Fact Check: अतिक्रमण हटाए जाने पर रोती महिला का वीडियो अयोध्या का नहीं, महाराष्ट्र का पुराना मामला है

विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल किया जा रहा वीडियो अयोध्या का नहीं है। यह वीडियो महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर का है, जहां पर हुए अतिक्रमण के खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई पर यह महिला भावुक हुई थी। अब इस पुराने वीडियो को लोकसभा चुनाव और अयोध्या से जोड़कर फर्जी दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। लोकसभा चुनाव 2024 में फैजाबाद सीट पर हुई बीजेपी की हार के बाद से सोशल मीडिया पर एक महिला का वीडियो वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में अतिक्रमण पर महिला को गोद में बच्चा लिए रोते हुए देखा जा सकता है। वीडियो को अयोध्या से जोड़ते हुए यूजर दावा कर रहे हैं कि यह वीडियो अयोध्या का है, जहां पर लोगों के घरों को तोड़ा गया और यह मामला राम मंदिर बनने के दौरान सामने आया था।

विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल किया जा रहा वीडियो अयोध्या का नहीं है। यह वीडियो महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर का है, जहां पर हुए अतिक्रमण के खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई पर यह महिला भावुक हुई थी। अब इस पुराने वीडियो को लोकसभा चुनाव और अयोध्या से जोड़कर फर्जी दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक यूजर ने वायरल पोस्ट को शेयर करते हुए लिखा, ‘ऐसे कैसे अयोध्या जीत जाते? तुमने देखा नहीं आँखों का समुन्दर होना। प्रभु राम कभी नहीं चाहेंगे कि तुम गरीब का घर उजाड़ पर मेरा घर बनाओ।”

पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां देखें।

पड़ताल

अपनी पड़ताल को शुरू करते हुए सबसे पहले हमने वायरल वीडियो के कीफ्रेम्स को गूगल लेंस के जरिये सर्च किया। सर्च किये जाने पर हमें यह वीडियो @adv.abdulazeem नाम के इंस्टाग्राम हैंडल पर अपलोड हुआ मिला। यहां दी गई जानकारी के मुताबिक, ‘यह वीडियो महाराष्ट्र का है।’

इसी बुनियाद पर सर्च किये जाने हमें लोकमत समाचार के फोटो जर्नलिस्ट शकील खान के इंस्टाग्राम हैंडल पर वायरल वीडियो 22 फरवरी 2024 को अपलोड हुआ मिला। यहां  वीडियो में छत्रपति संभाजी नगर और औरंगाबाद का हैश टैग दिया गया है।

लोकमत समाचार के फोटो जर्नलिस्ट शकील खान ने अपने इंस्टाग्राम पर लोकमत अखबार की इसी मामले पर खबर भी शेयर की है, जिसमें वायरल वीडियो की तस्वीर को भी देखा जा सकता है। यहां खबर में दी गई जानकारी के मुताबिक, ”छत्रपति संभाजीनगर मुकुंदवाडी रेलवे स्टेशन में शिवाजी नगर के बीच प्रस्तावित 80 फुट रास्ते में बाधा बन रहे करीब दो सौ मकानों को हटाने के लिए प्रशासन ने बुधवार को पुलिस को साथ लेकर कार्रवाई शुरु की।”

वायरल वीडियो से जुड़ी पुष्टि के लिए हमने हमारे सहयोगी दैनिक जागरण में अयोध्या के संपादकीय प्रभारी राम शरण अवस्थी से संपर्क किया और वायरल पोस्ट उनके साथ शेयर की। उंहोने भी पुष्टि करते हुए बताया कि यह वीडियो अयोध्या का नहीं है।

भ्रामक पोस्ट को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर की सोशल स्कैनिंग में हमने पाया कि इस यूजर के एफबी पर 6 हजार फॉलोअर्स हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल किया जा रहा वीडियो अयोध्या का नहीं है। यह वीडियो महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर का है, जहां पर हुए अतिक्रमण के खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई पर यह महिला भावुक हुई थी। अब इस पुराने वीडियो को लोकसभा चुनाव और अयोध्या से जोड़कर फर्जी दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।

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