Fact Check : भरतपुर में पीएम मोदी के विरोध करने वाला वीडियो फेक, व्यूज और लाइक पाने के लिए एडिट कर बनाया

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वीडियो को लोगों को गुमराह करने के लिए गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है। असल में वीडियो को लाइक और व्यूज पाने के लिए बनाया गया है और गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है। 

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। राजस्थान में जल्द मतदान होने वाले हैं। ऐसे में सभी राजनीतिक दल वोटरों को लुभाने के लिए हर मुमकिन कोशिश कर रहे हैं। ऐसे में बीजेपी के लिए प्रचार करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी राजस्थान में जनसभा करने पहुंचे। उनकी रैली को लेकर सोशल मीडिया पर एक वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि राजस्थान में  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बहुत विरोध किया गया और उन्हें वहां पर भाषण भी नहीं देने दिया गया।

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वीडियो को लोगों को गुमराह करने के लिए गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है। असल में वीडियो को लाइक और व्यूज पाने के लिए बनाया गया है और गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है। 

क्या हो रहा है वायरल ?

फेसबुक यूजर ‘नेशन टीवी’ ने 18 नवंबर 2023 को वायरल वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “राजस्थान में मोदी का हुआ बहुत भारी विरोध राजस्थान से धक्के दे खदेड़े गए मोदी नहीं देने दिया भाषण?”

पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।

पड़ताल

वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने वीडियो को गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स की मदद से सर्च करना शुरू किया। वायरल दावे से जुड़ी हमें कोई रिपोर्ट नहीं मिली। अगर सच में रैली में या फिर राजस्थान में पीएम मोदी का विरोध हुआ होता इससे जुड़ी कोई न कोई न्यूज रिपोर्ट जरूर मौजूद होती। 

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने पीएम मोदी के सोशल मीडिया अकाउंट्स को खंगालना शुरू किया। हमें पीएम मोदी के राजस्थान रैली से जुड़ा वीडियो उनके आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर अपलोड हुआ मिला। वीडियो में पीएम मोदी का भाषण मौजूद है। हमें राजस्थान में की गई पीएम मोदी की रैली के कई वीडियो मिले। उन्होंने अपनी हर रैली में भाषण दिया है।

दैनिक भास्कर की वेबसाइट पर 22 अगस्त 2023 को प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को राजस्थान के सागवाड़ा और कोटड़ी में चुनावी सभा को संबोधित किया। उन्होंने इस दौरान कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा।”

पोस्ट को लेकर हमने भरतपुर के स्थानीय टीवी पत्रकार सतपाल सिंह से बातचीत की। उन्होंने हमें बताया कि वायरल दावा गलत है। उनका भरतपुर में हुई रैली में कोई विरोध नहीं हुआ था। उन्होंने सागवाड़ा और कोटड़ी में भी सभा को संबोधित किया था।

अंत में हमने वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर के अकाउंट को स्कैन किया। हमने पाया कि यूजर इसी तरह के फेक वीडियो को शेयर करता है। यूजर को 1.9 हज़ार लोग फॉलो करते हैं। 

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वीडियो को लोगों को गुमराह करने के लिए गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है। असल में वीडियो को लाइक और व्यूज पाने के लिए बनाया गया है और गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है। 

False
Symbols that define nature of fake news
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