Fact Check: सॉफ्टवेयर की मदद से बनाए गए अनोखी आतिशबाजी के वीडियो को केरल का बताकर किया जा रहा शेयर

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि आतिशबाजी के वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। वीडियो एडिटिंग सॉफ्टवेयर के जरिए तैयार किया गया है, जिसे लोग अब असली समझकर शेयर कर रहे हैं।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि केरल के कुराविलान्गद शहर में एक अलग तरह की आतिशबाजी का शो देखने को मिली। वीडियो में सोलर सिस्टम के आकार की आतिशबाजी आसमान में होती हुई नजर आ रही है। विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की जांच की और पाया कि वायरल दावा गलत है। इसे वीडियो एडिटिंग सॉफ्टवेयर के जरिए तैयार किया गया है, जिसे लोग अब असली समझकर शेयर कर रहे हैं। 

क्या हो रहा है वायरल ?

फेसबुक यूजर अंबाई वकील ने 9 फरवरी 2022 को वायरल दावे को शेयर किया है। यूजर ने वीडियो को शेयर करते हुए अंग्रेजी में कैप्शन में लिखा है, ये केरल में हुई सुंदर आतिशबाजी का वीडियो हैं! इसे गोलाकार आतिशबाजी कहा जाता है। यह बहुत ही महंगे पटाखे हैं। इनको इंजीनियरों ने अच्छी तरह से डिजाइन किया है। यह शो दुनिया में अपनी तरह का पहला अनोखा (गोलाकार आतिशबाजी) शो है।  

वायरल पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखा जा सकता है। वायरल तस्वीर को मिलते-जुलते दावे के साथ अन्य यूजर्स भी शेयर कर रहे हैं।

पड़ताल 

वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स से सर्च करना शुरू किया। हमें दावे से जुड़ी कोई विश्वसनीय न्यूज रिपोर्ट नहीं मिली। 

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल वीडियो की जांच के लिए सबसे पहले इनविड टूल की मदद से कई ग्रैब निकाले। फिर इन्‍हें गूगल लेंस टूल की मदद से सर्च किया। इस दौरान हमें असली वीडियो ‘Mediabyjj’ नामक एक यूट्यूब चैनल पर अपलोड हुआ मिला। वीडियो को 4 जनवरी 2013 को शेयर किया है। दी गई जानकारी के मुताबिक, इस वीडियो को Fwsim सॉफ्टवेयर की मदद से बनाया गया है।

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने ‘Mediabyjj’ के यूट्यूब चैनल को खंगालना शुरू किया। अबाउट में दी गई जानकारी के मुताबिक, यूजर वीडियो गेम, नेचर और लाइफ से जुड़े कंटेंट को बनाता और शेयर करता है।

विश्‍वास न्‍यूज ने Fwsim सॉफ्टवेयर के बारे में सर्च करना शुरू किया। इस दौरान हमें Fwsim की आधिकारिक वेबसाइट मिली। वेबसाइट के अनुसार, इस सॉफ्टवेयर के जरिए अलग-अलग तरह के आतिशबाजी के वीडियो बनाए जाते हैं। कोई भी शख्स इस सॉफ्टवेयर की मदद से अपने मनपसंद आतिशबाजी के वीडियो को बना सकता है।

अधिक जानकारी के लिए हमने ग्राफिक डिजाइनर ओम प्रकाश से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल दावा गलत है। यह वीडियो सॉफ्टवेयर की मदद से बनाया गया है। इंटरनेट पर कई ऐसे सॉफ्टवेयर मौजूद हैं, जिनके जरिए आप इस तरह के वीडियो को बड़ी ही आसानी से बना सकते हैं।

विश्‍वास न्‍यूज ने केरल के स्थानीय पत्रकार राहुल देवोलापल्ली से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल दावा गलत है। इस तरह का कोई आतिशबाजी शो यहां देखने को नहीं मिली है। 

विश्‍वास न्‍यूज ने इस वीडियो को बनाने वाले ग्राफिक डिजाइनर Mediabyjj से संपर्क किया है। रिप्लाई आने पर रिपोर्ट को अपडेट किया जाएगा।

इस गलत पोस्ट को कई लोगों ने शेयर किया, जिनमें से एक हैं फेसबुक यूजर अंबाई वकील, जिनकी पोस्ट की हमने पड़ताल की। यूजर के फेसबुक पर 4,957 मित्र हैं। प्रोफाइल पर दी गई जानकारी के मुताबिक, यूजर तमिलनाडु का रहने वाला है और मई 2014 से फेसबुक पर सक्रिय है।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि आतिशबाजी के वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा गलत है। वीडियो एडिटिंग सॉफ्टवेयर के जरिए तैयार किया गया है, जिसे लोग अब असली समझकर शेयर कर रहे हैं।

False
Symbols that define nature of fake news
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