद को उत्तर प्रदेश का रहने वाला बताया हुआ है।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि रैली के वायरल वीडियो का भारत से कोई संबंध नहीं है। असल में वायरल वीडियो ईस्ट तिमोर का है। जब पोप फ्रांसिस ईस्ट तिमोर में एक दौरे के लिए पहुंचे थे। इसी वीडियो अब सोशल मीडिया यूजर्स असदुद्दीन ओवैसी के मुंबई चलो रैली से जोड़कर शेयर कर रहे हैं।

False
Symbols that define nature of fake news
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