विश्वास न्यूज की पड़ताल में लकड़ी के जरिए नदी पार कर रही महिलाओं के वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा भ्रामक साबित हुआ। वायरल वीडियो का उत्तर प्रदेश से कोई संबंध नहीं है। यह वीडियो महाराष्ट्र के नासिक जिले का है। जिसे लोग अब भ्रामक दावे के साथ सोशल मीडिया पर शेयर कर रहे हैं।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज़)। सोशल मीडिया पर खतरनाक तरीके से नदी पार कर पानी लाती महिलाओं का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि यह उत्तर प्रदेश का नजारा है और वहां का विकास है। जहां पर महिलाएं अपनी जान खतरे में डालकर नदी पार कर पानी लाने को मजबूर है।
विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल दावा भ्रामक साबित हुआ। वायरल वीडियो का उत्तर प्रदेश से कोई संबंध नहीं है। यह वीडियो महाराष्ट्र के नासिक जिले का है, जिसे लोग अब भ्रामक दावे के साथ सोशल मीडिया पर शेयर कर रहे हैं।
फेसबुक यूजर मौसमी रॉय ने वायरल वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में अंग्रेजी में लिखा है, “उत्तर प्रदेश में महिलाएं पानी के लिए अपनी जान खतरे में डाल रही हैं।”
पोस्ट को सच समझकर दूसरे यूजर्स भी वायरल कर रहे हैं। पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखा जा सकता है।
वायरल वीडियो की सच्चाई जानने के लिए हमने गूगल पर कीवर्ड्स के जरिए सर्च करना शुरू किया। इस दौरान हमें वायरल दावे से जुड़ी एक रिपोर्ट ईटीवी भारत की वेबसाइट पर मिली। रिपोर्ट को 27 जुलाई 2022 को प्रकाशित किया गया था। रिपोर्ट के अनुसार, वायरल वीडियो महाराष्ट्र के नासिक जिले का है।
हमें दावे से जुड़ी एक अन्य रिपोर्ट महाराष्ट्र टाइम्स की वेबसाइट पर 21 जुलाई 2022 को प्रकाशित मिली। रिपोर्ट में दी गई जानकारी के मुताबिक, नासिक में भारी बारिश होने के कारण त्र्यंबकेश्वर तालुका के शेंद्रीपाड़ा में बना पुल बह गया था। जिसके कारण लोग अपनी जान को खतरे में डालकर नदी पार कर रहे थे। वीडियो सामने आने के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने फिर से पुल बनाने के आदेश दिए थे।
एबीपी न्यूज सहित कई अन्य न्यूज वेबसाइट ने भी इस वीडियो को लेकर खबर प्रकाशित की है। मराठी यूट्यूब चैनल Sakal Media ने भी इस पर वीडियो रिपोर्ट की थी।
दैनिक भास्कर पर 6 जनवरी 2022 को प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, नासिक जिले के खरखेत ग्राम पंचायत में रहने वाले आदिवासी परिवारों को नदी पर पुल ना होने के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। नदी के दोनों ओर 40 फीट गहरी खाई है। जिस पर पुल न होने के कारण लोग अपनी जान खतरे में डालकर लकड़ी के सहारे नदी को पार कर रहे थे। इस वीडियो के वायरल होने के बाद आदित्य ठाकरे ने नासिक के आदिवासी गांव शेंद्रीपाड़ा में आदिवासियों के लिए पुल बनवाया था। जिसका उद्घाटन उन्होंने 28 जनवरी 2022 को किया था।
अधिक जानकारी के लिए हमने मुंबई के एक पत्रकार सिद्धार्थ कुमार से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल दावा गलत है। यह वीडियो नासिक के त्र्यंबकेश्वर तालुका के शेंद्रीपाड़ा में बने पुल का है।
विश्वास न्यूज ने जांच के आखिरी चरण में उस प्रोफाइल की पृष्ठभूमि की जांच की, जिसने वायरल पोस्ट को साझा किया था। हमने पाया कि यूजर मौसमी रॉय एक विचारधारा से प्रभावित है। यूजर के फेसबुक पर तकरीबन पांच हजार मित्र हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में लकड़ी के जरिए नदी पार कर रही महिलाओं के वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा भ्रामक साबित हुआ। वायरल वीडियो का उत्तर प्रदेश से कोई संबंध नहीं है। यह वीडियो महाराष्ट्र के नासिक जिले का है। जिसे लोग अब भ्रामक दावे के साथ सोशल मीडिया पर शेयर कर रहे हैं।
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