Fact Check : विंध्‍याचल मंदिर के पुरोहित की खून से लथपथ पुरानी तस्‍वीरें फर्जी दावे के साथ वायरल

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुई। वर्ष 2020 से इंटरनेट पर मौजूद तस्‍वीर को कुछ लोग अब फर्जी दावे के साथ वायरल कर रहे हैं।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। सोशल मीडिया में दो तस्‍वीरों का एक कोलाज तेजी से वायरल हो रहा है। इसमें एक शख्‍स को खून से लथपथ देखा जा सकता है। यूजर्स इस तस्‍वीर को वायरल करते हुए दावा कर रहे हैं कि मिर्जापुर के विंध्‍याचल मंदिर के पुरोहित अमित पांडेय पर जिहादियों ने हमला करके जान से मारने का प्रयास किया। विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की। पड़ताल में दावा पूरी तरह बेबुनियाद साबित हुआ। तस्‍वीर 2020 से इंटरनेट पर वायरल है। मिर्जापुर पुलिस ने भी वायरल पोस्‍ट को फर्जी बताया।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर नीतू सोनी ने 31 अक्‍टूबर को दो तस्‍वीरों के एक कोलाज को अपलोड करते हुए दावा किया : ‘इस बक्त एक बड़ी खबर आ रही हे बहुत ही दुःख की बात है, मिर्ज़ापुर के विंध्याचल मां के दरबार में पूजा करने वाले अमित पांडेय जी को जिहादियो ने जान से मारने की कोशिश की।’

फेसबुक पोस्‍ट के कंटेंट को यहां ज्‍यों का त्‍यों लिखा गया है। पोस्‍ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखें।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने पड़ताल की शुरुआत के लिए सबसे पहले गूगल रिवर्स इमेज टूल का सहारा लिया। वायरल तस्‍वीर को इसमें अपलोड करके सर्च करने पर यह तस्‍वीर हमें एक ट्विटर हैंडल पर मिली। इसे 2 जुलाई 2020 को ट्वीट करते हुए बताया गया कि विंध्‍याचल में पंडा अमित पांडेय पर जानलेवा हमला। पूरा ट्वीट नीचे देखें। इस ट्वीट से कम से कम यह बात साबित हो गई कि वायरल तस्‍वीरें पुरानी हैं।

जांच को आगे बढ़ाते हुए विश्‍वास न्‍यूज ने यह जानने का प्रयास किया कि क्‍या हाल-फिलहाल में विंध्‍याचल में कोई सांप्रदायिक घटना हुई है। गूगल में संबंधित कीवर्ड टाइप करके सर्च करने पर हमें एक भी ऐसी खबर नहीं मिली, जो वायरल क्‍लेम की पुष्टि करती हो।

पड़ताल के अगले चरण में विश्‍वास न्‍यूज ने मिर्जापुर के पुलिस अधीक्षक अजय कुमार सिंह से संपर्क किया। उनकी ओर से जानकारी दी गई कि वायरल पोस्‍ट पूरी तरह फर्जी है। ऐसी कोई घटना नहीं हुई है।

अब बारी थी फर्जी पोस्‍ट करने वाले यूजर की जांच करने की। फेसबुक यूजर नीतू सोनी की सोशल स्‍कैनिंग से हमें पता चला कि यूजर एक खास विचारधारा से प्रभावित है। इसके अकाउंट को 20 हजार से ज्‍यादा लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुई। वर्ष 2020 से इंटरनेट पर मौजूद तस्‍वीर को कुछ लोग अब फर्जी दावे के साथ वायरल कर रहे हैं।

False
Symbols that define nature of fake news
पूरा सच जानें...

सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews.com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्‍यम से भी सूचना दे सकते हैं।

Related Posts
नवीनतम पोस्ट